छत्तीसगढ़

फर्जी प्रमाणपत्र बनाकर नौकरी दिलाता था आरोपी, निदेशकों ने की थी 5.53 करोड़ की धोखाधड़ी…आरोपी गिरफ्तार

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मुंगेली(ग्रामयात्रा छत्तीसगढ़ )। फर्जी दस्तावेज तैयार कर युवकों को सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देने वाले अंतर्राज्यीय गिरोह के फरार आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी फैजान खां के पास से फर्जी स्टाम्प पेपर, लकड़ी एवं रबर का सील, पेन ड्राइव, लैपटॉप और मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं। पुलिस ने आरोपी योगेंद्र कुमार के खिलाफ थाना लालपुर में विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है और उसे न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है। वहीं निवेशकों से 5.53 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी मामले में पुलिस ने रियल स्टेट कंपनी के निदेशकों को मध्यप्रदेश से गिरफ्तार किया है।

मुंगेली पुलिस ने बीएन गोल्ड रियल स्टेट एंड एलाइड लिमिटेड कंपनी के दो निदेशकों को भी गिरफ्तार किया है, जिन्होंने निवेशकों से 5.53 करोड़ रुपए धोखाधड़ी की थी। आरोपी सचिन दामीर और कन्हैया साहू को मध्यप्रदेश से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ थाना सरगांव में धोखाधड़ी और संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है और उन्हें न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है।

जानिए पूरा मामला

23 जून 2025 को मुंगेली पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल के निर्देश पर अतिरिक्त एसपी नवनीत कौर छाबड़ा व उप एसपी एसआर घृतलहरे के नेतृत्व में थाना लालपुर पुलिस ने अंतरराज्यीय गिरोह के मुख्य आरोपी फैजान खां को बिलासपुर रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया है। आरोपी ने फर्जी आधार कार्ड, निवास प्रमाण-पत्र, स्टाम्प पैड, रबर और लकड़ी की सील, पेन ड्राइव, लैपटॉप और मोबाइल तैयार करके केंद्रीय बलों (जैसे BSF) में भर्ती दिलाने का रैकेट चलाया था। इस मामले में पहले 6 जून को अलीगढ़ के योगेन्द्र कुमार (29) और आगरा के प्रशांत राजपूत (30) को पकड़ा गया था। दोनों ने खुद को ग्राम कंतेली का निवासी बताया था। उनके कब्जे से नोटरी का कोरा प्रमाण पत्र, दस्तावेज़ और 3 मोबाइल जब्त हुए थे।

बीएन गोल्ड रियल स्टेट में निवेश धोखाधड़ी का भंडाफोड़

बीएन गोल्ड के निदेशक सचिन दामीर (झाबुआ, मध्यप्रदेश) और कन्हैया साहू (बासन, मध्यप्रदेश) को गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि कंपनी ने निवेशकों से कुल 5.53 करोड़ लेकर ब्याज ज्यादा देने का वादा किया, लेकिन पैसे वापस नहीं किए। थाना सरगांव में धारा 420, 34 भादवि, चिट एंड धन अधिनियम, स्कीम पाबंदी अधिनियम 1978, और निपेक्षकों का संरक्षण अधिनियम धारा 10 के तहत मामला दर्ज है। तीन अन्य आरोपियों चरण सिंह ठाकुर, विक्रम सिंह सोनालिया और अन्य की पतासाजी मध्यप्रदेश–मुंगेली पुलिस की संयुक्त टीम कर रही है।

 
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