November 8, 2024 |

NEWS FLASH

Latest News
फांसी के फंदे पर लटका मिला युवक का शव, हाथ और पीठ पर मिले निशान..जांच में जुटी पुलिसपार्षद नरेंद्र देवांगन पहुंचे विभिन्न छठ घाट, दिया अर्घ्य, व्रतियों को दी शुभकामनाएंइस बार सबसे ज्यादा चली पूजा विशेष ट्रेनेंस्ताचल के सूर्य को अर्घ्य देने कोरबा के छठ घाटों में उमड़ा आस्था का रेलावोरा ने छठ मैया से सुखसमृद्धि की कामना कीमुठभेड़ में जवानों से लूटे गए 11 हथियारों की पहचान, जिस मदनवाड़ा में एसपी हुए बलिदानइंदिरा गांधी कॉलेज में अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजनरिखी संग सरगुजिहा करमा पर मांदर की थाप देते झूम उठे सीएम सायएचआईवी पीड़ित और बुजुर्ग लोगों के लिए बसों में मुफ़्त यात्रा की सुविधामुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भारतरत्न लालकृष्ण आडवाणी को जन्मदिन की दी बधाई
रोचक तथ्य

क्रिसमस : जाने प्रभु यीशु की पवित्र जन्मकथा के बारे में…

Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

प्रतिवर्ष 25 दिसंबर को क्रिसमस मनाया जाता है। सभी ईसाइयों का सबसे अधिक महत्वपूर्ण त्योहार हैं क्रिसमस, जिसका शाब्दिक अर्थ है क्राइस्ट्स मास। ईसा के जन्म सम्मान में की जाने वाली सामूहिक प्रार्थना। वास्तव में यह मात्र प्रार्थना न होकर एक बड़ा त्योहार है।
ईसा के पूर्व रोम राज्य में 25 दिसंबर को प्रतिवर्ष सूर्यदेव डायनोसियस की उपासना के लिए एक महान त्योहार मनाया जाता था। ईसा की प्रथम शताब्दी में ईसाई लोग महाप्रभु ईसा का जन्मदिवस इसी दिन मनाने लगे। इसे बड़ा दिन का त्योहार भी कहते हैं।
ईसा के जन्म को लेकर न्यू टेस्टामेंट में एक कहानी है, इस कथा में कहा गया है कि ईश्वर ने अपना एक दूत ग्रैबियल एक लड़की मैरी के पास भेजा। ग्रैबियल ने मैरी को बताया कि वह ईश्वर के पुत्र को जन्म देगी। बच्चे का नाम जीसस होगा और वह ऐसा राजा होगा, जिसके साम्राज्य की कोई सीमा नहीं होगी। चूंकि मैरी एक कुंआरी, अविवाहित लड़की थी, इसलिए उसने पूछा कि यह सब कैसे संभव होगा।
अपने जवाब में ग्रैबियल ने कहा कि एक पवित्र आत्मा उसके पास आएगी और उसे ईश्वर की शक्ति से संपन्न बनाएगी।
मैरी का जोसेफ नामक युवक से विवाह हुआ। देवदूत ने स्वप्न में जोसेफ को बताया कि जल्दी ही मैरी गर्भवती होगी, वह मैरी का पर्याप्त ध्यान रखे और उसका त्याग न करें।
जोसेफ और मैरी नाजरथ में रहा करते थे। नाजरथ आज के इसराइल में है, तब नाजरथ रोमन साम्राज्य में था और तत्कालीन रोमन सम्राट आगस्तस ने जिस समय जनगणना किए जाने की आज्ञा दी थी उस समय मैरी गर्भवती थी पर प्रत्येक व्यक्ति को बैथेलहम जाकर अपना नाम लिखाना जरूरी था, इसलिए बैथेलहम में बड़ी संख्या में लोग आए हुए थे। सारी धर्मशालाएं, सार्वजनिक आवास गृह पूरी तरह भरे हुए थे। शरण के लिए जोसेफ मेरी को लेकर जगह-जगह पर भटकता रहा।
अंत में दम्पति को एक अस्तबल में जगह मिली और यहीं पर आधी रात के समय महाप्रभु ईसा या जीसस का जन्म हुआ। उन्हे एक चरनी में लिटाया गया। वहां कुछ गडरिये भेड़ चरा रहे थे। वहां एक देवदूत आया और उन लोगों से कहा- ‘इस नगर में एक मुक्तिदाता का जन्म हुआ है, ये स्वयं भगवान ईसा हैं। अभी तुम कपड़ों में लिपटे एक शिशु को नाद में पड़ा देखोगे।’
गडरियों ने जाकर देखा और घुटने टेककर ईसा की स्तुति की। उनके पास उपहार देने के लिए कुछ भी नहीं था। वे गरीब थे। उन्होंने ईसा को मसीहा स्वीकार कर लिया। ईसाइयों के लिए घटना का अत्यधिक महत्व है, क्योंकि वे मानते हैं कि जीसस ईश्वर के पुत्र थे, इसलिए क्रिसमस, उल्लास और खुशी का त्योहार है, क्योंकि उस दिन ईश्वर का पुत्र कल्याण के लिए पृथ्वी पर आया था।

gramyatracg

 

नमस्कार

मैंने भारत को समृद्धि एवं शक्तिशाली बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी के सदस्यता अभियान के तहत प्राथमिक सदस्यता ग्रहण कर ली है।
आप भी भाजपा सदस्य बन विश्व की सबसे बड़ी पार्टी के साथ जुड़ सकते हैं।

https://narendramodi.in/bjpsadasyata2024/VUXFHF

#BJPSadasyata2024

Related Articles

Check Also
Close