September 2, 2025 |

NEWS FLASH

Latest News
दुष्कर्म के आरोपी डिप्टी कलेक्टर दिलीप उइके को नहीं मिली जमानतरक्तदान एक महान और जीवनदायी कार्यदरिमा में 35 ग्रामीणों ने सीखा राजमिस्त्री एवं रानी मिस्त्री का हुनरअंबेडकर अस्पताल के नर्सिंग कर्मचारियों को भी मिले वेतन वृद्धि का लाभ: NSUIस्मार्ट मीटर बना मुसीबत: 200 रुपए से अचानक 22 हजार का बिजली बिल…प्रोजेक्ट पाई पाई : एसबीआई चीफ मैनेजर ने दिए वित्तीय योजनाओं की जानकारीकारखानों में श्रमिकों के नियमित स्वास्थ्य जाँच में नहीं चलेगी मनमानी, श्रम मंत्री ने दिए कड़े निर्देशप्रोजेक्ट सुरक्षा के तहत छात्रों एवं कर्मचारियों को मिला जीवनरक्षक प्रशिक्षण12 घंटे से शबरी नदी में फंसे व्यक्ति को भारतीय वायुसेना व जिला प्रशासन ने सुरक्षित निकालास्टिंग वीडियो के बाद परिवहन कार्यालय में हड़कंप, डीटीओ बोले – आधारहीन वीडियो से भयादोहन की आशंका, भ्रष्टाचार पर शिकायत के लिए कलेक्टर से संपर्क का रास्ता खुला
अपराधछत्तीसगढ़रोचक तथ्य

स्टिंग वीडियो के बाद परिवहन कार्यालय में हड़कंप, डीटीओ बोले – आधारहीन वीडियो से भयादोहन की आशंका, भ्रष्टाचार पर शिकायत के लिए कलेक्टर से संपर्क का रास्ता खुला

Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

कोरबा। कोरबा परिवहन कार्यालय में इन दिनों एक तथाकथित पत्रकार के स्टिंग वीडियो और प्रकाशित खबरों को लेकर हलचल मची हुई है। आरोप है कि पत्रकारिता की आड़ लेकर अधिकारियों और कर्मचारियों की छवि धूमिल की जा रही है और इसके बाद दबाव बनाकर निजी स्वार्थ साधने की कोशिश हो सकती है।

जिला परिवहन अधिकारी विवेक सिन्हा ने स्पष्ट किया कि कार्यालय का हर कार्य नियम और दिशा-निर्देशों के अनुरूप किया जाता है। उन्होंने कहा कि आधारहीन स्टिंग वीडियो या फोटो प्रकाशित कर अधिकारियों पर संदेह की स्थिति बनाना उचित नहीं है। यदि किसी को भ्रष्टाचार की शिकायत है तो उसके लिए जिला प्रशासन, कलेक्टर या विभागीय उच्च अधिकारियों से सीधे संपर्क करने की व्यवस्था मौजूद है।

डीटीओ ने बताया कि कोरबा औद्योगिक नगरी है, जहां अधिकांश ट्रांसपोर्टर अपने वाहन संबंधी कार्यों के लिए या तो अपने कर्मचारी भेजते हैं या प्राइवेट एजेंट की मदद लेते हैं। परिवहन कार्यालय एक शासकीय कार्यालय है, जहां नागरिकों की आवाजाही पर कोई प्रतिबंध नहीं है।

सूत्रों का कहना है कि संबंधित पत्रकार कार्यालय में मोबाइल से छुपे कैमरे की मदद से वीडियो रिकॉर्ड करता है और फिर उसके स्क्रीनशॉट को समाचार पत्र, यूट्यूब या वेबसाइट पर प्रकाशित करता है। इसके बाद वह खुद शिकायतकर्ता की भूमिका में सामने आकर आरटीआई और विभागीय पत्राचार करता है। इस प्रक्रिया से दबाव बनाकर आर्थिक लाभ लेने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।

डीटीओ विवेक सिन्हा का कहना है कि बिना तथ्यों की पुष्टि किए केवल प्रश्नवाचक चिन्ह लगाकर समाचार प्रकाशित करना पत्रकारिता की मर्यादा के विपरीत है। इससे ईमानदार अधिकारी और कर्मचारी अनावश्यक रूप से कटघरे में खड़े हो जाते हैं।

परिवहन विभाग का मानना है कि ऐसी गतिविधियां समाज को समर्पित पत्रकारिता की गरिमा को ठेस पहुंचाती हैं। यदि पत्रकारिता का इस्तेमाल व्यक्तिगत लाभ के लिए किया जाएगा, तो यह विभाग की कार्यप्रणाली और पत्रकारिता की साख दोनों के लिए नुकसानदायक है।

हालांकि, यह भी सच्चाई है कि परिवहन कार्यालय में केवल शासकीय शुल्क जमा करने के बाद काम आसानी से निपटाना आम जनता के लिए कठिन साबित होता है। यदि ईमानदारी से जांच की जाए तो अधिकांश वाहन मालिक या चालक नियमों के पालन में ढिलाई करते पाए जाएंगे।

ग्राम यात्रा न्यूज़ नेटवर्क की अपील है कि आमजन केवल निर्धारित शासकीय शुल्क जमा करें और यदि इसके बावजूद कार्य में देरी हो या कोई अधिकारी-कर्मचारी रिश्वत की मांग करे, तो सीधे जिला परिवहन अधिकारी से संपर्क करें व जानकारी हमसे साझा करें। ऐसी स्थिति में हम न केवल खबर को निष्पक्षता के साथ प्रकाशित करेंगे बल्कि भ्रष्टाचार पर कार्रवाई सुनिश्चित कराने का हर संभव प्रयास भी करेंगे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close