नयी सरकार ने अरपा योजना पर लगाया विराम, किसानो को वापस मिलेगी जमीन
बिलासपुर। शहर के लिए 1850 करोड़ की प्रस्तावित सबसे बड़ी अरपा विकास परियोजना भाजपा की तत्कालीन सरकार में फाइलों से बाहर नहीं निकल पाई। अलबत्ता इस परियोजना पर दो करोड़ रुपये खर्च कर दिए गए। नई सरकार इस परियोजना को बंद करने की तैयारी कर रही है।
इस परियोजना में किसानों की 450 एकड़ जमीन पांच साल से सरकार के पास बंधक पड़ी है। जिस पर न तो कोई काम चालू हो पाया और न ही उसकी खरीद-बिक्री या नवनिर्माण की अनुमति ही मिल रही है। सरकार बदलने के बाद अब बंधक जमीन को मुक्त कर प्रोजेक्ट पर ही ताला लगाने की तैयारी शुरू हो गई है।
अरपा नदी के किनारे नया बिलासपुर बसाने के लिए अरपा प्रोजेक्ट तैयार किया गया। इस प्रोजेक्ट का मास्टर प्लान फरवरी 2014 में पास हुआ। उससे एक साल पहले ही कलेक्टर ने जमीन की खरीद बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था। इस तरह पांच साल से नदी के दोनों ओर 200-200 मीटर चौड़ाई में जमीन की खरीद-बिक्री पर प्रतिबंध लगा हुआ है। इस जमीन में से 450 एकड़ निजी जमीन ऐसी है जिसे प्रोजेक्ट एरिया का नाम दिया जाना है।
वहां जरूरत के अनुसार गार्डन, व्यावसायिक काम्प्लेक्स, कम्यूनिटी सेंटर आदि विकसित किया जाना है। इस जमीन की खरीद बिक्री पूरी तरह प्रतिबंधित है। यहां तक नया भ्ावन निर्माण के लिए भी निगम नक्शा पास नहीं कर रहा है। प्रोजेक्ट एरिया में आने वाले लोगों को न तो मुआवजा मिल रहा है और न ही वहां कोई काम ही शुरू हो पाया।
नया बिलासपुर बसाने का प्लान ग्राम दोमुहानी से सेंदरी तक के लिए था। इसकी दूरी 27.20 किलोमीटर है। विरोध के कारण प्रोेजेक्ट को अघोषित तौर पर 15 किलोमीटर में सीमित कर दिया गया था।
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