450 रेत खदानों की होगी नीलामी, बाहर भेजने पर लगेगी ज्यादा रायल्टी
केबिनेट की बैठक में राज्य सरकार ने लिया निर्णय
रायपुर। प्रदेश में राज्य सरकार अपने पूर्व के फैसले को पलटने जा रही है। सरकार अब रिवर्स बीडिंग के जरिए प्रदेश की रेत खदानों को नीलाम करेगी। खनिज विभाग के इस रेत प्रस्ताव पर कैबिनेट के सभी सदस्यों ने सहमति दे दी है। इससे पहले खनिज विभाग ने सीएम हाउस में हुई बैठक में प्रदेश की 450 रेत खदानों के संचालन को लेकर नई नीति का प्रेजेंटेशन दिया। इसमें खदानों की बिडिंग पंचायतों की एनओसी पर छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम (सीएमडीसी) करेगा। रायल्टी का एक हिस्सा पंचायतों को दिया जाएगा। विभाग का दावा है कि बिडिंग में कंपीटिशन होने से रायल्टी बढ़ेगी। अभी सीधे खदानों को पंचायतें ही ठेके पर देती हैं। इससे उन्हें 12 से 15 करोड़ की ही रायल्टी मिलती है और इससे कहीं अधिक अवैध खनन में चला जाता है। चूंकि प्रदेश में आचार संहिता लगी है इसलिए अंतिम निर्णय कैबिनेट की पूर्ण बैठक में लिया जाएगा। बैठक के बाद वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि सीएमडीसी को संचालन में दिक्कत आ रही थी, जिसके बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ इस पर चर्चा की। इसमें ये बात निकलकर सामने आई है कि भविष्य में सरकार इसे रिवर्स बिड के जरिए संचालित करेगी। इसमें पर्यावरणीय अनुमति ली जाएगी और राज्य से बाहर रेत ले जाने वालों के लिए रॉयल्टी की दर ज्यादा रहेगी। अकबर ने कहा कि चूंकि आचार संहिता लगी हुई है, इसलिए उस पर अभी कोई फैसला नहीं लिया जा सकता। उसके बाद इस नई नीति पर मुहर लगा दी जाएगी। इससे पहले भूपेश सरकार ने सत्ता में आने के बाद फैसला किया था कि पंचायतों से रेत खदानों को संचालित करने की बजाय सीएमडीसी करेगी।
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