September 6, 2025 |

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छत्तीसगढ़

कंपोजिट दुकान में बिक रही थी मिलावटी शराब, 250 पेटी जब्त

Gram Yatra Chhattisgarh
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सुपरवाइजर और एक कर्मी फरार, 3 सेल्समेन हिरासत में

 

रायपुर (ग्रामयात्रा छत्तीसगढ़ )। राजधानी में आबकारी विभाग के उड़नदस्ता दल ने एक बार फिर मिलावटी शराब के गोरखधंधे का पर्दाफाश किया है। लालपुर स्थित कंपोजिट सरकारी शराब दुकान में दबिश के दौरान 250 पेटी मिलावटी शराब जब्त की गई, जबकि 26 पेटी गोवा ब्रांड की शराब बिना होलोग्राम के पाई गई। यह खुलासा इस बात की पुष्टि करता है कि सरकारी दुकानों के माध्यम से दो नंबर की शराब की तस्करी की जा रही है।

छापे में बेनकाब हुई घटिया शराब की बिक्री
उड़नदस्ता दल को लंबे समय से शिकायत मिल रही थी कि लालपुर की सरकारी शराब दुकान में चिप रेट ब्रांड की शराब में पानी मिलाकर ग्राहकों को बेचा जा रहा है। गुरुवार शाम जब दुकान में दबिश दी गई, तो घटिया और मिलावटी शराब बेचते हुए कर्मचारियों को रंगे हाथों पकड़ा गया।

फरार कर्मचारी और हिरासत में तीन सेल्समेन
कार्रवाई के दौरान दुकान का सुपरवाइजर शेखर बंजारे और तीन सेल्समेन मौके से फरार हो गए। वहीं, तीन अन्य सेल्समेन को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। इन सभी कर्मचारियों की भर्ती एक निजी प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से की गई थी, जो आबकारी विभाग के सरकारी ठेके पर कार्यरत थी।

प्लेसमेंट एजेंसी पर गहराया शक
इस खुलासे के बाद प्लेसमेंट एजेंसी की भूमिका संदेह के घेरे में आ गई है। अब यह स्पष्ट हो गया है कि एजेंसी के ज़रिए तस्करी की शराब को सरकारी सिस्टम की आड़ में खपाया जा रहा था। विभाग अब एजेंसी की जवाबदेही तय करने की दिशा में भी कार्रवाई कर रहा है।

जांच और कानूनी कार्रवाई
संभागीय उड़नदस्ता प्रभारी ने बताया कि आबकारी अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।  जब्त शराब की गुणवत्ता की जांच लैब में कराई जाएगी। दोषियों के खिलाफ लाइसेंस निलंबन तक की कार्रवाई की जा सकती है।

प्रदेशभर में सतर्कता अभियान शुरू
प्रभारी अधिकारी ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई एक सतत अभियान का हिस्सा है। आने वाले दिनों में प्रदेश की अन्य शराब दुकानों पर भी आकस्मिक निरीक्षण किया जाएगा। सरकारी व्यवस्थाओं में ढील और निजी एजेंसियों की मनमानी को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

रायपुर की सरकारी शराब दुकान में हुए इस खुलासे ने एक बार फिर दिखा दिया कि सरकारी सिस्टम की निगरानी में खामी और निजी एजेंसियों की ढील किस तरह आम जनता को नुकसान पहुंचा रही है। आबकारी विभाग की यह कार्रवाई न सिर्फ चेतावनी है, बल्कि संकेत है कि अब गड़बड़ी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

 

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