अटल जी सुशासन के अमर महानायक : द्विवेदी
राजनांदगांव (ग्रामयात्रा छत्तीसगढ़ )। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई जी के परमपुण्य शुभ-मंगला सौवें जन्मदिवस के महत्तम अवसर परिप्रेक्ष्य में नगर के विचारप्रज्ञ डॉ. कृष्ण कुमार द्विवेदी ने सामयिक विचार-चिंतन में बताया कि अटल जी के सुनाम से प्रसिद्ध देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित, सुदर्शन व्यक्तित्व के धनी सर्वदा भारतीय वेश-भूषा में रहने वाले, अपने समय-काल के सर्वाधिक लोकप्रिय कविहृदय, प्रखर राजनेता अटल बिहारी बाजपेई जी देश-धरती में सुशासन के प्रणेता एवं अमर महानायक रहे हैं। माँ भारती के परम वैभव के लिए सतत् समर्पित संगठन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक बन आजीवन अविवाहित रहें अटल जी राजग सरकार के प्रथम प्रधानमंत्री रहे जिन्होंने तेरह मई 1998 में पोखरन में पांच भूमिगत परमाणु परीक्षण कर परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र के रूप में देश को सुस्थापित किया। आर्थिक विकास के नवीन सुधारों के साथ देश को ऊंचाईयों पर पहुँचाया। पड़ोसी राष्ट्र पाकिस्तान से संबंध सुधार हेतु ‘सदा-ए-शरहद’ बस सेवा प्रारंभ की।
आगे कारगिल युद्ध विजय की गौरव गाथा लिखी। स्वर्णिम चतुर्भुज सडक़ मार्ग परियोजना, कावेरी जल विवाद का निराकरण, केन्द्रीय विद्युत नियामक आयोग का गठन, राष्ट्रीय राजमार्गो-हवाई अड्डों का विकास, नई दूरसंचार नीति, कोंकंड़ रेलवे का शुभारंभ, आवास निर्माण को प्रोत्साहन, ग्रामीण रोजगार सृजन, प्रवासी भारतीयों के लिए बीमा योजना, उपभोक्ता सामग्री के मूल्य नियंत्रण हेतु विशेष प्रयास के अलावा ग्रामीण विकास संगठन, राष्ट्रीय सुरक्षा समिति, आर्थिक सलाह समिति, व्यापार और उद्योग समिति गठित करके देश को अखिल विश्व में एक वैश्विक शक्ति के रूप में आगे बढ़ाया। डॉ. द्विवेदी आगे विशेष रूप से बताया कि भारत रत्न अटल जी अंतस्य से उत्कृष्ट राष्ट्रवादी थे। वे आजीवन देश-धरती को भय, निरक्षरता और अभाव से मुक्त करने हेतु निरंतर कार्यरत रहे। आजादी के लिए प्राणों का उत्सर्ग करने वाले क्रांतिकारियों-अमर शहीदों को पूर्ण सम्मान न्याय मिले इसके लिए बढ़-चढक़र काम किया।
सर्वाधिक महत्वपूर्ण उनके साहित्यिक व्यक्तित्व की पहचान उनकी लोकप्रिय कविताएं, आलेख, व्याख्यान हैं जो सभी को मन-प्राण से प्रभावित करते हैं। उनकी कालजयी रचनाएं – हिन्दु तन-मन हिन्दू जीवन रग-रग हिंदु मेरा परिचय, गीत नया गाता हूँ, आओ फिर दिया जलाएँ आदि के साथ-साथ पं.दीनदयाल उपाध्याय एवं डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के विशिष्ट दिशा दर्शन में संघ कार्य करते हुए विशुद्ध राष्ट्रहितकारी राजनीति के पाठ पढक़र अपने समय की श्रेष्ठ पत्रकारिता करते हुए लोकप्रिय पत्र-पत्रिकाएं – पांच्यजन्य, राष्ट्रधर्म, दैनिक स्वदेश, वीर अर्जुन का संपादन भी किया। वास्तविकता में अटल जी राष्ट्रधर्मी व्यक्तित्व के सर्वमान्य जन-जन के सर्व प्रिय राजनेता हुए जिनका सरल जीवनक्रम और अद्भुत कार्यशैली तथा उनकी कालजयी रचनाएँ युगो-युगो तक, पीढ़ी दर पीढ़ी को प्रेरणा देती रहेंगी। आइये भारत माता के महान सेवक के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करें और उनके बताए गए सच्ची राष्ट्र सेवा के प्रमुख सूत्रों का प्राणप्रण से धारण कर पहल करें।
नमस्कार
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