March 12, 2025 |

NEWS FLASH

Latest News
बालको के ‘उन्नति उत्सव’ कार्यक्रम में उत्कृष्ट योगदान के लिए महिलाओं का सम्मानहोली पर जुमे की नमाज के समय में बदलाव, छग वक्फ बोर्ड का बड़ा फैसलाआमापाली गांव में अवैध बोर खुदाई, दो बोरवेल वाहन जब्तपंचायत अध्यक्ष-उपाध्यक्ष चुनाव के दौरान भिड़े भाजपा-कांग्रेस कार्यकर्ता…CGPSC प्रीलिम्स 2024 का रिजल्ट जारी, 3737 अभ्यर्थी मेंस के लिए क्वालीफाईअंधेरे में जीवन बिता रहे ग्रामीणों को अब लालटेन से मिली छुटकारारायपुर में कार सवार युवकों से करोड़ों की नगदी बरामद, हवाला का शक14 मार्च को मदिरा दुकान रहेगा बंदभारतीय सेना में भर्ती की अधिसूचना जारीसतत विकास लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए फील्ड में सही तरीके से लागू करना है : संभागायुक्त
छत्तीसगढ़राजनीती

हफ्ते भर में तय करना होगा नेता प्रतिपक्ष

Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

रायपुर। नई सरकार के मंत्रियों में कल विभागों का बंटवारा हो जाने के बाद यह सवाल उभरा हुआ है आखिर नेता प्रतिपक्ष कौन होगा। पांचवीं विधानसभा का पहला सत्र 4 जनवरी से शुरु होने जा रहा है।
स्वाभाविक है कि नेता प्रतिपक्ष का चयन इस एक हफ्ते में ही करना होगा। नेता प्रतिपक्ष के लिए पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह एवं बृजमोहन अग्रवाल के नाम की चर्चा तो लगातार होती ही रही है, वहीं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक के नाम को भी महत्वपूर्ण आंका जा रहा है। पिछड़ा वर्ग के नेता नारायण चंदेल का नाम भी चला हुआ है। 
कल दिल्ली में डॉ. रमन सिंह की भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से हुई मूलाकात को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। शाह एवं डॉ. रमन के बीच हुई बातचीत आगामी लोकसभा चुनाव एवं नेता प्रतिपक्ष पर केन्द्रित थी।
दूसरी तरफ कल ही प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक का भी दिल्ली पहुंचना हुआ। उनकी इस दिल्ली यात्रा को नेता प्रतिपक्ष से जोड़कर ही देखा जा रहा है। इससे पहले 27 तारीख की रात बृजमोहन अग्रवाल धरमालाल कौशिक से मिले थे।
उस मूलाकात के पीछे भी वजह मिशन नेता प्रतिपक्ष है। कुछ पुराने भाजपाइयों का मानना है दिल्ली में बैठे नेताओं की पहली पसंद डॉ. रमन सिंह हैं। चूंकि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पिछड़ा वर्ग से हैं। यदि भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं को पिछड़ा वर्ग फैक्टर पर काम करना ज्यादा जरूरी लगा तो दूसरी पसंद धरमलाल कौशिक हो सकते हैं।
यह भी माना जा रहा है कौशिक के नाम को डॉ. रमन सिंह का भी समर्थन मिल सकता है। उल्लेखननीय है कि कौशिक के प्रदेश अध्यक्ष बनने के पीछे में डॉ. रमन सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी। जब सन् 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य अस्तित्व में आया और उस समय कांग्रेस की सरकार थी बृजमोहन अग्रवाल नेता प्रतिपक्ष पद के प्रबल दावेदार थे।
हालांकि उस समय नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी वरिष्ठ आदिवासी नेता नंद कुमार साय के हिस्से में आई थी। बृजमोहन चाहेंगे कि 2000 में नेता प्रतिपक्ष ना बने तो ना सहीं, 2018 में जरूर यह बड़ा अवसर उन्हें मिले।

gramyatracg

Related Articles

Check Also
Close