छत्तीसगढ़

प्रदेश में विपक्ष के नेता चरण दास महंत ने राज्यपाल को पत्र लिखकर एक मंत्री को हटाने की मांग की

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रायपुर(ग्रामयात्रा छत्तीसगढ़ ) । छत्तीसगढ़ विधानसभा में विपक्ष के नेता चरण दास महंत ने संवैधानिक प्रावधानों के उल्लंघन का दावा करते हुए राज्य मंत्रिमंडल से एक मंत्री को हटाने की मांग की है।

शुक्रवार को राज्यपाल रमेन डेका को लिखे पत्र में महंत ने बताया कि 20 अगस्त को तीन नए मंत्रियों के शामिल होने के बाद मुख्यमंत्री समेत मंत्रिपरिषद की संख्या बढ़कर 14 हो गई है। महंत ने पत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़ विधानसभा में 90 सदस्य हैं, इसलिए अनुच्छेद 164 (1क) के तहत 15 प्रतिशत की संवैधानिक सीमा 13.50 प्रतिशत है, जिसका अर्थ है कि मंत्रिमंडल में 13 सदस्यों से अधिक नहीं हो सकते।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने राज्यपाल को लिखे पत्र में कहा है कि 14 मंत्रियों की वर्तमान संख्या निर्धारित सीमा से अधिक है इसलिए संविधान के अनुच्छेद 164 (1क) का उल्लंघन करती है।

संवैधानिक प्रावधानों का हवाला देते हुए महंत ने लिखा कि किसी राज्य में मुख्यमंत्री समेत मंत्रियों की कुल संख्या विधानसभा की कुल संख्या के 15 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकती। लेकिन किसी राज्य में मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों की संख्या 12 से कम नहीं होगी।

उन्होंने राज्यपाल से मंत्रिमंडल से एक मंत्री को हटाकर संवैधानिक मानदंडों का पालन सुनिश्चित करने का आग्रह किया है। महंत के पत्र के बारे में पूछे जाने पर राज्य के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कांग्रेस की आलोचना की और कहा कि जिनका संविधान का उल्लंघन करने, उसे कमजोर करने और उसे कुचलने का इतिहास रहा है, उन्हें भाजपा पर आरोप नहीं लगाने चाहिए।

साव ने शनिवार को संवाददाताओं से कहा, ”यह (14 सदस्यीय मंत्रिमंडल) संवैधानिक प्रक्रियाओं के अनुसार किया गया है। हमारे सामने हरियाणा का उदाहरण है तथा यह संविधान सम्मत है। हम संविधान को मानने वाले हैं।

हम संविधान के हिसाब से चलने वाले लोग हैं। जिनका इतिहास है संविधान की अवहेलना करने का, संविधान को चकनाचूर करने का और कुचलने का, वह हम पर इस प्रकार के आरोप न लगाएं।” संविधान (91वां संशोधन) अधिनियम, 2003 के लागू होने के बाद से 90 सदस्यीय विधानसभा वाले छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री सहित 13 विधायक पारंपरिक रूप से मंत्रिमंडल का हिस्सा रहे हैं।

संविधान (91वां संशोधन) अधिनियम, 2003 के अनुसार, मुख्यमंत्री सहित किसी राज्य के मंत्रिपरिषद का आकार विधानसभा की कुल संख्या के 15 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकता।

बीस अगस्त को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मंत्रिमंडल में भाजपा के तीन विधायकों को शामिल किया गया, जिससे मंत्रिमंडल की संख्या बढ़कर 14 हो गई। सूत्रों के अनुसार, छत्तीसगढ़ ने ‘हरियाणा मॉडल’ अपनाया है, जहां 90 सदस्यीय विधानसभा में मुख्यमंत्री समेत 14 मंत्री होते हैं।

 
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