छत्तीसगढ़

डेंगू के प्रति जागरूकता बढ़ाने प्रचार-प्रसार रथ को हरी झंडी दिखाकर किया गया रवाना

कोरबा । बारिश के मौसम में जिले में मौसमी बीमारियों में पाँव पसार लिया है। शहरी क्षेत्र में जागरूकता की कमी के कारण डेंगू के लगातार केस मिल रहे हैं। डेंगू की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में 19 सितंबर को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस. एन. केशरी के द्वारा डेंगू जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। कलेक्टर अजीत वसंत एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एस. एन. केशरी ने जिले के नागरिकों से अपील किये है कि उपरोक्त सावधानी बरतकर अपने को डेंगू बीमारी से सुरक्षित रख सकते है।

डेंगू बुखार के उपसेक्स लक्षण आने पर चिकित्सक की सलाह से दवाइयों का सेवन करें। इस प्रचार-प्रसार रथ के द्वारा शहरी क्षेत्रों में घूम-घूम कर डेंगू बीमारी के संबंध में लोगों को जागरूक किया जाएगा। इस अवसर पर जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. कुमार पुष्पेश, जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री पद्माकर शिंदे, शहरी कार्यक्रम प्रबंधक ज्योत्सना ग्वाल तथा अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।

इस संबंध में सीएमएचओ डॉ. केशरी ने बताया कि डेंगू एक बीमारी है जो डेंगू वायरस से संक्रमित मच्छरों के काटने से फैलती है। इस बीमारी के लक्षण जैसे तेज बुखार, मतली और उल्टी, मासपेशियों हड्डियों और जोड़ों में दर्द, आंखों के पीछे दर्द, पेट में तेज दर्द, मसूड़ों या नाक से खून आना, त्वचा के नीचे रक्त स्त्राव, तेज सांस लेना इत्यादि है। डेंगू लोगों की लापरवाही वा जागरूकता की कमी से फैल रहा है। दरअसल डेंगू फैलाने वाले ’एडिज मच्छर ठहरे हुए साफ पानी में पनपता है जैसे कूलर, पानी की टंकी, पक्षियों के पीने के पानी का बर्तन, फ्रिज की ट्रे, फूलदान, नारियल का खोल, टूटे हुए बर्तन या टायर इत्यादि। उन्होंने कहा कि डेंगू आपके अपने घर से ही फैलता है आप अपने घरों में पानी के भरे हुए बर्तनों व टंकियों आदि को ढंककर रखें। कूलर को खाली करके सुखा दें, यदि कुलर तथा पानी की टंकियों को पूरी तरह खाली कर पाना संभव नहीं है, तो उनमें सप्ताह में एक बार पेट्रोल या मिट्टी का तेल डाल दें। यह मच्छर दिन के समय काटता है ऐसे कपड़े पहने जो बदन को पूरी तरह ढंके। डेंगू हो जाने पर कोई भी दवा अपने आप ना लें, डॉक्टर की सलाह लें। डेंगू बुखार के मरीज को मच्छरदानी लगे हुए बिस्तर पर रखे। ओ.आर.एस.घोल, नारियल का पानी, फलों का रस आदि तरल प्रचुर मात्रा में लें।

 

 

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