July 31, 2025 |

NEWS FLASH

Latest News
महिला अधिकारी ने डीएमसी के खिलाफ की थी झूठी शिकायत ! प्रशासन की जांच में आरोप पाए गए गलत, किसके शह पर बिछाए गए थे मोहरे पढ़िए पूरी रिपोर्ट…शोक समाचार :  पत्रकार एवं छत्तीसगढ़ अखबार वितरक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विनोद सिन्हा नहीं रहेONC BAR पर प्रशासन की चुप्पी पर उठा विवाद, विश्व हिंदू परिषद ने जताई नाराज़गीबिलासपुर कलेक्टर की अनुकरणीय पहल – पशु व जनहित में सराहनीय कदमसीएम साय ने किया ‘गौ विज्ञान परीक्षा अभियान 2025’ का शुभारंभग्रीन उद्यम की परिकल्पना को साकार करने साय सरकार दे रही विशेष पैकेज: उद्योग मंत्री श्री लखन लाल देवांगनबालको महिला मंडल ने धूमधाम से मनाया तीज महोत्सव“जब कोई साथ नहीं होता… तब ‘आगाज़ इंडिया’ साथ होता है” ‘आख़िरी सफर’ — एक संवेदनशील और मानवीय पहलकोरबा मेडिकल कॉलेज में अब ‘सफाई घोटाला’ ! एक माह का टेंडर बना 6 माह का, अपात्र फर्म को काम देने की तैयारी, 100 की जगह 200 सफाईकर्मी करने की साज़िश ?रायगढ़-रायपुर NH में बिखरे मिले मवेशियों के शव तेज रफ्तार ने ली 18 गायों की जान
छत्तीसगढ़

नदी-नालों में साल भर पानी की उपब्धता हो सुनिश्चित: कमिश्नर

जलाशयों से पानी लिफ्ट कर नदी-नालों में प्रवाह बनाने के दिए निर्देश

Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

रायपुर। रायपुर संभाग के कमिश्नर जी.आर. चुरेन्द्र ने साल भर नदी-नालों से पानी की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके इसके लिए संभाग के सभी जिला कलेक्टरों, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों तथा जल संसाधन विभाग के संभागीय व जिला अधिकारियों को आवश्यक पहल कर कार्य करने के निर्देश जारी किए है।
कमिश्नर ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार की मंशानुरूप नरवा प्रोजेक्ट के तहत धमतरी जिले के रविशंकर जलाशय गंगरेल बांध एवं बालोद जिले के तांदुल, गोंदली और खरखरा जलाशयों का जल लिफ्ट कर जिले के नदी व नालों के प्रवाह को साल भर बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि नदी नालों में जल का प्रवाह थमने से जल संकट गहरा रहा है, जो भविष्य के लिए खतरे की घण्टी है। यदि समय रहते इस और समुचित व कारगर उपाय व प्रयास नहीं किया गया तो बहुत दिक्कत होगी। जिस तरह हम तालाब, जलाशय, नदी, ट्यूवेल, आदि के जल का अंधाधुन दोहन अनियोजित व बिना बुद्धिमानी के कर रहे हैं, वह कतई उचित नहीं है। उपरोक्त साधनों के जल का गर्मी में धान की फसल के लिए उपयोग करना किसी स्थिति में अच्छी बात नहीं है, अब तो फसल प्रतिरूप परिवर्तन समय की मांग है, इस पर हर जिले में समग्र प्रयास किए जाने चाहिए। जल बचाना हमारी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।
कमिश्नर ने बताया कि अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष श्री जी.आर. राना ने अपने पुराने अनुभव के आधार पर एक परिकल्पना प्रस्तुत की है जिस पर आवश्यक पहल कर इस दिशा में कारगर कदम उठाए जा सकते है। उन्होंने बताया कि रविशंकर गंगरेल बांध के पानी को राजाराव पठार के आस-पास(ओनाकोना ग्राम) से लिफ्ट कर पाईप लाईन के माध्यम से कंकालीन(बड़भूम गांव) जो खारून नदी का उद्गम स्थल है वहां तक लाकर खारून नदी को एक नया जीवन दिया जा सकता है। खारून नदी में लगभग 12 स्थानों पर स्टाप डेम बनाकर खारून नदी मंे नरवा प्रोजेक्ट को सफल करने के साथ उस क्षेत्र के गांवों को समृद्ध बनाया जा सकता है। इसी तरह तादुंला जलाशय के जल का उपयोग बालोद जिले के बड़भूम, सियादेही के क्षेत्र के गांव गुरूर ब्लाक के अरकार गांव तक जल का उपयोग किया जा सकता है। इससे महानदी, गंगरेल और खारून व तादुंला को आपस में जोड़ा जा सकता है।

Related Articles

Check Also
Close