June 28, 2025 |

NEWS FLASH

Latest News
स्वच्छता दीदियों का ड्राईविंग लाईसेंस बनाने 02 जुलाई को सियान सदन में लगेगा शिविरकोरबा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ठेका घोटाला : डॉ. गोपाल कंवर और लेखाधिकारी अशोक कुमार महिपाल की जोड़ी का कमाल, ठेकेदार मालामाल…भारतमाला घोटाला: निलंबित पटवारी ने लगाई फांसी, सुसाइड नोट में लिखा- ‘मैं निर्दोष हूं’बलौदाबाजार में फैला डायरिया, कलेक्टर ने अस्पताल पहुंचकर लिया हालात का जायजाडिप्टी सीएम शर्मा ने पंचमुखी बूढ़ा महादेव मंदिर में किया जलाभिषेकनवाचार और तकनीक से सशक्त होंगे अन्नदाता : विष्णुदेव सायगद्दा बनाने वाली फैक्ट्री में लगी आग, युवक की मौत..अवैध सितार निर्माण फैक्ट्री में दबिश, दस्तावेज के अभाव में फैक्ट्री सीलबीजापुर में 13 हार्डकोर नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पणजांजगीर चांपा पुलिस की सराहनीय पहल: निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन
छत्तीसगढ़

भूपेश सरकार के 82 फीसदी आरक्षण को हाईकोर्ट में चुनौती

Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

रायपुर। छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार द्वारा हाल ही में ओबीसी के लिए आरक्षण की सीमा को बढ़ाये जाने के खिलाफ मंगलवार को हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है। इस याचिका में छत्तीसगढ़ सरकार के उस आदेश को चुनौती दी गई है जिसमें आरक्षण की सीमा को बढ़ाते हुए 82 फीसदी कर दिया गया है। याचिकाकर्ता ने आरक्षण को असंतुलित बताते हुए राज्य सरकार के अध्यादेश को सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के खिलाफ बताया है।
बिलासपुर के रहने वाले अधिवक्ता आदित्य तिवारी ने आरक्षण के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने 1992 में इंदिरा साहनी बनाम भारत संघ के फैसले में ये आदेश है कि किसी भी राज्य में 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण लागू नहीं किया जा सकता है।
याचिका में कहा गया है कि 82 फीसदी आरक्षण से रोस्टर में सामान्य वर्ग के लिए जगह नहीं बची है। जिससे मध्यम वर्गीय सामान्य परिवार को सबसे ज्यादा नुकसान होगा। उल्लेखनीय है कि भूपेश बघेल की सरकार ने छत्तीसगढ़ में ओबीसी के लिए सबसे अधिक आरक्षण की घोषणा की है। छत्तीसगढ़ में सबसे अधिक ओबीसी जाति के लोग हैं और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खुद भी ओबीसी से आते हैं।

Related Articles

Check Also
Close