June 30, 2025 |

NEWS FLASH

Latest News
मुख्यमंत्री ने किया मंत्रालय के नवीन सभागार का लोकार्पणलखमा के खिलाफ ईओडब्ल्यू ने चौथा पूरक चालान पेश कियाखूब पढ़ें और आगे बढ़ें, सरकार आपके साथ है: मुख्यमंत्री सायचोरी की जांच करने गई पुलिस टीम पर हमला: 3 जवान घायल, 4 आरोपी गिरफ्तारकोरबा में बंशीलाल महतो की जयंती पर सेवाभाव का सैलाब! कहीं वृक्षारोपण, कहीं फल वितरण — हर मोहल्ले-गांव में गूंजा डॉ. महतो का नामसंविदा पद पर भर्ती आवेदन 7 जुलाई तकछत्तीसगढ़ के पुरखा से युवा पीढ़ी ले सीख, छत्तीसगढ़ी साहित्य को मिलेगा मान : सावराज्यपाल ने मुख्य सचिव जैन को सेवानिवृत्ति पर दी शुभकामनाएंकुल्हाड़ी से एटीएम तोड़कर लूट का प्रयास करने वाला आरोपी गिरफ्तारकोरबा चेम्बर चुनाव में पुरानी टीम पर नए उम्मीदवारों का हमला — पुराने वादों नहीं हुए पूरे अब फिर आ गया नया घोषणापत्र !
नेशनल

सशस्त्र बलों में पाकिस्तानी नागरिकों की भर्ती, हाईकोर्ट ने सीबीआई से जांच करने को कहा

Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

कोलकाता:कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार को सशस्त्र बलों में दो पाकिस्तानी नागरिकों की कथित भर्ती के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को प्रीलिमिनरी और पैरलेल (समानांतर) जांच का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की एकल-न्यायाधीश पीठ ने यह भी कहा कि पश्चिम बंगाल पुलिस की सीआईडी ​​मामले में अपनी समानांतर जांच जारी रखेगी, और कहा कि राष्ट्र की सुरक्षा के लिए सभी जांच एजेंसियों को एक साथ काम करने की जरूरत है।

रिपोर्ट के अनुसार, 13 जून को बिष्णु चौधरी द्वारा न्यायमूर्ति मंथा की पीठ में एक याचिका दायर की गई थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि दो कथित पाकिस्तानी नागरिक जयकांत कुमार और प्रद्युम्न कुमार वर्तमान में राज्य के उत्तर 24 परगना जिले के बैरकपुर स्थित छावनी में तैनात हैं। चौधरी ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि दोनों का चयन कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षा के माध्यम से हुआ और उन्होंने जाली दस्तावेजों के जरिए नौकरियां हासिल कीं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जाली दस्तावेजों के जरिए ऐसी नियुक्तियों के पीछे प्रभावशाली राजनीतिक नेताओं, नौकरशाहों और पुलिस अधिकारियों से जुड़ा एक बड़ा रैकेट शामिल है।

 

उस दिन, न्यायमूर्ति मंथा ने सीआईडी को प्रारंभिक जांच करने का निर्देश दिया और इस मामले में केंद्र सरकार, केंद्रीय जांच ब्यूरो और भारतीय सेना की पूर्वी कमान के प्रमुख को भी पक्षकार बनाया। मंगलवार को मामले पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति मंथा ने कहा कि सीआईडी के अधिकारियों द्वारा शुरुआती निष्कर्ष बहुत महत्वपूर्ण हैं। सांठगांठ की जड़ का अभी तक पता नहीं चल पाया है। उत्तर प्रदेश, असम और बिहार जैसे अन्य राज्यों के साथ भी संबंध सामने आए हैं। सेना, सीबीआई और सीआईडी को किसी भी प्रकार के टकराव के बिना एक साथ काम करना चाहिए। न्यायमूर्ति मंथा ने कहा कि सीआईडी अपने निष्कर्षों की रिपोर्ट भारतीय सेना अधिकारियों को देती है, जो इस मामले में अपनी रिपोर्ट दे सकते हैं। उन्होंने सीबीआई और सीआईडी दोनों को 26 जुलाई को अगली सुनवाई की तारीख पर अपनी-अपनी जांच की प्रगति रिपोर्ट अदालत में पेश करने का भी निर्देश दिया।.

123
123

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close