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कोरबा। काफी जद्दोजहद के बाद फिर एक बार लोकसभा के चुनावी रण में घमासान के लिए आखिरकार कांग्रेस ने अपना मोहरा उतार दिया है। कोई नई सूरत नहीं, बल्कि वही मौजूदा सांसद श्रीमती ज्योत्सना चरण दास महंत ही मैदान में उतर आईं हैं, जिन्हें कोरबा लोकसभा में आठ विधानसभा की जनता उनके नाम लिखी तख्तियां हाथ में लेकर ढूंढते रह गए। कभी टिकट के लिए पार्टी के गलियारों में चप्पल घिसने वाले कांग्रेसी इस बार की भाजपा प्रत्याशी सरोज पांडेय से सामना होने के डर से अंतर्ध्यान हो गए हैं और अब कांग्रेस के पास महंत को रिपीट करने के अलावा कोई दूसरा दांव नहीं बचा है। अच्छी बात यह है कि मौजूदा राजनीतिक लहर जनता के साथ है, जिन्हें इस बार लालटेन लेकर अपने सांसद को ढूंढने की मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी, क्योंकि…ये पब्लिक है सब जानती है।
थोड़ा बैग्राउंड में चलें, तो अंतर्ध्यान हो जाने या कांग्रेस पार्टी के पास ज्योत्सना का कोई बेहतर विकल्प न होने के पीछे की वजह समझी जा सकती है। हुआ यूं कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव में कोरबा के रास्ते सियासत की जमीन तलाशते डॉ चरण दास महंत आखिर सक्ति रवाना हो गए। जाते जाते उन्होंने अपनी पत्नी श्रीमती ज्योत्सना चरण दास महंत को यहां खड़ा कर तो दिया, पर नगर सेठ का दबदबा किस कदर हावी है, उसकी बानगी हर पांचवे साल दिख ही जाती है। जिसके आगे कांग्रेस पार्टी का रुतबा भी फीका पड़ जाता है। दरअसल कोरबा की सीट से जब जब किसी कांग्रेसी ने चुनाव लड़ा, आठ विधानसभा क्षेत्र में कोरबा शहरी विधानसभा ने हमेशा धोखा किया है। कोरबा विधानसभा में वोटों का ग्राफ नीचे और उसके लिए खंदक खोदने का काम नगरसेठ करते रहे हैं। ऐसे में जब कांग्रेस जीती, तो रामपुर, तानाखार, मरवाही और कटघोरा में लीड के भरोसे। पर जब जब हार पर मंथन हुआ, कोरबा शहरी विधानसभा में वोटों की खाई ही नजर आई। अब मौजूदा परिस्थिति और कोरबा लोकसभा चुनाव 2024 पर गौर करें तो भाजपा प्रत्याशी सरोज पांडेय जैसी कद्दावर शख्सियत और राष्ट्रीय रुतबे की राजनेता मैदान में हैं और उनका सामना करना तो पहले ही बड़ा चैलेंज है, उस पर पूर्व राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल की खंदक खोदने की आदत से दो तरफा वार झेलने का कलेजा भला किसके पास हो सकता है, यह बड़ा सवाल है। जवाब के रूप में स्वयं पूर्व राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल भी खुद को लोकसभा के लिए कांग्रेस प्रत्याशी की टिकट दिलाने कोशिशों में जुटे थे, पर दिल्ली में जुगत इस बार काम न आई। यही एक बड़ी वजह है जो पैसा, रुतबा और राजनीतिक करियर दांव पर लगाकर पीठ में छुरी और माथे पर हार की कालिख बर्दाश्त करने कोई दूसरा कांग्रेसी तैयार ही नहीं। लिहाजा पार्टी आला कमान के पास मौजूदा सांसद श्रीमती ज्योत्सना चरण दास महंत को टिकट देकर बली का बकरा पेश कर दिया है।
तब में 36 हजार वोट से पिछड़ी थी कांग्रेस, क्योंकि अपने कद की बराबरी नहीं चाहते जयसिंह
उल्लेखनीय होगा कि जयसिंह अग्रवाल के राजस्व मंत्री रहते पिछले लोकसभा चुनाव में कोरबा विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी रहीं मौजूदा सांसद श्रीमती ज्योत्सना चरण दास महंत 36 हजार वोटों से पीछे रहीं। वह भला हो, तब के समय के पाली-तानाखार विधायक रहे कांग्रेसी विधायक मोहित राम केरकेट्टा का, जिन्होंने 61 हजार वोट की बढ़त दिलाकर श्रीमती महंत हो जीत के करीब पहुंचा दिया। राजस्व मंत्री रहते तब 36 हजार वोटों का गड्ढा बन गया था। अब तो जयसिंह स्वयं ही 28 हजार वोटों से कोरबा विधानसभा की सीट हार चुके हैं। ऐसे में अंदाजा लगाना मुश्किल न होगा कि इस लोकसभा चुनाव कांग्रेस की आगामी दशा क्या होगी। बता दें कि तब के दौर में कांग्रेस के पास कोरबा लोकसभा की छह विधासभा सीट पर पार्टी के ही विधायकों का कब्जा भी था। इन छह सीटों में भरतपुर-सोनहत, मनेंद्रगढ़, बैकुंठपुर, कोरबा, कटघोरा, पाली-तानाखार में कांग्रेस काबिज था। रही बात आसन्न लोकसभा चुनाव 2024 की, तो कांग्रेस की सरकार और कोरबा का किला ध्वस्त हो चुका है। कटघोरा में भाजपा और पाली-तानाखार में गोंगपा का कब्जा है। कोरबा विधानसभा भी कांग्रेस और पूर्व विधायक जयसिंह के हाथ से जा चुकी है। जहां पूर्व राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल का दबदबा डेढ़ दशक से कायम रहा, वहीं वोटों का ग्राफ धराशाई नजर आया। इन आंकड़ों की जुबानी यह साफ जाहिर होता है कि पूर्व राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल यह कभी नहीं चाहेंगे कि कोरबा विधानसभा में उनके कद को कमतर करने वाला कोई दूसरा नेता खड़ा हो या बराबरी और वरिष्ठता के क्रम का राजनीतिज्ञ यहां अपनी पैठ जमा सके।
यहां लखन, वहां श्याम…सरोज के जीत की राह प्रशस्त करेंगे दो-दो कैबिनेट मंत्री
अब तो कोरबा लोकसभा चुनाव में भाजपा की ताकत बढ़ाने दोगुना उत्साह नजर आएगा। कोरबा लोकसभा की सीट पर भगवा लहराने के मिशन 2024 में दो दो कैबिनेट मंत्री मैदान में डटे मिलेंगे। एक ओर जहां कोरबा जिले से मंत्री लखनलाल देवांगन का जनबल पार्टी में जान फूंकेगा, वहीं मनेंद्रगढ़ से स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल की सौम्यता भाजपा प्रत्याशी व राज्यसभा सांसद सुश्री सरोज पांडेय के लिए जनता का दिल जीतेगी। इस तरह अपनी सादगी और सरलता के साथ लोकप्रिय छवि के लिए पहचाने जाने वाले प्रदेश के दो कैबिनेट मंत्री सुश्री सरोज पांडेय के जीत की राह प्रशस्त करने अपनी भूमिका निभाने जुट गए हैं।