November 8, 2024 |

NEWS FLASH

Latest News
कटघोरा में जायसवाल समाज की जमीन पर अवैध कब्जे का मामला: मुख्यमंत्री ने तहसीलदार को लगाई फटकार, तुरंत कार्रवाई के निर्देशकोरबा नगर निगम में भ्रष्टाचार के आरोपों की गूंज, अधीक्षण अभियंता एम.के. वर्मा पर निलंबन की तलवारकोरबा नगर निगम में भ्रष्टाचार के आरोपों की गूंज, अधीक्षण अभियंता एम.के. वर्मा पर निलंबन की तलवारबीजापुर में मुठभेड़, 2 नक्सली ढेर…बलौदाबाजार में खुलेगा बीएड महाविद्यालय, ट्रांसपोर्ट नगर की होगी स्थापना : विष्णु देव सायपहली बार बलौदाबाजार पहुंचे मुख्यमंत्री, हेलीपैड पर आत्मीय स्वागतहाईकोर्ट के निर्देश : शिवप्रसाद साहू के शव का दोबारा मोस्टमार्टम होगाकोरबा: विकास महतो के प्रयासों से पहली बार कटघोरा पहुंचे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, सहस्त्रबाहु जयंती कार्यक्रम में की महत्वपूर्ण घोषणाएंहम सभी ध्यान दें तो क्षेत्र को बहुत जल्दी बना सकते हैं बाल विवाह मुक्तः मनोज जायसवालहर्बल और आर्गेनिक उत्पादों की बढ़ी डिमांड
छत्तीसगढ़

रिमोट सेंसिंग से दावानल से सुरक्षित हो रहे छत्तीसगढ़ के वन

आधुनिकम सेटेलाइट प्रणाली से हो रहा है नियंत्रण, केवल 30 मीटर के दायरे में आग फैलते ही मिल जाती है सूचना

Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

रायपुर। महासमुंद जिले के बसना रेंज के सर्किल रामभाठा के बीट सोनबाहली में मार्च महीने में आग लगी। जब आग 100 मीटर के दायरे में फैली वैसे ही देहरादून में भारतीय वन सर्वेक्षण संस्थान में बैठे विशेषज्ञों को सैटेलाइट इमेज से इसकी सूचना मिल गई। तुरंत इसकी सूचना रायपुर मुख्यालय और सीधे रेंज के अधिकारियों के साथ बीटगार्ड तक पहुंच गई। आधे घंटे में अग्निशमन अमला यहां पहुंच गया। और जंगल का बड़ा हिस्सा आग से सुरक्षित बच गया। यह आग 2 साल पहले लगी होती तो कई कि.मी. तक फैल गई होती।
इसी तरह इस जिले के सरायपाली के पालीडीह बीट में भी अप्रैल महीने की शुरूआत में ही आग लगने की जानकारी प्राप्त हुई और अमले ने आग में काबू पाकर उसका फीडबैक भी दे दिया। नया सिस्टम प्रदेश के जंगलों के लिए वरदान बनकर आया है। इससे आग को नियंत्रित करने में जमीनी सफलता मिल रही है।
हमारे प्रदेश के वन क्षेत्रों में आग लगने की विभिन्न घटनाएं सामने आती रहती है। इसका तत्काल फैलाव नहीं रोक पाने के कारण वन संसाधनों को काफी नुकसान पहुंचता है। विभाग द्वारा वर्तमान में पिछले दो वर्षों से अपनाई गई आधुनिकतम सेटेलाइट प्रणाली से न्यूनतम 30 मीटर की भी आग की सूचना मिल जा रही है। पहले की सेटेलाइट प्रणाली से 01 किलोमीटर के भीतर लगी आग की सूचना मिलती थी। देहरादून स्थित भारतीय वन सर्वेक्षण संस्थान में वन मुख्यालय के अधिकारियों सहित रेंज के अफसरों और बीट गार्ड के भी नंबर पंजीकृत है। वहां से उन्हें मैसेज मिलता है और मिली सूचना के आधार पर आग पर नियंत्रण की त्वरित कार्यवाही की जा रही है।
आग बुझाने के लिए अमले को अग्नि पट्टिका, ब्लोअर इत्यादि उपकरण दिए गए हैं, जिससे आग बुझाई जाती है। इसके साथ ही फायर लाइन को भी ब्रेक कर दिया जाता है। इससे आग का फैलाव रूक जाता है। अमले द्वारा की गई कार्रवाई की फीडबैक रिपोर्ट नियमित रूप से उस दिन ही वन मुख्यालय में दी जाती है। निरंतर निरीक्षण के कारण अमला सजग रहता है और आग का फैलाव नहीं हो पाता।
आग रोकने के लिए निरोधक उपाय भी अपनाए जाते हैं। सामान्यतः 15 फरवरी से 15 जून तक फायर सीजन माना जाता है। इसके पहले ही वन विभाग के द्वारा वन क्षेत्र में चिन्हित अग्नि पट्टियों को ब्रेक कर दिया जाता है, जिससे आग का फैलाव नहीं हो पाता। इसके साथ ही नियंत्रित अग्नि के उपायों से सफाई की जाती है। वन क्षेत्रों में वन प्रबंघन समितियां भी कार्यरत हैं, जिनके सदस्य भी मदद करते हैं। इसके अलावा कोई बड़े स्तर पर आगजनी की घटना होने पर प्रशासन की मदद ली जाती है आधुनिक अग्निशमन उपकरणों की मदद से आग बुझा दी जाती है।
वन विभाग द्वारा एक राज्य स्तरीय समिति बनाई गई है। यह समिति समय-समय पर राज्य के वन क्षेत्र में आगजनी और उनसे होने वाले नुकसान की समीक्षा करती है। इसके साथ ही सर्किल स्तर पर भी ऐसी समिति का गठन किया जा रहा है, जो ऐसी घटनाओं पर नजर रखेगी और समीक्षा भी करेगी।

gramyatracg

 

नमस्कार

मैंने भारत को समृद्धि एवं शक्तिशाली बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी के सदस्यता अभियान के तहत प्राथमिक सदस्यता ग्रहण कर ली है।
आप भी भाजपा सदस्य बन विश्व की सबसे बड़ी पार्टी के साथ जुड़ सकते हैं।

https://narendramodi.in/bjpsadasyata2024/VUXFHF

#BJPSadasyata2024

Related Articles

Check Also
Close