नान घोटाले मामले की सुनवाई टली
29 मार्च को होगी अगली सुनवाई कोर्ट ने पूछा- किस आधार गठित की गई एसआईटी
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित नान घोटाला मामले में राज्य शासन की ओर से गठित एसआईटी की याचिका पर अब 29 मार्च को होगी। चीफ जस्टिस अजय कुमार त्रिपाठी व जस्टिस पी.पी. साहू की युगलपीठ ने की मामले की सुनवाई चल रही है।
चीफ जस्टिस अजय कुमार त्रिपाठी ने सुनवाई करते हुए प्रदेश सरकार से पूछा, एसआईटी किस आधार पर गठित की गई है। जिस पर सरकार ने जवाब पेश करने के लिए कुछ समय मांगा। दोनों पक्षों ने आज कोर्ट में अपनी-अपनी दलीलें की पेश की। जिसके बाद कोर्ट ने आगे की सुनवाई के लिए 2़9 मार्च की तारीख मुकर्र की।
नान घोटाले में एसआईटी गठन के खिलाफ याचिकाकर्ता धरमलाल कौशिक की जनहित याचिका पर पैरवी करने दिल्ली सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी पहुंचे थे। वहीं शासन की ओर से पक्ष रखने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री व वरिष्ठ अधिवक्ता पी. चितम्बरम भी मौजूद रहे।
गौरतलब है, नान घोटाला मामले में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने एक जनहित याचिका दायर की है, जिसमें शासन द्वारा गठित एसआईटी पर सवाल उठाया गया है। उन्होंने याचिका में कहा है कि जिस मामले की एक बार जांच हो चुकी है उसी मामले में फिर से एसआईअी का गठन असंवैधानिक है।
इसी तरह आईपीएस अफसर मुकेश गुप्ता ने भी एसआईटी के खिलाफ याचिका लगाई है। हाईकोर्ट ने इन दोनों मामले की एक साथ सुनवाई करने का निर्देश दिया है।
अब तक ये हुआ
नान घोटाले में कुल 16 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई थी, वहीं 25 से ज्यादा लोगों को आरोपी बनाया यगा था। इस मामले में इस राज्य शासन के दो वरिष्ठ अधिकारी अनिल टुटेजा एवं आलोक शुक्ला को भी आरोपी बनाया गया है। इन्हीं में से एक अफसर की शिकायत पर एसआईटी का गठन किया गया है। जांच जारी है।
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