छत्तीसगढ़

केंद्र की अनुमति के बिना बनाए डीजी , अब लटकी तलवार

डीजी नक्सल आपरेशन गिरधारी नायक अगले माह होंगे रिटायर

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रायपुर। केंद्र की अनुमति के बिना राज्य के दो वरिष्ठ आईपीएस को डीजी बनाने के बाद अब उनके प्रमोशन पर तलवार लटकती नजर आ रही है। गृह विभाग के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो स्पेशल डीजी आरके विज और निलंबित डीजी मुकेश गुप्ता का प्रमोशन राज्य सरकार ने केंद्र की अनुमति के बिना कर दिया था। डीजी आरके विज और मुकेश गुप्ता का प्रमोशन सरकार रिवर्ट कर सकती है। यानि, फिर से डिमोट कर एडीजी बना सकती है। विज और गुप्ता 88 बैच के आईपीएस हैं। दोनों को विधानसभा की आचार संहिता लगने के दिन 6 अक्टूबर 2018 को डीपीसी करके एडीजी से डीजी बना दिया गया था। हालांकि, उनके साथ 88 बैच के ही संजय पिल्ले भी प्रमोशन पाकर डीजी बने थे। छत्तीसगढ़ में डीजी के दो पद भारत सरकार द्वारा सेंक्शन हैं। दो पद के खिलाफ दो एक्स कैडर पोस्ट होता है। याने चार राज्य में डीजी के हो सकते हैं।
छह महीने तक राज्य सरकार बिना अनुमति के डीजी पद पर नियुक्ति कर सकती है। अब वित्त विभाग की आपत्ति आने के बाद संकट के बादल छा गए हैं। हालांकि पुलिस मुख्यालय के उच्च पदस्थ सूत्र बताते हैं कि डीजी नक्सल आपरेशन गिरधारी नायक जून में रिटायर हो रहे हैं।
वहीं, पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन के एमडी एएन उपाध्याय अगस्त में रिटायर हो रहे हैं। ऐसे में आरके विज और मुकेश गुप्ता का डीजी पद बच सकता है। सूत्रों की मानें तो राज्य सरकार ने निलंबित डीजी मुकेश गुप्ता की विभागीय जांच शुरू की है। उनको तीन जून को हाजिर होने का फरमान डीजीपी डीएम अवस्थी ने दिया है।
ऐसे में जून में गिरधारी नायक के रिटायर होने के बाद आरके विज को तो सरकार एडजेस्ट कर लेगी, लेकिन मुकेश गुप्ता का डीजी पद खतरे में है। दोनों को विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने के दिन छह अक्टूबर 2018 को अचानक डीपीसी करके एडीजी से डीजी बना दिया गया था। प्रदेश में डीजी के दो पद होने के कारण चार डीजी बनाए जा सकते हैं। वर्तमान में डीजीपी डीएम अवस्थी के अलावा स्पेशल डीजी नक्सल आपरेश गिरधारी नायक, डीजी ईओडब्ल्यू बीके सिंह और डीजी संजय पिल्ले हैं।
बताया जा रहा है कि एक पद रिक्त होने के कारण संजय पिल्ले के पदोन्न्ति पर कोई संकट नहीं है। वित्त विभाग के अफसरों का कहना है, बिना पद के छह महीने से अधिक वेतन नहीं दिया जा सकता। विज और गुप्ता को डीजी प्रमोट हुए आठ महीने हो गए हैं, इसलिए उनके वेतन निकालने में अब वैधानिक अड़चन आ रही है।
रमन सरकार एक साथ संजय पिल्ले, आरके विज और मुकेश गुप्ता को डीजी बनाना चाहती थी। इसके लिए दो बार भारत सरकार को पत्र लिखा गया। तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह को डीओ लेटर तो भेजा ही खुद टेलीफोन पर बात की।
इसके बाद भी मिनिस्ट्री ऑफ होम ने एक साथ तीनों को प्रमोशन देने से साफ इंकार कर दिया। आचार संहिता लागू होने से पहले डीपीसी करके 1988 बैच के तीनों आइपीएस अफसरों को डीजी पद पर प्रमोशन दे दिया।

 
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