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केले के उत्पादन से बढ़ेंगे रोजगार, ग्राम तनेली की दीदियों को मिला खेती का प्रशिक्षण

Gram Yatra Chhattisgarh
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दंतेवाड़ा । राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ‘‘बिहान‘‘ योजना का महत्वाकांक्षी उद्देश्य है कि ग्रामीण महिलाओं के लिए उनके रहवास के अनुकूल उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों में ही रोजगार के अवसर तलाशे जायें। क्योंकि कई ऐसे प्राकृतिक उत्पाद ग्रामीण क्षेत्रों में सहज उपलब्ध है। जिनका दोहन स्थानीय स्तर में ही किया जाता है, परन्तु उसे आजीविका के दृष्टिकोण से अभी नहीं देखा गया हैं।  

बदलते दौर में जैविक उत्पादन की मांग बढ़ी है आज भी आम जनों के बीच प्राकृतिक उत्पाद प्रसंस्कृत उत्पादों के मुकाबले कहीं ज्यादा लोकप्रिय है। इसे दृष्टिगत रखते हुए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ‘‘बिहान‘‘ योजना के माध्यम से जिला प्रशासन की ओर से कुआकोंडा विकासखंड के सुदूर अंचल ग्राम ’’तनेली’’ को केला उत्पादन हेतु चयनित किया गया है। 

उल्लेखनीय है कि ग्राम तनेली की कृषि भूमि अप्रत्याशित रूप से केला उत्पादन के लिए अनुकूल पाई गई है। यहां के लगभग सभी घरो की आसपास बाडि़यों व खेतों में केले पेड़ बहुतायत रूप से पाये जाते है। जिसे स्थानीय ग्रामीण यूं ही हाट बाजारों में विक्रय कर दिया करते है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ‘‘बिहान‘‘ योजना के तहत यहां केला उत्पादन की संभावना एवं महिला समूहों को घर बैठे रोजगार देने उद्देश्य से स्व-सहायता समूहों को संगठित, प्रेरित किया जा रहा है। इस क्रम में लखपति महिला पहल अंतर्गत महिला स्व-सहायता समूहों के सदस्यों को आजीविका एवं उनके आय में वृद्धि करने के लिए ग्राम की केले के उत्पादन से जुड़ी 95 महिला दीदियों का चिन्हांकन कर उद्यानिकी विभाग व विकासखंड परियोजना प्रबंधक द्वारा एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। जिनमें उन्हें प्राकृतिक रूप से उत्पादित केले का रख-रखाव रोगों से रोकथाम व उनके संवर्धन की जानकारी दी गई। साथ ही इसके विपणन के लिए उत्पादक समूह का गठन किया गया है। इसके अलावा उक्त ग्राम में केले की प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए पौधों का संरक्षण, संवर्धन तथा खाली जमीनों में केले के पौधों का रोपण किया जा रहा है। इसी तारतम्य में केला उत्पादक दीदीयों से केला फल के एकत्रण कर उत्पादक समूह के द्वारा विक्रय के लिए बाजारों तक पहुंच बनायी जा रही है।

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