छत्तीसगढ़

वनोपज संग्रहण एवं प्रसंस्करण से सक्षम बन रही कोड़ेबेड़ा की उत्पादक समूह

Spread the love
Listen to this article

जगदलपुर (ग्रामयात्रा छत्तीसगढ़ )।  बस्तर जिले के विकासखण्ड लोहण्डीगुडा अंतर्गत कोड़ेबेड़ा की पैरी महिला स्व सहायता समूह गांव और समीपस्थ हाट-बाजार में वनोपज संग्रहण करने के साथ ही उसका प्रसंस्करण कर आर्थिक रूप से सशक्त हो रही है। इस उत्पादक समूह की सदस्य महिलाएं अपने इस कार्य को पूरी लगन एवं मेहनत से कर स्वयंसिद्धा बनने की ओर अग्रसर हैं।

उत्पादक समूह की दीदी रत्ना बताती हैं कि अपने गांव तथा आसपास के हाट-बाजार में विभिन्न समूह सदस्यों के द्वारा ईमली एवं मक्का उत्पादन का कार्य किया जाता है इसलिए उपरोक्त उत्पाद को खरीदी-बिक्री करने के लिए पैरी उत्पादक समूह का गठन किया गया।

उक्त उत्पादक समूह बनाने के पश्चात एनआरएलएम से कार्यशील पूंजी के रूप में राशि प्रदाय किया गया,इस पूंजी से उत्पादक समूह के द्वारा पहले साल 2021 में कुल 40 क्विंटल ईमली एक लाख 20 हजार रुपए में खरीदे और इसे ईमली चपाती बनाकर आकर्षक पैकेजिंग कर जगदलपुर के व्यवसायी को विक्रय किए तो करीब दुगुना फायदा हुआ।

जिससे समूह की महिलाएं प्रोत्साहित होकर बीते तीन साल से लगातार उक्त कार्य को बेहतर ढंग से संचालित कर रही हैं। साथ ही कृषि उत्पाद मक्का, तिलहन इत्यादि का क्रय-विक्रय भी शुरू कर चुके हैं जिससे महिला समूह की आमदनी में इजाफा हो रहा है।
ज्ञात हो कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के द्वारा बस्तर जिले के तहत सभी सात विकासखण्ड में कुल एनआरटीपी के तहत 90 उत्पादक संगठन का गठन किया गया है जिसमे 2835 सदस्यों को शामिल किया गया हैं पीजी को इंफ्रास्ट्रक्चर एवं कार्यशील पूंजी हेतु फंड माड्युल के माध्यम से राशि प्रदाय किया गया है। उक्त परियोजना के तहत् समूह से जुडे सदस्यों का उत्पादक समूह बनाकर किसानों के उत्पाद को सही मूल्य प्रदाय किया जाता है उनके उत्पाद को बाजार मूल्य एवं उचित दाम पर खरीदी कर सही कीमत प्रदाय की जाती है। जिससे स्थानीय वनोपज संग्राहकों एवं कृषकों को भी अपने उपज का वाजिब दाम मिलता है।

 

 
HOTEL STAYORRA नीचे वीडियो देखें
Gram Yatra News Video

Live Cricket Info

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button