छत्तीसगढ़ की 5 सीटों के लिए कांग्रेस ने किया नामों का ऐलान
कांग्रेस ने पांच प्रत्याशी घोषित किए, भाजपा में कल हो सकता है ऐलान
सरगुजा। रायगढ़, बस्तर से विधायकों को दिया टिकट, कांकेर से पूर्व जनपद अध्यक्ष और जांजगीर से पूर्व सांसद के पुत्र उम्मीदवार।
रायपुर। छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों में से पांच के लिए कांग्रेस ने शनिवार आधी रात को प्रत्याशियों की घोषणा कर दी, जबकि भाजपा में केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में छत्तीसगढ़ को लेकर चर्चा तक नहीं हुई। प्रदेश में चार लोकसभा सीटें आदिवासी वर्ग के लिए और एक एससी के लिए आरक्षित हैं। बाकी 6 सीटें सामान्य हैं। कांग्रेस ने जिन सीटों से प्रत्याशी घोषित किए गए हैं, उसमें सरगुजा लोकसभा से खेलसाय सिंह, रायगढ़ से लालजीत सिंह राठिया, बस्तर से दीपक बैज, कांकेर से बीरेश ठाकुर और जांजगीर से रवि भारद्वाज शामिल हैं। इसमें से तीन विधायक हैं, खेलसाय सिंह प्रेमनगर, लालजीत सिंह राठिया धर्मजयगढ़ और दीपक बैज चित्रकोट के विधायक हैं। ठाकुर भानुप्रतापपुर के पूर्व जनपद अध्यक्ष हैं, जबकि भारद्वाज पूर्व सांसद परसराम भारद्वाज के पुत्र हैं।
पांचों प्रत्याशी पहली बार लोकसभा चुनाव के मैदान में उतरें हैं। शनिवार शाम को कांग्रेस और भाजपा दोनों राजनीतिक दलों की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक हुई। कांग्रेस में बैठक की अध्यक्षता पार्टी के राष्ट्रीय प्रभारी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने की। बैठक में छत्तीसगढ़ प्रभारी पीएल पुनिया, पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल, प्रदेश प्रभारी सचिव डॉ. चंदन यादव व अरुण उरांव उपस्थित थे। पुनिया और बघेल का कहना है कि सभी 11 सीटों के लिए सिंगल नाम तय कर लिए गए हैं, लेकिन जब एक-एक नामों की सूची केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के बाद वेणुगोपाल ने राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के सामने रखी, तो उन्होंने पांच नामों पर ही मुहर लगाई। छह सीटों के प्रत्याशियों के नाम रोक लिए।
सरगुजा लोकसभा के प्रत्याशी मंत्री टीएस सिंहदेव की पसंद पर फाइनल किए गए। इसका कारण यह है कि सरगुजा की जिम्मेदारी सिंहदेव को ही दी गई है। रायगढ़ में मंत्री उमेश पटेल की पसंद का ध्यान रखा गया। बस्तर के प्रत्याशी चयन में पीसीसी अध्यक्ष बघेल की चली। वहीं, जांजगीर लोकसभा सीट के लिए सभी की राय लेने के बाद निर्णय लिया गया। कांकेर के ठाकुर को प्रत्याशी बनाने का कारण यह है कि वे वनाधिकार पट्टा और आदिवासियों के हक की लड़ाई लड़ते रहे हैं।
खेलसाय सिंह: सरगुजा
1990 में खेल साय सिंह सूरजपुर की एसटी आरक्षित सीट से विधानसभा चुनाव जीता, इसके बाद 2008 में परिसीमन के बाद ये सीट अनारक्षित हुई लेकिन प्रत्याशी नहीं बदले दोनों ही दल अरक्षित वर्ग के प्रत्याशी ही मैदान में उतरते रहे लिहाजा 2003 और 2008 में भाजपा की टिकट से जीतने वाली कद्दावर नेत्री रेणुका सिंह को खेल साय सिंह ने 2013 में चुनाव हराया और एक बार फिर विधानसभा पहुंचे। लेकिन तब उनकी सरकार नहीं थी। 2018 में फिर विधानसभा चुनाव हुए और खेल साय सिंह इस सीट से फिर विजयी हुये और इस बार सरकार भी प्रदेश में कांग्रेस की बनी लिहाजा उन्हें सरगुजा विकास प्राधिकरण के जिम्मेदारी दी गई, इस जिम्मेदारी के साथ ही यह कयास लगाए जा रहे थे की अब इन्हें लोकसभा की टिकट नहीं मिलेगी, लेकिन कांग्रेस आलाकमान ने सारे कयासों को मिथक करते हुए एक बार फिर खेल साय सिंह पर दांव लगाया है।
लालजीत सिंह राठिया: रायगढ़
बता दें कि लालजीत सिंह धर्मजयगढ़ के कापु गांव के रहने वाले हैं, जो कि पेशे से एक किसान हैं. वे धरमजयगढ़ विधानसभा से विधायक भी हैं. 2013 में धर्मजयगढ़ से विधायक बने, वर्तमान में इसी सीट से विधायक हैं. मध्यक्षेत्र विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष हैं.
रवि भारद्वाज -जांजगीर
कांग्रेस नेता रवि भारद्वाज के पिता स्व. परसराम भारद्वाज साल 1980 से 1999 तक लगातार पांच बार कांग्रेस से सांसद रहे हैं। वहीं रवि भारद्वाज भी लंबे समय से राजनीति में सक्रिय हैं। वे प्रदेश कांग्रेस कमेटी और युवा कांग्रेस के सचिव भी रह चुके हैं।
इसके साथ ही वे खेलकूद, सामाजिक सरोकार और धार्मिक कार्यक्रमों में भी लगातार अपनी सक्रिय सहभागिता निभाते रहे हैं। क्षेत्रवासियों के आग्रह पर उन्होंने जांजगीर-चांपा लोकसभा सीट से अपनी सशक्त दावेदारी पेश की थी, जिसके बाद पार्टी ने उन्हें जांजगीर-चांपा लोकसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतारा है।
बीरेश ठाकुर: कांकेर
भानुप्रतापपुर के पूर्व जनपद अध्यक्ष हैं। पिछले तीन विधानसभा चुनाव से कांकेर सीट से दावेदारी पेश कर रहे थे। पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं।
दीपक बैज – बस्तर
प्रदेश कांग्रेस का युवा चेहरा हैं. वर्ष 2013 में विधानसभा चुनाव में पहली बार चित्रकोट विधानसभा से विधायक चुने गए थे।
भाजपा में आज फिर मंथन होगा
भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में शामिल होने के लिए छत्तीसगढ़ से प्रदेश अध्यक्ष व सांसद विक्रम मंडावी, भाजपा विधायक दल के नेता धरमलाल कौशिक, प्रदेश प्रभारी डॉ. अनिल जैन, राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री सौदान सिंह दिल्ली पहुंचे थे, लेकिन छत्तीसगढ़ का नम्बर ही नहीं लगा। रविवार को संगठन के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल के साथ उसेंडी, कौशिक, जैन व सिंह की बैठक होगी। पार्टी के सूत्रों के अनुसार 18 मार्च को केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक होने वाली है, जिसमें छत्तीसगढ़ के प्रत्याशी तय होंगे।
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