राज्य महिला आयोग की तीन सदस्यों लक्ष्मी वर्मा, सरला कोसरिया एवं दीपिका शौरी ने पिछले दिनों राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष के खिलाफ मनमानी करने का आरोप लगाया था।
साथ ही दो वकीलों को भी अनधिकृत व्यक्ति कहकर संबोधित किया था। अब, उन्हीं वकीलों ने तीनों महिला सदस्यों को नोटिस जारी किया है। साथ ही कहा है कि 7 दिनों के भीतर माफी न मांगने पर मानहानि का मामला दर्ज कराएंगे।
गौरतलब है कि तीनों महिला सदस्यों ने 07 अक्टूबर 2025 को पत्रकार वार्ता में महिला आयोग की अध्यक्ष डा.किरणमयी नायक पर मनमानी करने का आरोप लगाया था। आरोप में कहा था कि महिला सदस्यों की उपस्थिति के बिना सुनवाई की जाती है। आरोप में यह भी कहा था कि दो वकील अनधिकृत रूप से सुनवाई में शामिल होते हैं।
अधिवक्ता शमीम रहमान एवं अधिवक्ता अखिलेश कुमार ने बताया कि आयोग की तीनों सदस्य लक्ष्मी वर्मा, सरला कोसरिया, दीपिका शोरी एवं सदस्यों के निजी सहायक धर्मेंद्र ठाकुर ने मिलकर उनकी छवि को बदनाम करने की कोशिश की है,
जबकि दोनों वकील वर्ष 2020 से छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग में विधिक सलाहकार के रूप में आधिकारिक रूप से कार्यरत हैं। अधिवक्ता कभी अनधिकृत नहीं होता, यह शब्द ही मानहानि को दर्शाता है।
अधिवक्ताओं ने आगे कहा कि प्रेस वार्ता कर, सोशल मीडिया के ज़रिए एवं राष्ट्रीय महिला आयोग के व्हाट्सऐप ग्रुप में फोटो सहित जानकारी साझा कर राष्ट्रीय स्तर पर उन्हें अपमानित करने की कोशिश की गई है, जो साइबर कानून के तहत अपराध की श्रेणी में आता है।
ऐसे में अधिवक्ता शमीम रहमान ने लिखा है कि उन्हें 7 दिन के भीतर माफ़ीनामा देकर क्षमा-याचना की जाए तथा उसका प्रकाशन एवं प्रसारण दैनिक समाचार पत्रों, सोशल मीडिया और प्रिंट मीडिया में किया जाए, अन्यथा सभी के विरुद्ध मानहानि का प्रकरण सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा।
अधिवक्ता अखिलेश कुमार ने कहा कि पूर्व में उन्हें आयोग से प्रतिदिन सुनवाई का मानदेय ₹1500 प्राप्त होता रहा है, तथा आयोग में उनका लगभग डेढ़ लाख रुपये का मानदेय बकाया है। इस संबंध में उच्च न्यायालय में प्रकरण लंबित है। तीनों महिला सदस्य लिखित रूप से माफ़ी मांगें अन्यथा तीनों के विरुद्ध मानहानि का मुकदमा दायर करने के लिए वे स्वतंत्र रहेंगे।

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