अमित जोगी की हालत गंभीर, होगी एमआरआई जांच
रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के पुत्र अमित जोगी की हालत गंभीर बनी हुई है। उन्हें कल रात स्वास्थ्य खराब होने के बाद पेंड्रा उपजेल से सिम्स लाया गया। उन्हें हाई बीपी की शिकायत थी। मगर स्वास्थ्य में सुधार नहीं होने के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया। इस मामले में अमित जोगी ने राज्य सरकार पर आरोप भी लगाए थे।
जानकारी सामने आई है कि अपोलो के चिकित्सकों ने अमित जोगी की एमआरआई जांच करने का निर्णय लिया है। अभी अभी आईसीयू से अमित को अलग अलग जांच के लिए डॉक्टर लेकर निकले। देर रात अपोलो में शिफ्ट करने के बाद डॉ की टीम अमित के इलाज में जुटी। अमित का बीपी नियंत्रित नही हो पा रहा है। यही वजह कि वे बार बार बेहोश हो जा रहे हैं।
बात करते करते बेहोशी की हालत में चले जा रहे हैं। जुबान भी उनकी लड़खड़ा रही है। अपोलो के चिकित्सकों को आशंका है कि जेल में कहीं अमित को मिर्गी का अटैक तो नही आया। लिहाजा चिकित्सकों ने एमआरआई के साथ आधा दर्जन अन्य चेकअप करने का निर्णय लिया है। बहरहाल अमित की एमआरआई जांच की प्रक्रिया अब कुछ ही फेर में शुरू होने वाली है।
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेशाध्यक्ष अमित जोगी ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि तबीयत खराब होने के बाद भी समय पर एंबुलेंस उपलब्ध नहीं कर पा रही है। समुचित चिकित्सा व्यवस्था नहीं दे पा रही है। सरकार चाहती है कि हिरासत में उनकी मौत हो जाए । अगर ऐसा होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की होगी ।
अमित जोगी मंगलवार से गौरेला के उप जेल में बंद हैं। बुधवार को देर रात उनको सांस लेने में तकलीफ होने पर जेल अफसरों ने चिकित्सक की देखरेख में सामुदायिक स्वास्थ्य में भर्ती कराया था । तबीयत ठीक होने पर अमित ने देर रात वापस जेल जाने की इच्छा जताई थी। लिहाजा जेल अफसरों ने सुरक्षा के बीच उनको रात में ही जेल में शिफ्ट कर दिया था। शुक्रवार को शाम के वक्त अचानक उनकी तबीयत एक बार फिर बिगड़ गई । सांस लेने में तकलीफ होने के साथ ही ब्लड प्रेशर भी बढ़ा हुआ था।
जेल के प्रभारी चिकित्सक ने जांच के बाद अस्पताल रिफर करने की बात कहते हुए जेल अधिकारी को सिम्स ले जाने की सलाह दी । प्रभारी चिकित्सक की रिपोर्ट के बाद जेल प्रभारी ने एंबुलेंस की व्यवस्था के लिए स्थानीय प्रशासन से चर्चा की । एंबुलेंस की व्यवस्था होने में दो से ढाई घंटे लग गए । इस बीच अमित को सांस लेने में लगातार तकलीफ बढ़ती गई । बीपी भी हाई हो गया था। ढाई घंटे बाद एंबुलेंस की व्यवस्था हुई । तब अमित को जेल के बैरक से निकालकर एंबुलेंस की ओर ले जाया गया ।
जूनियर जोगी यानी पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के पुत्र अमित कई बार गंभीर आरोपों के घेरे में आते रहे हैं। छत्तीसगढ़ के पहले राजनीतिक हत्याकांड (जग्गी) में भी अमित पर हत्या समेत अन्य धारों में मुकदमा दर्ज हुआ था। मामले की सीबीआइ ने जांच की थी। 2014 के चर्चित अंतागढ़ टेपकांड में भी अमित आरोपित हैं। अमित पर अब तक करीब एक दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। इसमें प्रदेश के विभिन्न् थानों में राजनीकि कारणों से दर्ज एफआइआर भी शामिल है।
छत्तीसगढ़ में 2003 में हुई रामअवतार जग्गी को प्रदेश इतिहास का पहला राजनीतिक हत्याकांड माना जाता है। जग्गी एनसीपी के प्रदेश कोषाध्यक्ष थे। अमित इस मामले में आरोपित थे। इसकी जांच पहले राज्य पुलिस ने की फिर सीबीआइ को सौंपा गया था। इस मामले में कोर्ट ने 2007 में अमित को दोष मुक्त करार दे दिया।
फिलहाल अमित पर एक और चर्चित राजनीतिक मामले अंतागढ़ टेपकांड में केस चल रहा है। 2014 के इस घटनाक्रम की राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद नए सिरे से जांच की जा रही है। सरकार ने एसआइटी गठित की है जो जोगी पिता-पुत्र के साथ अंतागढ़ उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रहे मंगतू राम पवार और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के दमाद पुनित गुप्ता का वाइस सैंपल लेने रायपुर के कोर्ट में आवेदन लगाया है। इस प्रकरण की सुनवाई चल रही है।
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