छत्तीसगढ़

BREAKING : आरडीए कर्जमुक्त होने निकाला रास्‍ता, निकाली इन खाली प्लाटों की बिक्री के लिए निविदा

Spread the love
Listen to this article

रायपुर –  रायपुर विकास प्राधिकरण अगले महीने 30 नवंबर तक कर्जमुक्त हो सकता है। बताया जा रहा है कि वर्तमान में आरडीए का लगभग 40 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज बाकी है और 30 नवंबर तक उसे अपना कर्ज अदा करना है। ऐसे में आरडीए ने अपने बचे हुए प्लाटों की बिक्री के लिए फिर से निविदा निकाली है।

इसके लिए आठ नवंबर दोपहर दो बजे तक आवेदन जमा किए जा सकते हैं। आठ नवंबर को ही शाम चार बजे निविदा खोली भी जाएगी। मालूम हो कि पहले आरडीए के बड़े प्लाट नहीं बिक रहे थे। इसके चलते आरडीए उसे छोटा कर बिक्री के लिए शासन से अनुमति मांगी थी।

शासन ने 182 व्यावसायिक और 43 आवासीय मिलाकर कुल 225 प्लाट को छोटा कर बिक्री की अनुमति दी थी। इसके बाद ही आरडीए ने निविदा बुलाई थी।

516 करोड़ का कर्ज हो चुका अदा
गौरतलब है कि आरडीए ने कमल विहार (कौशल्या विहार) को बसाने के लिए 600 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था। अब तक लगभग 516 करोड़ का कर्ज अदा किया जा चुका है और लगभग 84 करोड़ रुपये चुकाना शेष है। 25 अक्टूबर को 47 प्लाटों की बिक्री से आरडीए को लगभग 41.20 करोड़ का राजस्व मिला है और इस राशि का भी उपयोग कर्ज चुकाने में होगा। इस प्रकार करीब 43 करोड़ का कर्ज और चुकाना बचा रहेगा। इसके लिए भी आरडीए ने प्लाटों की बिक्री के लिए निविदा निकाली है। इन प्लाटों की बिक्री से मिलने वाली राशि का उपयोग भी कर्ज चुकाने में होगा।

सबसे ब़ड़ी निविदा सेक्टर 11 ए के प्लाट की हुई
जानकारी के अनुसार आरडीए ने 47 व्यावसायिक प्लाट और सात आवासीय प्लाट तथा छह फ्लैट की बिक्री कर ली है। इससे 41.20 करोड़ रुपये का राजस्व भी मिला है। व्यावसायिक प्लाट की सबसे बड़ी निविदा सेक्टर 11 ए के प्लाट की 6251 रुपये और सेक्टर 11 ए में आवासीय प्लाट 4115 रुपये प्रति स्कवेयर फीट में बिकी। टिकरापारा योजना में 96 फ्लैट्स तोड़कर नए बनाए जाएंगे: जानकारी के अनुसार आरडीए की टिकरापारा योजना में 45 वर्ष पहले बने 96 फ्लैट्स को तोड़कर अब नए बनाए जाएंगे। पिछले दिनों यह फैसला आरडीए के संचालक मंडल द्वारा किया गया।

 
HOTEL STAYORRA नीचे वीडियो देखें
Gram Yatra News Video

Live Cricket Info

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button