कटघोरा। कसनिया गांव गोलीकांड का मास्टरमाइंड शक्तिदास भले ही पुलिस के शिकंजे में आ चुका हो, लेकिन इस गिरफ्तारी ने भाजपा संगठन के भीतर छुपे रिश्तों का काला सच भी सामने ला दिया है। भाजपा जिला महामंत्री अजय विश्वकर्मा खुद कटघोरा थाने पहुँचकर शक्तिदास की पैरवी करते दिखे। पुलिस के सामने उन्होंने पूरा जोर लगाया, लेकिन उनकी एक न चली और आरोपी को सलाखों के पीछे ही रहना पड़ा।
भाजपा संगठन से गहरे रिश्ते
सूत्रों के मुताबिक, शक्तिदास को भाजपा मण्डल मंत्री पद दिलवाने में भी अजय विश्वकर्मा की ही सिफारिश काम आई थी। इससे पहले अजय विश्वकर्मा उसी मंडल के अध्यक्ष रह चुके हैं। यह खुलासा अब सवाल खड़े करता है कि आखिर क्यों एक आपराधिक प्रवृत्ति का शख्स संगठन में इतनी अहम जिम्मेदारी तक पहुँच गया।
पुराने विवाद भी आए सामने
यह पहला मौका नहीं है जब शक्तिदास का नाम विवादों में आया हो। अजय विश्वकर्मा के फरवरी 2025 में नगर निगम के वार्ड 26 में पार्षद चुनाव के दौरान रविशंकर नगर बूथ पर मारपीट की घटना भी शक्तिदास के खाते में दर्ज है। तब भी उसका रवैया और आपराधिक छवि चर्चा में रही थी। हालांकि इस चुनाव में अजय विश्वकर्मा इस ओछी हरकत के बाद भी बुरी तरह से हार गए थे।
भाजपा पदाधिकारी के चेहरे से नकाब हटा
कटघोरा गोलीकांड की जांच में जैसे-जैसे परतें खुल रही हैं, वैसे-वैसे भाजपा पदाधिकारियों की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। जनता के बीच यह चर्चा तेज हो गई है कि भाजपा महामंत्री जैसे जिम्मेदार पद पर बैठे अजय विश्वकर्मा यदि आपराधिक गतिविधियों में शामिल व्यक्ति की पैरवी करेंगे तो संगठन की साख पर सवाल उठना लाजिमी है।
पुलिस की सख्ती, दलीलें बेअसर
पुलिस ने अजय विश्वकर्मा की किसी भी दलील पर ध्यान नहीं दिया और मास्टरमाइंड शक्तिदास को पूछताछ के लिए हिरासत में रखा। अब माना जा रहा है कि पूछताछ में और भी राजनीतिक लिंक सामने आ सकते हैं।

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