छत्तीसगढ़
CG NEWS : चुनाव में स्थानीय मुद्दे गायब, घोषणा पत्र के बूते लड़ रहे प्रत्याशी
बिलासपुर। तखतपुर विधानसभा क्षेत्र से इस बार चुनाव में स्थानीय मुद्दे गायब हैं। गांवों में सडक़, बिजली, नाली, पानी और अधूरे गौठानों की समस्या आज भी यथावत हैं। इस बार यहां चुनाव लडऩे वाले बड़े राजनीतिक दलों के प्रत्याशी पार्टी द्वारा जारी किए गए घोषणा पत्र के वायदों के बूते चुनाव लड़ रहे हैं। इधर गांवों में रहने वाले मतदाता आज भी बुनियादी सुविधाओं की मांग कर रहेे हैं।
बुधवार को तखतपुर विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों का जायजा लिया। देखा कि गांवों में रहने वाले आज भी बुनियादी सुविधाओं से जूझ रहे हैं। यहां के मतदाताओं ने बताया कि तखतपुर शहरी क्षेत्र और उसके आसपास के गांवों में रहने वालों को सडक़, बिजली, पानी, नाली और गौठान की सुविधाएं मिल रही हैं, लेकिन ग्राम पांड, सैदा,चिचिदा, मेंड्रा, उसलापुर, घुरू, अमेरी, मेढ़पार,खरकेना,सागर, सावांताल, लमेर, भाड़म, घुटकू, लोखंडी के ग्रामीणों ने बताया कि बीते पांच वर्षों में मुख्य मार्ग बनाए तो गए, लेकिन गांव की अंदरूनी सडक़ों , नालियों , पेयजल पाइप लाइन की सुविधा नहीं होने से लोग परेशान हैं।
गांव में पिछले 1 वर्ष से पानी की टंकियों का निर्माण शुरू हुआ है, यह कब तक पूरा होगा यह पता नहीं। कुल मिलाकर लोगों का स्पष्ट संकेत था कि इस चुनाव से स्थानीय मुद्दे गायब हैं, प्रमुख दल अपने-अपने घोषणात्रों की ही डपली पीट रहे हैं। लोगों ने बताया कि इस बार भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशी के बीच ही मुख्य मुकाबला है। हलांकि मतदाता अपने पत्ते तो नहीं खोल रहा है पर इशारे में कई बातें सामने रखता हुआ नजर आ रहा है।
उम्मीद तो इस बार भी कायम है…
ग्रामीण इस बार क्षेत्र का विकास होने और बुनियादी सुविधाएं मिलने की उम्मीदे लगाए बैठे हैं। सडक़ के साथ-साथ , पेयजल आपूर्ति, राशन कार्ड बनाने, बिजली गुल होने की समस्या से समाधान, प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हाई व हायर सेकेंडरी स्कूलों का निर्माण, कॉलेजों का निर्माण होने की उम्मीद जताई जा रही है।
ग्रामीण इस बार क्षेत्र का विकास होने और बुनियादी सुविधाएं मिलने की उम्मीदे लगाए बैठे हैं। सडक़ के साथ-साथ , पेयजल आपूर्ति, राशन कार्ड बनाने, बिजली गुल होने की समस्या से समाधान, प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हाई व हायर सेकेंडरी स्कूलों का निर्माण, कॉलेजों का निर्माण होने की उम्मीद जताई जा रही है।
बुनियादी सुविधाएं दिलाने का वादा, लेकिन नहीं हुआ पूरा
वर्ष 2018 चुनाव में विधानसभा के ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाएं दिलाने का वादा करते हुए इसे प्रत्याशियों ने मुद्दा बनाया था। इसमें सडक़, बिजली, नाली, पानी, स्वास्थ्य केन्द्र, हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूल का निर्माण समेत कई विकास कार्य कराने के वादे किए गए थे, लेकिन एक भी वादे पूरे नहीं हुए। सरकार की जल जीवन मिशन का काम अधूरा है तो कई ऐसे भी क्षेत्र हैं जहां हाई और हायर सकेंडरी स्कूल नहीं होने से बच्चों को 10-12 किलोमीटर साइकिल चलाकर जाना पड़ता है।
वर्ष 2018 चुनाव में विधानसभा के ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाएं दिलाने का वादा करते हुए इसे प्रत्याशियों ने मुद्दा बनाया था। इसमें सडक़, बिजली, नाली, पानी, स्वास्थ्य केन्द्र, हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूल का निर्माण समेत कई विकास कार्य कराने के वादे किए गए थे, लेकिन एक भी वादे पूरे नहीं हुए। सरकार की जल जीवन मिशन का काम अधूरा है तो कई ऐसे भी क्षेत्र हैं जहां हाई और हायर सकेंडरी स्कूल नहीं होने से बच्चों को 10-12 किलोमीटर साइकिल चलाकर जाना पड़ता है।
फैक्ट फाइल
कुल मतदाता 243679
पुरुष मतदाता 123514
महिला मतदाता 120164
अन्य मतदाता ०1
कुल मतदाता 243679
पुरुष मतदाता 123514
महिला मतदाता 120164
अन्य मतदाता ०1
2018 चुनाव परिणाम
मतदान 162638(73.20 फीसदी)
कांग्रेस 52616(32.35 फीसदी)
जेसीसीजे 49625(30.51फीसदी)
भाजपा 45622(28.05फीसदी)
अन्य प्रत्याशी 13859(8.52फीसदी)पछले कई दशकों से नेताओं का लगातार आना जाना रहा है । उनसे कई बार सडक़ निर्माण की मांग की जा चुकी है, लेकिन नेताजी आते जरूर है, लेकिन मांगें सुनकर चले जाते हैं और सडक़ जस की तस रह जाती है।
प्रहलाद यादव, मेण्ड्रा
मतदान 162638(73.20 फीसदी)
कांग्रेस 52616(32.35 फीसदी)
जेसीसीजे 49625(30.51फीसदी)
भाजपा 45622(28.05फीसदी)
अन्य प्रत्याशी 13859(8.52फीसदी)पछले कई दशकों से नेताओं का लगातार आना जाना रहा है । उनसे कई बार सडक़ निर्माण की मांग की जा चुकी है, लेकिन नेताजी आते जरूर है, लेकिन मांगें सुनकर चले जाते हैं और सडक़ जस की तस रह जाती है।
प्रहलाद यादव, मेण्ड्रा
गांव की जनसंख्या 4 हजार से अधिक है। यहां सिर्फ 1 सरकारी मिडिल स्कूल है। नवमीं कक्षा में पढ़ाई करने के लिए गांव के बच्चों को सकरी या दूसरे गांव जाना पड़ता है, जिसकी दूरी अधिक है। मांग करने पर नेताओं ने सिर्फ आश्वासन ही दिया है।।
सुरेशा वर्मा, सैदा
सुरेशा वर्मा, सैदा
पेयजल की समस्या कई वर्षों से रही है। इस वर्ष बारिश नहीं होने से और समस्या बढ़ गई है। गांव में जो बोर हुए थे वह भी खराब हो गए है। उनकी जगह दूसरे बोर अब तक नहीं बनाए गए हैं। पेयजल पाइप लाइन बिछाने का काम अब शुरू हुआ है।
कमलेश कुमार सागर
कमलेश कुमार सागर
इस बार भी किसानों के लिए ऋ ण माफी की घोषणा होने से किसान खुश हैं। साथ ही धान खरीदी की राशि बढऩे का भी प्रभाव पड़ा है। ग्रामीण क्षेत्रों में मतदाता एक बार फिर से मौका देने का मन बना रहे हैं।।