हरेली पर 988 गौठानों का लोकार्पण
पशु संवर्धन के लिए नई सुविधाएं, नई व्यवस्थाएं, 1112 गौठानों का निर्माण पूर्ण, हर गौठान से 10 परिवारों को रोजगार से जोड़ने का लक्ष्य
रायपुर | छत्तीसगढ़ में खेती एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था में गौवंशीय व भैंसवंशीय पशुओं के महत्व को देखते हुए सरकार गौठानों को नया स्वरूप दे रही है। जिन गांवों में गौठान नहीं है, वहां नए गौठान बनाए जा रहे हैं। पहले चरण में प्रदेश के 15 प्रतिशत ग्राम पंचायतों में नए गौठानों के निर्माण के साथ ही पुराने गौठानों को पुनर्व्यवस्थित किया जा रहा है।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा इसके लिए प्रदेश भर में एक हजार 947 गौठानों पर काम शुरू किया गया है। इनमें से एक हजार 112 गौठानों का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है। हरेली त्यौहार के मौके पर 1 अगस्त को मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल, अन्य मंत्रीगण एवं स्थानीय जनप्रतिनिधि विभिन्न जिलों में 988 गौठानों का लोकार्पण करेंगे। आगामी 2 अगस्त से 7 अगस्त के बीच शेष 124 गौठानों का भी लोकार्पण होगा।
प्रदेश में पशु धन के संरक्षण और संवर्धन के लिए गौठानों को ‘डे-केयर सेंटर’ के रूप में विकसित किया जा रहा है। यहां छाया, पेयजल और चारे के साथ ही पशुओं के टीकाकरण एवं नस्ल सुधार की भी व्यवस्था की गई है। सभी गौठानों में नलकूप खनन और सोलर पंप लगाकर पर्याप्त पानी का इंतजाम किया गया है। पशुओं को पौष्टिक और हरा चारा खिलाने के लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा गांवों में चारागाह भी तैयार किए जा रहे हैं। सुव्यवस्थित गौठान से अब पशुओं द्वारा होने वाले फसल के नुकसान से किसानों को राहत मिलेगी। साथ ही मवेशियों की बेहतर देखभाल से दूध का उत्पादन बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।
गौठान में पशु संवर्धन के साथ ही जैविक खेती को बढ़ावा देने गोबर व चारा अपशिष्ट से कंपोस्ट खाद बनाने का काम भी किया जा रहा है। इसके लिए गौठान में ही वर्मी कंपोस्ट बेड के जरिए खाद बनाया जा रहा है। स्वसहायता समूहों के माध्यम से इसकी बिक्री कर लोगों को जैविक खाद उपलब्ध कराया जाएगा। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के मौके बढ़ने के साथ ही लोग जैविक खेती के लिए प्रेरित होंगे। हर गौठान से कम से कम 10 परिवारों को स्थायी रोजगार उपलब्ध कराने का सरकार का लक्ष्य है। पर्यावरण सुधार और पशुओं को रूकने के लिए बेहतर वातावरण देने सभी गौठानों में पर्याप्त संख्या में पौधे भी लगाए जा रहे हैं।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों ने बताया कि हरेली के मौके पर 1 अगस्त को बालोद जिले में 52, बलौदाबाजार-भाटापारा में 23, बलरामपुर-रामानुजगंज में 28, बस्तर में 16, बेमेतरा में 33, बीजापुर में 7, बिलासपुर में 67, दंतेवाड़ा में 12, धमतरी में 35, दुर्ग में 31, गरियाबंद में 46, जांजगीर-चांपा में 33, जशपुर में 62, कांकेर में 36, कबीरधाम में 33, कोंडागांव में 8, कोरबा में 26, कोरिया मे 5, महासमुंद में 30, मुंगेली में 50, नारायणपुर में 6, रायगढ़ में 55, रायपुर में 91, राजनांदगांव में 105, सुकमा में 9, सूरजपुर में 55 और सरगुजा जिले में 34 गौठानों का लोकार्पण होगा।
वहीं 2 अगस्त से 7 अगस्त के बीच बालोद जिले में 4, बलरामपुर-रामानुजगंज में 5, बेमेतरा में 15, बिलासपुर में 4, दुर्ग में 11, कांकेर में 12, कबीरधाम में 15, कोरबा में 34, कोरिया मे 14, महासमुंद में 2, राजनांदगांव में 4 तथा सुकमा और सूरजपुर में जिले में दो-दो गौठानों का लोकार्पण किया जाएगा।
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