छत्तीसगढ़

मंत्री बन गए लेकिन ठेकेदारी से नहीं छूट रहा पीछा, कुसमुंडा – सर्वमंगला मार्ग के बाद मंत्री के करीबी को इस जगह मिला सड़क निर्माण का जिम्मा…

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कोरबा। ठेके की राजनीति को लेकर मशहूर नगर विधायक जयसिंह अग्रवाल पर अब क्षेत्र की जनता के बीच वापस से अपने करीबियों को ठेका दिलाने की बात पहुंचाई जा रही है। आरोप है कि पूरे पंद्रह साल मस्त रहने वाले मंत्री जी को अब चुनाव के नजदीक आते ही कोरबा शहर की जनता का दुःख दर्द दिखाई देने लगा। मंत्री बनने के बाद करीब 58 महीने से कोरबा की जनता को कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ा कितनों ने इन खराब सड़कों के कारण अपनों को खोया इन खस्ता हाल सड़कों के कारण कितने लोग दुर्घटना के शिकार हुए पर कोरबा के विधायक व राजस्व मंत्री को उस समय जनता-जनार्दन की याद नहीं आई। जब भी सड़क बनाने की बात आई मंत्री के ही करीबी उपकृत हुए है। यहां तक कि बाहर से आने वाली कंपनियां भी इनके ही करीबी लोगो को पेटी कॉन्ट्रेक्ट देती रही है। जनता को तकलीफ मंत्री के करीबियों को ठेका मिलने से नहीं है बल्कि उस मंत्री के शह पर काम को धीमा कर चुनाव तक खींचने में है। सीएसईबी चौक से लेकर ध्यानचंद चौक दर्री तक सड़क जो कि केवल 5 किलोमीटर तक ही थी उसको मंत्री के करीबी ने 2 साल तक झुलाया सड़क की गुणवक्ता कभी भी मौके पर जाकर देखी जा सकती है। सर्वमंगला से इम्लीछापर (कुसमुंडा) तक की सड़क आज भी अधूरी ही है यहां के भी 4 किलोमीटर की सड़क का ठेका मंत्री ही ही करीबी के पास ही है इस बदहाल सड़क को बनते 2 साल से ज्यादा हो गए है। जहां न जाने कितनी ही जिंदगी काल में समा गई धूल के गुबार और दुर्घटना में लगी चोट का दर्द अब भी कुसमुंडा वासियों के दिल में रह रह कर कचोटता रहता है। अब बालको की सड़क सुधार का काम भी मंत्री जी के ही करीबी को दिया गया है। जी हां ये वही सड़क है जहां मंत्री ने धरने पर बैठने की भबकी दी थी, वो इसलिए क्योंकि सड़क बनाने का जिम्मा दो माह पहले ही दे दिया गया था वहीं बरसात के बाद काम शुरू होना था सो श्रेयबाज मंत्री ने चुनावी खत लिख धरने की चेतावनी दे दी बस फिर क्या था सड़क का निर्माण 5 दिन पहले शुरू कर दिया गया क्योंकि ठेकेदार तो घर का था जब तक आका का हुक्म नहीं होता काम कैसे शुरू होता भले ही लोगों को कितनी ही तकलीफ क्यों न हो। मंत्री बनने के बाद कोरबा में ठेकेदारी में केवल कुछ करीबी ही उपकृत हुए है बाकी नेता जो ठेकेदारी के जरिए ही अपनी आजीविका चलाते है उनके हाथ केवल झंडा और दरी ही लगा है। कोरबा शहर को बत से बत्तर बनाए रखने के बाद अब चुनाव के वक़्त माननीय मंत्री जी को कोरबा की सड़कों का ख्याल आ रहा है । कोरबा औद्योगिक और व्यापारिक नगरी है जो चाँपा कटघोरा दीपिका कुसमुंडा , बाक़ी, गेवरा ,दर्री बांगो जामनीपाली के बदौलत व्यापारियों के ऑटो बस चालकों की अर्थव्यवस्था निर्भर रहा है , पिछले 58 महीने में कोरबा खराब सड़क के कारण टापू बन पहुँच विहीन हो गई है। व्यापारियों की हालात तो और खराब हो गई है जो छोटे व्यापारी कोरबा से अपना व्यापार चलते थे वो आज बिलासपुर जाना ज्यादा पसंद कर रहे हैं सड़कों के खराब होने के कारण इसका असर यहां के व्यापार पर पड़ा है मंदी के दौर से गुजर रहा हैं यह का व्यापार, जनता इन खस्ता हाल सड़कों पर चलने से बचने की कोशिश करते हैं। आम जनता को जितनी परेशानी झेलनी पड़ी इनका जिम्मेदारी भी मंत्री जी आप को ही लेनी चाहिए क्योंकि आप ही इस बत्तर व्यवस्था के जिम्मेदार है। शहर के चारों तरफ की सड़कों का हाल बेहाल है कुसमुंडा से कोरबा सड़कों का हाल , बालको से कोरबा का हाल , कोरबा से चांपा सड़कों का हाल जिम्मेदार कौन, अब फिर से चुनाव सर पर है तो ख़त लिखा जा रहा है । यही प्रयास आप के द्वारा विधानसभा चुनाव के बाद जब जनता ने आपको जनादेश दिया चुनाव जीता के छत्तीसगढ़ के केबिनेट तक पहुंचाया तब से करना था।

आज जब चुनाव नजदीक है तो पुरे 58 महीने बाद कोरबा की जनता का तकलीफ दिखाई दे रहा है। आप जा के कभी कुसमुंडा नगर के आम जनता के बीच जा के पुंछे वे इन बीते 58 महीनों में कितने परेशानी उठानी पड़ी उन्हें कितना तकलीफ उठानी पड़ी कितने लोगों ने अपनों को इन खराब सड़कों के कारण खोया कितने जानलेवा प्रदुषण को झेला,, सिर्फ समाज के लिए भवन स्वीकृत किये जानें से कुछ नहीं होता यह समाजिक भवन भी आप विधानसभा चुनाव के पहले घोषणा कर रहे हैं ,, इसे भी आप राजस्व मंत्री बनने के ठीक बाद घोषणा किए होते तो आज तक सभी समाज को अपना अपना भवन अब तक बनकर मिल गया होता।

लेकिन आप तो अवसर के तलाश में रहे और ठीक चुनाव से पहले घोषणा वीर बनकर सभी जनमानस को समाजिक भवन का सौगात देना बता रहे हैं,वो भी चुनाव के समय,, इससे समाज का दर्द, तकलीफ कम नहीं होगा, बालको नगर ,की खस्ता हाल सड़क के लिए आप आन्दोलन पर बैठने की चेतावनी दिए इसे अगर 58 महीने पहले दे दिया होता तो शायद ये सड़कें पहले ही बन गया होता ,, आखिर जो ठेकेदार अभी इस काम का ठेका प्राप्त कर काम प्रारंभ कर रहा है उस समय भी वही ठेकेदार करता,,

प्रमुख बात…

उक्त बालको नगर की सड़क का ठेका आज से दो माह पूर्व ही हो चुका था पर बरसात लगने के कारण कार्य शुरू नहीं हो पाया था,, जिसके लिए मंत्री जी खुद धरने पर बैठने वाले थे,,,,अब जनता जनार्दन खुद देख लीजिए आखिर मंत्री जी क्या बोल गए ,, क्या मंत्री जी को पता नहीं था सड़क का ठेका हो गया है??? या मंत्री जी इसमें भी अपना श्रेय लेने में लगे थे????

जनता दरबार में सब खुलीं किताब है जनता सब देख रही है ,, जिम्मेदार शहर विधायक और निगम सरकार,
अपने जिम्मेदारी से मुंह फेर पुरे पांच साल निकाल दिए और आज जब जनता जनार्दन की जरूरत फिर से आपको है तो जनहित में घोषणा वीर बनकर घोषणा पे घोषणा कर रहे खस्ता हाल सड़कों के लिए ख़त लिख रहे, और अगर 15 दिवस में काम नहीं शुरू हुआ तो आन्दोलन /धरना में खुद बैठने की घोषणा कर रहे। सब गोलमाल है।

सवाल जिसका पता आपको लगाना है

01. कुसमुंडा से सर्वमंगला सड़क निर्माण का ठेकेदार कौन है ??

02. बालको सड़क निर्माण का ठेकेदार कौन है ?

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