June 29, 2025 |

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छत्तीसगढ़

करते गए भुगतान पर भुगतान, अब बोरिया बिस्तर समेट कर ठेकेदार गायब

पानी टंकी का निर्माण अधूरा, शहर में पाइप लाइन बिछाने का अधूरा, चांपा से पानी लाने पाइप लाइन विस्तार का भी काम अधूरा।

Gram Yatra Chhattisgarh
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जांजगीर-चांपा – पानी टंकी का निर्माण अधूरा, शहर में पाइप लाइन बिछाने का अधूरा, चांपा से पानी लाने पाइप लाइन विस्तार का भी काम अधूरा। निर्माण का यह हाल जिला मुख्यालय में साढ़े 34 करोड़ के जल आवर्धन योजना का है।

यानी काम कुछ हुआ ही नहीं। फिर भी ठेकेदार को पचास फीसदी से ज्यादा का भुगतान नगरपालिका से हो चुका है। यानी आंख मूंदकर भुगतान पर भुगतान करते गए।

 

इधर शहर में करीब छह माह से काम पर ग्रहण हुआ है। निर्माण कार्य का कहीं अता-पता नहीं है जैसे ठेकेदार बोरिया बिस्तर समेटकर यहां से गायब हो चुका है। इधर अधिकारी भी हाथ पर हाथ धरे बैठे हुए हैं।

इतने माह तक काम बंद होने के बावजूद और ठेकेदार पर लगातार लापरवाही किए जाने का आरोप पार्षदों के द्वारा लगाने के बाद भी आज तक ठेकेदार पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं होना एक तरह से ठेकेदार को अभयदान देने जैसा ही नजर आ रहा है। 2020 तक पूरा होने का काम 2023 में भी अधूरा ही पड़ा हुआ है। इधर काम कब से शुरु होगा, कब पूरा होगा, इसका कोई जवाब अधिकारियों के पास नहीं है। अधिकारी मूकदर्शक बने नजर आ रहे हैं।

आखिर किस आधार पर 50 फीसदी से ज्यादा भुगतान

नपा जांजगीर-नैला के अफसरों की माने तो ठेका कंपनी को करीब 19 से 20 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। यानी देखे तो निर्माण लागत की आधे से ज्यादा का पेमेंट हो चुका है। भुगतान करने के पीछे जिम्मेदारों का दावा है कि ७५ फीसदी काम हो चुका है। इसलिए इतना भुगतान हुआ है लेकिन दूसरी ओर पालिका के ही जनप्रतिनिधियों का दावा है कि शहर में 50 फीसदी भी काम पूरा नहीं हुआ है। शहर में भी हर वार्ड में काम अधूरा पड़ा है। ऐसे में यही लग रहा है कि ठेकेदार के द्वारा बिल पर बिल लगाते गया और नपा के जिम्मेदारों के द्वारा आंख मूंदकर भुगतान पर भुगतान करते गए। इधर अब अधिकारी आचार संहिता का हवाला दे रहे हैं कि इसके बाद कार्रवाई करेंगे।

जल आवर्धन का काम ठेेकेदार ने लंबे समय से बंद कर रखा है। इसकी शिकायत शासन से की जा चुकी है। करीब 19 -20 करोड़ का भुगतान हुआ है। काम पूर्णता के आधार पर ही भुगतान हुआ है ताकि ठेकेदार आगे काम निर्बाध गति से जारी रखे। पर भुगतान के बावजूद लापरवाही बरती जा रही है। ठेका कंपनी का कोई जिम्मेदार भी संपर्क में नहीं है। – चंदन शर्मा, सीएमओ

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