March 13, 2025 |

NEWS FLASH

Latest News
महिला समूहों का हुनर, आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ता कदमभालुओं के हमले में सफाई कर्मी घायल, राहगीरों ने पहुँचाया अस्पतालस्वरोजगार योजनांतर्गत सहायता से संचिता ने पैतृक व्यवसाय को दी नई दिशाअंधविश्वास एवं सामाजिक कुरीतियों का होगा प्रतीकात्मक होलिका-दहनसमूह की महिलाओं ने कलेक्ट्रेट मे लगाए हर्बल गुलाल क़ा स्टॉलस्वच्छता दीदियों को कचरा प्रबंधन के संबंध में दिया गया प्रशिक्षणमहतारी वंदन योजना एक गृहिणी की आत्मनिर्भरता की नई उड़ानबालको के ‘उन्नति उत्सव’ कार्यक्रम में उत्कृष्ट योगदान के लिए महिलाओं का सम्मानहोली पर जुमे की नमाज के समय में बदलाव, छग वक्फ बोर्ड का बड़ा फैसलाआमापाली गांव में अवैध बोर खुदाई, दो बोरवेल वाहन जब्त
छत्तीसगढ़

निकाले घोड़ी के खुर, वारदात के बाद छोड़ा सरोना मैदान में

Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

रायपुर, राजधानी में एक बार फिर मानवता शर्मसार हुई है। शनि के प्रकोप से बचने, घर में सुख-शांति बनी रहे तथा ताबीज बनाने के लिए घोड़ी का सुख-चैन छीन लिया है। घोड़ी के लिए अब दौड़ना तो दूर की बात, वह अपने पैरों पर खड़ी तक नहीं हो सकती है।
घोड़ी को ऐसा जख्म मिला है कि वह न तो चैन से मर सकती है और न ही जी सकती है, क्योंकि अज्ञात आरोपी द्वारा घोड़ी के चारों पैर के खुर काटकर निकाल लिया और उसे सरोना मैदान में लाकर छा़ेड दिया। घोड़ी दर्द से कराह रही थी। घोड़ी को कराहते देख सरोना के निवासियों ने वन्यजीव प्रेमी को इसकी सूचना दी। वन्यजीव प्रेमी ने घोड़ी को उपचार के लिए राज्य स्तरीय पशु अस्पताल में भर्ती कराया है, जहां पर उसका उपचार चल रहा है।
पीपुल फॉर एनीमल की कार्यकर्ता कस्तूरी बलाल ने बताया कि सरोना के पास मैदान में डेढ़ से दो साल की एक घोड़ी मैदान के कोने में पड़ी कराह रही थी। मैदान से गुजर रहे व्यक्ति ने उनको फोन कर इसकी सूचना दी। उसके बाद उनकी टीम मौके पर पहुंची।
एंबुलेंस के माध्यम से उपचार के लिए घोड़ी को राज्य स्तरीय पशु चिकित्सालय लाया गया। घोड़ी का पैर धारदार हथियार से काटकर चारों खुर को काटकर निकाल लिया गया है। इस तरह की घटना घटित होने पर मालिक के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम 1960 के तहत अपराध दर्ज कराया जाएगा।
जादू-टोना के लिए निकालते हैं खुर
वन्यप्रेमी ने बताया कि घोड़े का खुर काला जादू के प्रकोप से बचने तथा शनिग्रह को दूर करने के उपयोग में लाया जाता है। इसके साथ ही कुछ लोग खुर का ताबीज बनाकर भी पहनते हैं, इसलिए इस तरह की घटना को अंजाम देते हैं।
जीव-जंतु बोर्ड को नहीं है जानकारी
राजधानी में बग्घी संचालक घोड़े पालते हैं। वे शादी-ब्याह और धार्मिक आयोजनों में घोड़े से कमाई करते हैं। जीव-जंतु कल्याण बोर्ड द्वारा जिले में कितने घोड़े हैं, इसका रजिस्ट्रेशन करना चाहिए तथा घोड़ों की जानकारी रखनी चाहिए, लेकिन जिले में कितने घोड़े हैं, विभाग के पास किसी प्रकार की जानकारी नहीं है।
राज्य स्तरीय अस्पताल में नहीं मिलती सुविधा
वन्यजीव प्रेमी ने बताया कि राज्य स्तरीय अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में सुविधा नहीं मिल पाती है। जबकि यहां पर 24 घंटे का अस्पताल होना चाहिए। इसके साथ ही दिन में जानकार डॉक्टर होने चाहिए, लेकिन यहां पर पाली के हिसाब से डॉक्टर ड्यूटी देते हैं, लेकिन कभी-कभी ऐसी स्थित बनती है कि जिस वन्यजीव को उपचार के लिए लाया जाता है उसके डॉक्टर ही नही है। ऐसी स्थिति में काफी दिक्कतों को सामान करना पड़ता है।
स्वस्थ होने के बाद रखा जाएगा वाटिका एनीमल सेंचुरी में
रायपुर में घायल जानवरों को उपचार के लिए चंदखुरी के पास वाटिका एनीमल सेंचुरी खोला जा रहा है। वहां पर बेसहारा जानवरों को रखा जाएगा। घोड़ी को भी स्वस्थ्य होने के बाद चंदखुरी ले जाया जाएगा। वन्यजीव प्रेमियों का कहना है कि खुर निकलने में काफी समय लगेगा।

gramyatracg

Related Articles

Check Also
Close