July 30, 2025 |

NEWS FLASH

Latest News
महिला अधिकारी ने डीएमसी के खिलाफ की थी झूठी शिकायत ! प्रशासन की जांच में आरोप पाए गए गलत, किसके शह पर बिछाए गए थे मोहरे पढ़िए पूरी रिपोर्ट…शोक समाचार :  पत्रकार एवं छत्तीसगढ़ अखबार वितरक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विनोद सिन्हा नहीं रहेONC BAR पर प्रशासन की चुप्पी पर उठा विवाद, विश्व हिंदू परिषद ने जताई नाराज़गीबिलासपुर कलेक्टर की अनुकरणीय पहल – पशु व जनहित में सराहनीय कदमसीएम साय ने किया ‘गौ विज्ञान परीक्षा अभियान 2025’ का शुभारंभग्रीन उद्यम की परिकल्पना को साकार करने साय सरकार दे रही विशेष पैकेज: उद्योग मंत्री श्री लखन लाल देवांगनबालको महिला मंडल ने धूमधाम से मनाया तीज महोत्सव“जब कोई साथ नहीं होता… तब ‘आगाज़ इंडिया’ साथ होता है” ‘आख़िरी सफर’ — एक संवेदनशील और मानवीय पहलकोरबा मेडिकल कॉलेज में अब ‘सफाई घोटाला’ ! एक माह का टेंडर बना 6 माह का, अपात्र फर्म को काम देने की तैयारी, 100 की जगह 200 सफाईकर्मी करने की साज़िश ?रायगढ़-रायपुर NH में बिखरे मिले मवेशियों के शव तेज रफ्तार ने ली 18 गायों की जान
छत्तीसगढ़

‘क्या दिल्ली से आएगा मशीन चालू करने ?’ – ग्राम यात्रा की खबर पर कलेक्टर का गुस्सा फूटा, अस्पताल प्रबंधन पर कार्रवाई की चेतावनी

Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

कोरबा। ग्राम यात्रा छत्तीसगढ़ न्यूज़ की सख्त रिपोर्टिंग का असर अब साफ दिखाई देने लगा है। कोरबा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में महीनों से जारी अव्यवस्था, करोड़ों की मशीनों के अनुपयोग और गैरजवाबदेही के खिलाफ शुक्रवार को कलेक्टर अजीत वसंत ने खुद मोर्चा संभाला। निरीक्षण के लिए पहुंचे कलेक्टर का गुस्सा अस्पताल की हकीकत देखकर सातवें आसमान पर था।

निरीक्षण के दौरान जब उन्होंने देखा कि प्रयोगशाला में करोड़ों की मशीनें पिछले चार महीनों से धूल खा रही हैं और अभी तक उन्हें शुरू तक नहीं किया गया है, तो वे फट पड़े।
कलेक्टर ने मेडिकल सुपरिटेंडेंट से तीखे लहजे में पूछा —
“क्या दिल्ली से कोई आकर मशीनें लगाएगा? मरीजों की सुविधा के लिए मशीनें भेजी जाती हैं और आप लोगों को चालू करना तक जरूरी नहीं लगता? ये गंभीर लापरवाही है।”

उन्होंने दो टूक चेतावनी दी –
“इस गैर-जिम्मेदारी में जो भी शामिल होगा, उसके वेतन से राशि की कटौती की जाएगी। जिम्मेदारी तय होगी और कार्रवाई तय होगी।”

निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने जिला खनिज न्यास निधि (DMF) से स्वीकृत कार्यों की स्थिति की भी समीक्षा की। नवजात गहन चिकित्सा इकाई (एनआरसी) में जगह की कमी को देखते हुए उन्होंने तत्काल नए भवन की स्वीकृति के निर्देश दिए। साथ ही, लंबे समय से पड़ी तीन सोनोग्राफी मशीनों समेत अन्य आधुनिक उपकरणों को शीघ्र चालू करने का आदेश भी जारी किया।

कलेक्टर का यह निरीक्षण केवल औपचारिकता नहीं, एक प्रशासनिक झटका था – यह स्पष्ट संदेश था कि अब जवाबदेही से बचना संभव नहीं होगा।

ग्राम यात्रा न्यूज़ ने अस्पताल की निष्क्रिय मशीनों, बदहाल व्यवस्थाओं और लापरवाह प्रबंधन पर विस्तार से रिपोर्टिंग की थी। अब कलेक्टर के सख्त कदम को उसी पत्रकारिता का असर माना जा रहा है – एक ऐसा असर जिसने शासन को हरकत में ला दिया और लापरवाह सिस्टम की चूलें हिला दीं.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close