अफसर कार्यशैली में लाएं सुधार, पुराने ढर्रे पर काम करना छोड़े
कलेक्टर-एसपी कांफ्रेंस में बोले मुख्यमंत्री बघेल, अफसरों को मुख्यमंत्री की दो टूक- दिए गए कार्यों को समय पर पूरा करें, सौर सुजला योजना के 20 फीसदी कनेक्शन गोठानों के लिए आरक्षित होंगे
रायपुर कलेक्टर-एसपी कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अफसरों से साफ कहा कि अपनी कार्यशैली में सुधार लाएं और पुराने ढर्रे पर काम करना छोड़कर नई सरकार की नीतियों के अनुरूप कार्य करें। सरकार की प्राथमिकता वाली योजनाओं में सतर्कता के साथ काम करें। उन्होंने अफसरों से साफ कहा कि जिन कामों का दायित्व सौंपा गया है उनकाे समय पर पूरा करें। आम जनता को मिलने वाली सुविधाओं का ध्यान रखें और अपने अधीनस्थों के कामकाज का नियमित निरीक्षण करें।
गुरुवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंत्रालय में प्रदेशभर के कलेक्टर-एसपी की कांफ्रेंस ली। कांफ्रेंस के पहले सत्र में राज्य शासन के वरिष्ठ अधिकारी, सभी संभागों से आए कमिश्नर, कलेक्टर, जिला पंचायतों के सीईओ और नगर निगमों के आयुक्त भी उपस्थित रहे। इस दौरान 16 बिंदुओं सहित करीब 2 दर्जन एजेंडों की समीक्षा की गई।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कांफ्रेंस की शुरूआत में कहा कि राज्य में प्रति व्यक्ति आय को तेजी के साथ बढ़ाने के लिए सरकार पूरी प्रतिबद्धता से काम कर रही है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार लाकर हम अपने लक्ष्य को आसानी से हासिल कर सकते हैं और इसके लिए नरवा, गरुवा, घुरुवा और बारी प्रोजेक्ट बनाया गया है। एक साल के अंदर इस परियोजना के सकारात्मक परिणाम सामने आने लगेंगे। मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना से खेती और पशुपालन को मजबूती मिलेगी। मवेशियों के खुले में घूमने से खेती में दिक्कतें आ रही हैं। गोठान निर्माण और चारागाह विकास से यह समस्या दूर होगी। एक-दो साल में इस योजना के अच्छे परिणाम नजर आने लगेंगे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि गोठान के लिए भूमि चयन में पूरी सावधानी बरतें। इस विषय में विवाद से बचें, कानून व्यवस्था की समस्या न आए।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में प्रति व्यक्ति आय बढ़ाना है। इससे गांव की अर्थव्यवस्था में आमूलचूक परिवर्तन होगा। गोठान में सीमेंट कांक्रीट का उपयोग न हो, इसका भी ध्यान रखा जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि योजना में ग्रामीणों की सहभागिता बढ़ाएं। उनका अधिक से अधिक सहयोग लें। चारागाह निर्माण को प्रोत्साहित करें। नालों के जल का प्रवाह बरकरार रखते हुए जल संरक्षण का उपाय करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि कंपोस्ट खाद के प्रमाणीकरण और विपणन की मानक व्यवस्था करें, ताकि भविष्य में क्रय विक्रय में कोई अनियमितता न हो पाए। मुख्यमंत्री ने बस्तर और सरगुजा संभागों के अवलोकन किए गए गोठानों की सराहना भी की। उन्होंने एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि सौर सुजला योजना के 20 फीसदी कनेक्शन गाेठानों के लिए आरक्षित होंगे। बैठक में मुख्य सचिव सुनील कुजूर, अपर मुख्य सचिव केडीपी राव, अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव गौरव द्विवेदी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
संभागायुक्त तहसील कार्यालयों की करें नियमित मानिटरिंग
लोक सेवा गारंटी सुनिश्चित करने के लिए संभागायुक्तों को लगातार मानिटरिंग और तहसील कार्यालयों के दौरा करने के निर्देश भी सीएम ने दिए। उन्होंने जानकारी दी कि जनवरी से मई के बीच प्राप्त लोक सेवा गारंटी आवेदनों में से 83 प्रतिशत निराकृत किए गए हैं। जबकि पिछले वर्ष जुलाई से दिसंबर के बीच 78 प्रतिशत आवेदनों का निराकरण हुआ था। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि लोक सेवा में वास्तविक निराकरण हो, आवेदक संतुष्ट होना चाहिए, यह बात सुनिश्चित की जाए। उन्होंने संभागायुक्तों को कहा कि जमीनों के बंदोबस्त त्रुटियों के निराकरण के लिए नियमित कैंप लगाएं।
पौधरोपण को लेकर दिए कड़े निर्देश
प्रदेश में पौधरोपण के नाम पर हर साल लाखों-करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं, लेकिन इसके बाद भी आज तक कुछ भी हासिल नहीं हुआ है। इसी तथ्य के मद्देनजर मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कलेक्टर-एसपी कांफ्रेंस में कड़े निर्देश दिए, जिसमें अधिकारियों से कहा कि पौधरोपण के बाद पौधों को बचाने के लिए वन विभाग फेंसिंग के साथ-साथ ड्रिप इरीगेशन या सिंचाई की व्यवस्था करे। वहीं उन्होंने नदी किनारे पौधरोपण के लिए लक्ष्य तय कर जल्द काम शुरू करने के निर्देश दिए। वन विभाग की ओर से इंद्रावती, खारुन, अरपा और सकरी नदी के तटों पर पौधरोपण किया जाएगा। इसके अलावा लिफ्ट इरीगेशन के माध्यम से सिंचाई के लिए शबरी नदी के किनारे सोलर पंप स्थापित किया जाएगा।
भूमिगत जलस्तर बढ़ाने नालों को करें रीचार्ज
श्री बघेल ने अधिकारियों से कहा कि भूमिगत जलस्तर बढ़ाने के लिए अधिक से अधिक नालों को रीचार्ज करें। इसके लिए व्यापक कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। इसके साथ तालाब गहरीकरण और बोर के रीचार्ज के लिए कहा कि भूमिगत जल की कमी को दूर करने में नरवा योजना महत्वपूर्ण है। वहीं बरसात के पहले कच्ची मिट्टी, बोल्डर चेकडैम और नालाबंधान के कार्यों में तेजी लाने अधिकारियों को निर्देश दिए।
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