July 31, 2025 |

NEWS FLASH

Latest News
बिलासपुर में आर्किटेक्ट फर्जीवाड़ा : 10 साल से चल रहा था नक्शा पासिंग का खेल, असली खुलासा अब हुआASI का भ्रष्ट खेल उजागर: रिश्वत लेकर आरोपी को लौटाया जब्त मोबाइल, कोर्ट आदेश को दिखाया ठेंगा — शिकायत करने पर दी धमकी, ऑडियो वायरलमहिला अधिकारी ने डीएमसी के खिलाफ की थी झूठी शिकायत ! प्रशासन की जांच में आरोप पाए गए गलत, किसके शह पर बिछाए गए थे मोहरे पढ़िए पूरी रिपोर्ट…शोक समाचार :  पत्रकार एवं छत्तीसगढ़ अखबार वितरक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विनोद सिन्हा नहीं रहेONC BAR पर प्रशासन की चुप्पी पर उठा विवाद, विश्व हिंदू परिषद ने जताई नाराज़गीबिलासपुर कलेक्टर की अनुकरणीय पहल – पशु व जनहित में सराहनीय कदमसीएम साय ने किया ‘गौ विज्ञान परीक्षा अभियान 2025’ का शुभारंभग्रीन उद्यम की परिकल्पना को साकार करने साय सरकार दे रही विशेष पैकेज: उद्योग मंत्री श्री लखन लाल देवांगनबालको महिला मंडल ने धूमधाम से मनाया तीज महोत्सव“जब कोई साथ नहीं होता… तब ‘आगाज़ इंडिया’ साथ होता है” ‘आख़िरी सफर’ — एक संवेदनशील और मानवीय पहल
छत्तीसगढ़

कृषि पंपों के लिए अब अलग बिजली दर टैरिफ

टैरिफ प्रस्ताव में कंपनी ने इसके लिए अलग 'एलवी-1 ए' कैटेगरी बनाने का आग्रह किया है।

Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

रायपुर। छत्तीसगढ़ में कृषि पंपों की बिजली दर के लिए टैरिफ में अलग कैटेगरी बनाने का प्रस्ताव वितरण कंपनी ने विद्युत नियामक आयोग को दिया है। वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए आयोग को दिए टैरिफ प्रस्ताव में कंपनी ने इसके लिए अलग ‘एलवी-1 ए” कैटेगरी बनाने का आग्रह किया है। अभी तक कृषि व उससे जुड़े उद्योगों की बिजली दर एलवी-3 श्रेणी में रखी जाती थी।

कृषि पंपों के लिए अलग श्रेणी बनाने के पीछे कंपनी ने तर्क दिया है कि सरकार ने कृषि पंपों के लिए फ्लैट दर पर बिजली देने का फैसला किया है। उल्लेखनीय है कि पूर्ववर्ती सरकार ने किसानों को दो से तीन सौ स्र्पये मासिक फ्लैट दर पर बिजली देने की घोषणा की थी। इसे देखते हुए ही बिजली वितरण कंपनी ने बिजली दरों में यह नई श्रेणी बनाने का प्रस्ताव आयोग को दिया है।

आयोग को दिए टैरिफ प्रस्ताव में वितरण कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2019-20 में 2193 करोड़ के फायदे का अनुमान व्यक्त किया है, लेकिन कंपनी को 2947 करोड़ के पुराने घाटे को भी पाटना है। इस वजह से करीब साढ़े सात सौ करोड़ का घाटा हो रहा है।

कंपनी ने बताया है कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में कंपनी को 12507.58 करोड़ की जस्र्रत है। मौजूदा दर के हिसाब से कंपनी को कुल 14701.16 करोड़ स्र्पये प्राप्त होंगे। यानी 2193.59 स्र्पये अधिक। कंपनी को 2016-17 के 2947.35 करोड़ के राजस्व कमी की पूर्ति करनी है। इसके लिए कंपनी को 753.76 करोड़ स्र्पये और चाहिए होगा।

बिजली उपभोक्ताओं के हिसाब से अलग- अलग श्रेणी तय है। जैसे एलवी-1 में घरेलू उपभोक्ता आते हैं। एलवी-2 में गैर-घरेलू और एलवी-3 में कृषि व एलवी-4 में कृषि आधारित उद्योग। एलवी-5 में 15 से 100 एचपी तक के उद्योग। इसी तरह एलवी-6 श्रेणी में सर्वजनिक उपयोग आदि शामिल है। भारी उद्योगों, रेलवे समेत अन्य की अलग-अलग श्रेणी है।

Related Articles

Check Also
Close