April 1, 2025 |

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खराब ई-स्कूटी बेचना संचालक को पड़ा महंगा, कोरबा उपभोक्ता फोरम ने दिया कड़ा फैसला,अधिवक्ता राशि सचदेवा की पहल से पीड़िता को मिला न्याय

Gram Yatra Chhattisgarh
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कोरबा: खराब गुणवत्ता वाली ई-स्कूटी बेचने और ग्राहक की समस्याओं को अनदेखा करने के मामले में कोरबा उपभोक्ता फोरम ने एक बड़ा और कड़ा फैसला सुनाया है। दरअसल कोरबा के अमरैया पारा में रहने वाली सोनिया सलूजा ने 19 जनवरी 2024 को काइनेटिक की ‘ई-स्कूटी’ उनके अधिकृत डीलर ‘शिवम मोटोकॉप’ के ट्रांसपोर्ट नगर कोरबा स्थित शोरूम से खरीदी, लेकिन इस स्कूटी में डिस्प्ले समेत कई गंभीर खराबियां थीं। शुरुआत से ही डिस्प्ले में समस्या थी, और समय-समय पर अन्य तकनीकी दिक्कतें भी सामने आईं। बार-बार शोरूम से संपर्क किया गया, लेकिन कोई समाधान नहीं मिला। बल्कि शो रूम बंद करने की बात कह ग्राहक सोनिया से ही अभद्रता की गई। इसके कुछ समय बाद, शोरूम को ही बंद कर दिया गया, जिससे सोनिया को और भी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
सोनिया ने इस समस्या के समाधान के लिए अपने अधिवक्ता राशि सचदेवा के माध्यम से 10 अक्टूबर 2024 को लीगल नोटिस भेजा, लेकिन फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद, सोनिया ने उपभोक्ता फोरम का रुख किया और मामला दायर किया।

उपभोक्ता फोरम ने सुनाया कड़ा निर्णय

कोरबा उपभोक्ता फोरम ने मामले की सुनवाई के बाद दोनों पक्षों को सुनते हुए एक सख्त फैसला सुनाया। जिला उपभोक्ता विवाद परितोष आयोग की अध्यक्ष रंजना दत्ता और सदस्यों ममता दास और पंकच देवड़ा ने पीड़िता के पक्ष में निर्णय देते हुए आदेश दिया कि संचालक को स्कूटी सुधारने या उसी मॉडल की नई स्कूटी की कीमत वापस करनी होगी। इसके साथ ही, पीड़िता को आर्थिक क्षति के रूप में 20 हजार रुपये, मानसिक क्षति के रूप में 20 हजार रुपये और वाद व्यय के रूप में 3 हजार रुपये का भुगतान करने का आदेश भी दिया गया।
फोरम ने यह भी आदेश दिया कि यदि संचालक निर्धारित 1 महीने के भीतर यह भुगतान नहीं करता, तो उसे 6 प्रतिशत ब्याज के साथ राशि अदा करनी होगी।

उपभोक्ता के अधिकारों की रक्षा होनी चाहिए – सचदेवा

राशि सचदेवा, अधिवक्ता

अधिवक्ता राशि सचदेवा ने इस फैसले को लेकर कहा, “यह निर्णय उपभोक्ता अधिकारों की महत्वपूर्ण जीत है। उपभोक्ताओं को अपने अधिकारों के लिए खड़ा होना चाहिए, और उपभोक्ता फोरम ने इस मामले में सही न्याय दिलाने की दिशा में अहम कदम उठाया है। यह सुनिश्चित करता है कि कंपनियां अपने उत्पादों और सेवाओं में सुधार करें और उपभोक्ताओं के साथ कोई अन्याय न हो।”

संचालक को सुधार करने का आदेश

इस निर्णय से यह भी स्पष्ट होता है कि कोरबा में ई-स्कूटी की गुणवत्ता और ग्राहक सेवा को लेकर गंभीर सवाल उठते हैं। उपभोक्ता फोरम ने साफ तौर पर कहा कि खराब उत्पादों और सेवाओं के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे, ताकि भविष्य में उपभोक्ताओं को इस तरह की समस्याओं का सामना न करना पड़े।

सोनिया सलूजा ने इस फैसले को लेकर संतोष जताया है। उन्होंने कहा, “मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे न्याय मिलेगा, लेकिन इस फैसले से मुझे विश्वास हुआ कि कानून के पास हर समस्या का समाधान है। अब मुझे उम्मीद है कि अन्य उपभोक्ता भी अपने अधिकारों के लिए लड़ेंगे।”

यह निर्णय उपभोक्ताओं के लिए एक सशक्त उदाहरण है कि अगर उनके साथ कोई अन्याय होता है, तो वे अपने अधिकारों के लिए कानूनी कदम उठा सकते हैं। कोरबा उपभोक्ता फोरम ने यह साबित कर दिया कि वह उपभोक्ताओं की रक्षा के लिए तत्पर है और उनके हक को सुनिश्चित करने के लिए कड़ा कदम उठाएगा।

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