March 12, 2025 |

NEWS FLASH

Latest News
बालको के ‘उन्नति उत्सव’ कार्यक्रम में उत्कृष्ट योगदान के लिए महिलाओं का सम्मानहोली पर जुमे की नमाज के समय में बदलाव, छग वक्फ बोर्ड का बड़ा फैसलाआमापाली गांव में अवैध बोर खुदाई, दो बोरवेल वाहन जब्तपंचायत अध्यक्ष-उपाध्यक्ष चुनाव के दौरान भिड़े भाजपा-कांग्रेस कार्यकर्ता…CGPSC प्रीलिम्स 2024 का रिजल्ट जारी, 3737 अभ्यर्थी मेंस के लिए क्वालीफाईअंधेरे में जीवन बिता रहे ग्रामीणों को अब लालटेन से मिली छुटकारारायपुर में कार सवार युवकों से करोड़ों की नगदी बरामद, हवाला का शक14 मार्च को मदिरा दुकान रहेगा बंदभारतीय सेना में भर्ती की अधिसूचना जारीसतत विकास लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए फील्ड में सही तरीके से लागू करना है : संभागायुक्त
नेशनल

हत्या के आरोपी ने जज को सुनायी कविता

Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

नयी दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एक बच्चे की हत्या के जुर्म में मौत की सजा पाए दोषी की सजा उम्रकैद में बदल दी। शीर्ष अदालत का कहना है कि वह खुद को सुधारना चाहता था और जेल में लिखी उसकी कविता से पता चलता है कि उसे अपनी गलती का एहसास है। जेल के अंदर उसने जो कविताएं लिखी हैं। जस्टिस एके सीकरी की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि दनेश्वर सुरेश बोरकर ने जब अपराध किया था, वह 22 साल का था।
इससे पहले बोरकर ने बंबई हाई कोर्ट के 2006 मई के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी। हाई कोर्ट ने एक नाबालिग बच्चे की हत्या के जुर्म में निचली अदालत की ओर से सुनाई गई मौत की सजा के बरकरार रखा था। दोषी के वकील ने कोर्ट में अपने तर्क में कहा था कि जेल में बोरकर का आचरण बेहद अच्छा है, उसने जेल में अपनी पढ़ाई पूरी की और एक शिक्षित इंसान बनने की कोशिश की।
जज एस अब्दुल नजीर और जज एमआर शाह भी इस बेंच का हिस्सा थे। उन्होंने भी कहा कि बोरकर पिछले 18 वर्षों से जेल में है और उसका आचरण दिखाता है कि उसमें सुधार लाया जा सकता है। उसका पुनर्वास हो सकता है। पीठ ने कहा, ‘इस मामले में तथ्यों और हालात को देखते हुए हमें यह लगता है कि फांसी की सजा उचित नहीं है। सजा को उम्रकैद में तब्दील करने के दौरान हालात के उतार-चढ़ाव में संतुलन बिठाते हुए हमें लगा कि विषम परिस्थितियां दोषी बोरकर के पक्ष में हैं।’ पीठ ने कहा, ‘जेल में कविता लिखने से लेकर युवावस्था में ही अपनी गलती का एहसास होने तक विषम परिस्थितियां दोषी के पक्ष में थीं और वह सुधरना चाहता है।

gramyatracg

Related Articles

Check Also
Close