September 3, 2025 |

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छत्तीसगढ़

राजधानी रायपुर में 150 करोड़ का जमीन घोटाला: बिल्डर-नेता गठजोड़ का खेल, सवालों के घेरे में राजस्व विभाग

Gram Yatra Chhattisgarh
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राजधानी रायपुर में भ्रष्टाचार का एक और शर्मनाक अध्याय सामने आया है। अमलीडीह में कॉलेज के लिए आरक्षित 150 करोड़ की 9 एकड़ सरकारी जमीन को गुपचुप तरीके से बिल्डर रामा बिल्डकॉन के नाम कर दिया गया। इस खुलासे के बाद प्रदेश के प्रशासनिक तंत्र और नेताओं की मिलीभगत पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

बिल्डर राजेश अग्रवाल उर्फ बुतरू का खेल, राजस्व मंत्री से मिलीभगत?

सूत्रों के मुताबिक, इस पूरे घोटाले के पीछे कोयला कारोबारी राजेश अग्रवाल उर्फ बुतरू का हाथ बताया जा रहा है। अग्रवाल कांग्रेस की पूर्ववर्ती भूपेश बघेल सरकार में भी बड़े काम करवाने और नेताओं के करीब रहने के लिए कुख्यात रहे हैं। कहा जा रहा है कि राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल उनके खास साझेदार थे। भूपेश बघेल और जयसिंह के बीच तल्खी के कारण यह सौदा पहले अटका रहा, लेकिन जैसे ही अवसर मिला, जमीन का खेल कर दिया गया।

बैकडेट में आदेश और नियमों की धज्जियां

यह आबंटन 28 जून को किया गया, लेकिन दिलचस्प बात यह है कि 11 जुलाई को नई सरकार ने सभी पुराने आदेश और नीतियां रद्द कर दी थीं। चर्चा है कि आदेश को बैकडेट में जारी किया गया ताकि किसी को कानोंकान खबर न लगे। सवाल यह है कि डेढ़ सौ करोड़ की जमीन मुफ्त में देने का साहस राजस्व विभाग ने कैसे किया? क्या इसके पीछे बड़े नेताओं और अधिकारियों का दबाव था?

ग्रामीणों का फूटा गुस्सा, आंदोलन की तैयारी

जमीन के इस घोटाले का खुलासा होने के बाद ग्रामीणों ने मोर्चा खोल दिया है। उनका कहना है कि यह जमीन सरकारी कॉलेज के लिए थी, लेकिन इसे बिल्डरों को बेचकर सरकारी शिक्षा व्यवस्था पर चोट की गई है। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर आबंटन रद्द करने की मांग की है। साथ ही चेतावनी दी है कि अगर कार्रवाई नहीं हुई तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

बिल्डर की मंशा और इस्कॉन ट्रस्ट का दांव

बिल्डर रामा बिल्डकॉन और इस्कॉन ट्रस्ट ने इस जमीन पर दावा किया था, लेकिन पिछली सरकार में आरक्षित होने के कारण इनका आवेदन खारिज कर दिया गया था। सत्ता बदलते ही, पुराने आवेदन पर कार्रवाई करते हुए जमीन बिल्डर को दे दी गई।

भ्रष्टाचार की राजधानी बनता रायपुर ?

राजधानी में 150 करोड़ की जमीन का इस तरह से हस्तांतरण यह सवाल खड़ा करता है कि जहां मुख्यमंत्री, राज्यपाल, चीफ सेक्रेटरी और DGP रहते हैं, वहां इतना बड़ा घोटाला कैसे हुआ? क्या रायपुर भी भ्रष्टाचार की गढ़ बन गया है?

इस मामले ने प्रदेश में प्रशासनिक ईमानदारी की पोल खोलकर रख दी है। अब देखना होगा कि दोषियों पर कार्रवाई होती है या फिर यह मामला भी अन्य घोटालों की तरह दबा दिया जाएगा। ग्राम यात्रा ग्वालियर कोर्ट से लेकर, तिफरा ज़मीन तक सब परतों को खोलेगा पढ़ते रहिए ग्राम यात्रा छत्तीसगढ़ न्यूज़…

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