नान घोटाला, एक जज केस से अलग हुए, अब 18 जुलाई को बहस
रायपुर। नागरिक आपूर्ति निगम घोटाले की जनहित याचिकाओं पर सुनवाई सोमवार को टल गई। जस्टिस मनिन्द्र मोहन श्रीवास्तव ने खुद को सुनवाई से अलग कर लिया। प्रकरण की सुनवाई के लिए नई बेंच बनाई जाएगी। अब 18 जुलाई को प्रकरण की सुनवाई होगी।
नान घोटाले की जांच के लिए दायर अलग-अलग जनहित याचिकाओं पर जस्टिस पीआर रामचंद्रन मेनन और जस्टिस मनिन्द्र मोहन श्रीवास्तव की पीठ में सुनवाई होनी थी। जस्टिस मनिन्द्र मोहन श्रीवास्तव ने प्रकरण की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया। इसलिए प्रकरण पर आगे सुनवाई नहीं हो सकी। चीफ जस्टिस श्री मेनन जल्द ही नई बेंच का गठन करेंगे। प्रकरण पर सुनवाई के लिए 18 जुलाई की तिथि नियत की गई है।
बताया गया कि जस्टिस श्री श्रीवास्तव पहले भी नान प्रकरण की सुनवाई से मना कर चुके हैं। इस प्रकरण को लेकर जनहित याचिका अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव, हमर संगवारी संस्था के राकेश चौबे, राज्य वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष वीरेन्द्र पाण्डेय की तरफ से दायर की गई है।
याचिकाकर्ताओं ने प्रकरण की कोर्ट की निगरानी में एसआईटी अथवा सीबीआई जांच की मांग की है। सरकार ने प्रकरण की नए सिरे से जांच के लिए एसआईटी बनाई है। पिछली बार प्रकरण पर सुनवाई हुई थी और कोर्ट ने अब तक की जांच की स्थिति की समीक्षा की थी। दूसरी तरफ, जिला अदालत में भी प्रकरण की सुनवाई चल रही है और 100 से अधिक लोगों की गवाही हो चुकी है। इनमें राईस मिलर्स के अलावा नान के कर्मचारी और अन्य लोग भी थे।
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