March 13, 2025 |

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छत्तीसगढ़

ढाई घंटे की ऑनलाइन परीक्षा के लिए 24 घंटे का ऑफलाइन सफर

स्थानीय छात्रों को बीकानेर और विसाखापट्नम में सेंटर, बेराजगार परीक्षार्थियों से रेलवे करेगा करोड़ों की कमाई

Gram Yatra Chhattisgarh
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बिलासपुर। डिजिटल इंडिया को बढ़ावा दे रही केन्द्र सरकार में रेलवे की दूसरे चरण कीभर्ती परीक्षा ऑनलाइन देने के लिए परीक्षार्थियों को हजारों किलोमीटर का ऑफलाइन सफर करना होगा। इतना ही नहीं बेरोजगार परीक्षार्थियों के इस अनचाहा सफर कराकर रेलवे खुद अरबों रुपए कमा लेगा। दरअसल आरआरबी ने 21, 22 और 23 जनवरी को सहायक लोको पायलट और टेक्नीशियन के 64,317 पदों के लिए दूसरे चरण की परीक्षा आयोजित की है। कहने को तो परीक्षा ऑनलाइन सेंटरों पर होनी है लेकिन इस परीक्षा के लिए लाखों अभ्यर्थियों को हजारों किलोमीटर दूर दूसरे राज्यों में सेंटर दिया गया है।
० बेरोजगारों पर भारी पड़ेगा खर्च
पहला पेपर 9० मिनट का और दूसरा पेपर 6० मिनट का होगा। दोनों पेपर आनलाइन होंगे यानी करीब ढाई घंटे की ऑनलाइन परीक्षा देने के लिए परीक्षार्थियों को 26 घंटे से 48 घंटे का सफर करना पड़ेगा। अभ्यर्थियों को ये सफर ट्रेन के जरिए ही करना होगा। छात्रों के लिए ऑनलाइन परीक्षा सेंटरों की लिस्ट जारी की गई है। इस लिस्ट में छात्रों को सेंटर हजार से 15 सौ किलोमीटर दूर दिए गए हैं। बिलासपुर जोन के छात्रों को बीकानेर और विशाखापटनम में सेंटर दिया गया है। इन परीक्षार्थियों की प्रारंभिक परीक्षा जबकि बिलासपुर जोन में ही हुई थी।
० पहले चरण की परीक्षा में जूझें परीक्षार्थी
रेलवे ने 64 हजार 317 पदों की वेकेंसी निकाली थी। इसकी पहली परीक्षा अगस्त 2०18 में हुई। इन पदों के लिए 47 लाख से अधिक छात्रों ने फार्म भरे थे। अधिकांश परीक्षार्थियों का सेंटर अचानक सैकड़ों किलोमीटर दूर दे दिया गया। किसी को ट्रेन में रिज़र्वेशन नहीं मिला, तो किसी के पास टिकट के पैसे नहीं थे। किसी तरह परीक्षा देने पहुंचे, तो रात प्लेटफार्म पर गुज़ारी थी। बहुत से छात्रों का इम्तिहान इसलिए छूट गया कि उनकी ट्रेन लेट हो गई।
० 64 हजार पदों के जिए दस लाख युवा करेंगे मशक्कत
जब पहले चरण की परीक्षा का रिज़ल्ट आया, तो 12 लाख छात्र ही दूसरे चरण के लिए चुने गए। अब जब संख्या छोटी हो गई, तो इनके सेंटर तो राज्य के भीतर दिए जा सकते थे। अगर नकल गिरोह से बचाने का तर्क है, तो यह बेतुका है, क्योंकि आजकल ऐसे गिरोह देश भर में चल रहे हैं।
बेरोजगारों से रेलवे कमाएगा करोड़ों
दूसरे चरण की परीक्षा में करीब 12 लाख युवा शामिल हो रहे हैं। इनमें से अधिकांश परीक्षार्थियों के केन्द्र पांच सौ से हजार किलोमीटर दूर हैं। अगर इनमें से छह लाख परीक्षार्थियों को भी उनके गृहराज्य से बाहर परीक्षा देने जाना पड़े तो करीब छ: लाख परीक्षार्थियों को आने- जाने में औसतन 15 सौ रुपए का खर्च लगेगा। इसका मतलब है कि रेलवे को केवल परीक्षार्थियों से ही 90 करोड़ से ज्यादा की आय होगी।
० लगेंगे घण्टों, हजारों का खर्च अलग
पहले चरण की परीक्षा की ही तरह इस चरण में भी लाखों परीक्षार्थियों को रेलवे की लापरवाही का खामियाजा भुगतना पड़ेगा। लचर कार्यप्रणाली की वजह से ही परीक्षार्थियों को ऑनलाइन सेंटर तक पहुंचने के लिए कम से कम 24 घण्टे पहले निकलना होगा। महज एक दिन की परीक्षा के लिए उन्हें तीन से चार दिन की मशक्कत करनी पड़ेगी।
० सोशल मीडिया पर ओपिनियन पोल से खुलासा
सारा मामला सोशल मीडिया पर निजी कोचिंग द्बारा कराए गए ओपिनियन पोल में छात्रों की जानकारी से सामने आया। दरअसल कुछ कोचिंग ने सोशल मीडिया पर छात्रों को मिलने वाले परीक्षा सेंटरों की जानकारी लेने के लिए एक सर्वे कराया। इसके जरिए ये पता चला कि आधे से ज्यादा परीक्षार्थियों के परीक्षा केन्द्र उनके गृह राज्य से सैकड़ों किलोमीटर दूर अन्य राज्य में दिए गए हैं, इससे मामले का खुलासा हुआ।
० जोन वाइस परीक्षा होती है
गुरुकुल आईसीएस के डायरेक्टर बृजेंद्र शुक्ला का कहना है कि रेलवे कई जोन में बंटा है। जिस जोन में पद निकालती है। उस जोन मे उम्मीदवार आवेदन करते है। अगर कोई छतीसगढ़ जोन में निकली वैकेंसी निकाली गई है। उसे सेंटर चेंज करते हुए कहीं भी परीक्षा सेंटर दे सकते हैं।
० वर्जन
बिलासपुर जोने के छात्र को बीकानेर या अन्य जोन में परीक्षा सेंटर नहीं हो सकता है। छात्र ने जरूर राजस्थान जोन से आवेदन दिया होगा।
पीसी त्रिपाठी
सीपीआरओ
बिलासपुर रेलवे जोन

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