June 29, 2025 |

NEWS FLASH

Latest News
स्वच्छता दीदियों का ड्राईविंग लाईसेंस बनाने 02 जुलाई को सियान सदन में लगेगा शिविरकोरबा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ठेका घोटाला : डॉ. गोपाल कंवर और लेखाधिकारी अशोक कुमार महिपाल की जोड़ी का कमाल, ठेकेदार मालामाल…भारतमाला घोटाला: निलंबित पटवारी ने लगाई फांसी, सुसाइड नोट में लिखा- ‘मैं निर्दोष हूं’बलौदाबाजार में फैला डायरिया, कलेक्टर ने अस्पताल पहुंचकर लिया हालात का जायजाडिप्टी सीएम शर्मा ने पंचमुखी बूढ़ा महादेव मंदिर में किया जलाभिषेकनवाचार और तकनीक से सशक्त होंगे अन्नदाता : विष्णुदेव सायगद्दा बनाने वाली फैक्ट्री में लगी आग, युवक की मौत..अवैध सितार निर्माण फैक्ट्री में दबिश, दस्तावेज के अभाव में फैक्ट्री सीलबीजापुर में 13 हार्डकोर नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पणजांजगीर चांपा पुलिस की सराहनीय पहल: निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन
छत्तीसगढ़नेशनल

बिलासपुर: फर्जी खाते से हुआ 165 करोड़ का लेनदेन, फंस सकते है उद्योगपति और नेता

Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article
बिलासपुर। यस बैंक भिलाई के एक फर्जी खाते से 165 करोड़ रुपए लेनदेन के मामले में मुख्य न्यायाधीश की डिवीजन बेंच ने छत्तीसगढ़ शासन के मुख्य सचिव अमिताभ जैन के जांच संबंधी शपथ पत्र पर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान वादी के अधिवक्ता सतीश कुमार त्रिपाठी और बादशाह प्रसाद सिंह ने मुख्य न्यायाधीश के समक्ष आपत्ति दर्ज करते हुए कहा कि विगत तीन-चार वर्षो से प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज किए जाने के बावजूद अब तक किसी प्रकार की कोई जांच नहीं की गई है।
मुख्य सचिव के शपथ पत्र में बताया गया कि कुछ दस्तावेज ऐसे हैं, जिसे न्यायालय में अंतिम रूप से प्रस्तुत किया जा सकता है, किंतु सुनवाई के दौरान न्यायालय में दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए गए। दोनों ही आरोपी हितेश चौबे और अनिमेष सिंह फरार हैं। खाते से खरीदी गई बड़ी गाड़ियों और अन्य सामग्रियों की अब तक जब्ती नहीं की गई है।महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने कहा कि फिलहाल पुलिस जांच चल रही है। यदि आर्थिक अपराध शाखा को यह मामला सौंप दिया जाए तो और उचित रहेगा।

मुख्य न्यायाधीश ने इस मांग को खारिज करते हुए कहा कि पुलिस जांच और आर्थिक अपराध शाखा की जांच में कोई विशेष फर्क नहीं है। दोनों ही जांच में पुलिस अधिकारियों की प्रमुख भूमिका होती है। इसलिए अनावश्यक मामले को खींचने के बजाय 16 अक्टूबर 2023 तक जो भी जांच पुलिस विभाग करती है, उसकी रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत करें। साथ ही साथ दोनों आरोपी अनिमेष सिंह और हितेश चौबे के विरुद्ध लुक आउट नोटिस जारी करें। दो अलग-अलग एफआईआर होने के बावजूद दोनों ही आरोपी अब तक फरार चल रहे हैं। जांच को यदि उच्च न्यायालय संतोषप्रद नहीं पाता है तो 16 अक्टूबर 2023 को इस मामले की जांच किसी विशेष जांच एजेंसी को सौंप दी जाएगी। महाधिवक्ता सतीश वर्मा ने वादी प्रभुनाथ मिश्रा द्वारा दाखिल किए गए आपराधिक रिट याचिका को खारिज किए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि इस मामले से वादी का कोई लेना देना नहीं है, फिर भी वादी के द्वारा न्यायालय में ऐसी शिकायत करना समझ के परे है। जवाब में मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि इस विषय पर कई बार बहस हो चुकी है, यह मामला बहुत बड़ा है जो कि पूरी तरह से न्यायालय के संज्ञान में आ चुका है। इसलिए वादी के आवेदन प्रस्तुत किए जाने के मामले की बहस अब समाप्त हो चुकी है। यह स्पष्ट है कि अपराध घटित हुआ है। बैंक में खाता खोलकर उस खाते से करोड़ों रुपए का लेनदेन हुआ है जिसे स्वयं महाधिवक्ता भी स्वीकार कर रहे है। प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज किए जाने के बावजूद पहले तो शासन ने कहा कि एंटी करप्शन ब्यूरो जांच कर रही है जबकि उसने जांच से पूरी तरह इनकार कर दिया। इसलिए ऐसी स्थिति में साधन की जांच 16 अक्टूबर तक पूरी हो जानी चाहिए अन्यथा न्यायालय द्वारा उचित निर्णय किया जाएगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close