February 6, 2025 |

NEWS FLASH

Latest News
आचार्य विद्यासागर ने एक नए विचार और नए युग का प्रवर्तन किया : अमित शाहमहिला वकील को डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाकर ठगों ने ऐंठे 41 लाखप्रेमिका से मिलने पहुंचा युवक हुआ लापता, हत्या की आशंका…करोड़ों के सफाई घोटाले का आरोपी राजू जायसवाल करवा रहा लकड़ी चोरी! कक्का के ड्राइवर ने खोला राज, ट्राली पर लिखा था – “नगर पालिक निगम कोरबा” ताकि किसी को न हो शककांग्रेस के पूर्व सभापति सोनी उद्योग मंत्री के विकास कार्यों के हुए मुरीद, भरे मंच से तारीफों के पुल बांध रहे, देखे वीडियोकांग्रेस ने 24 बागी नेताओं को पार्टी से निकालाढीठ हो गए हैं हाथी: सायरन हो रहा बेअसर, केंदई रेंज में तोड़े घरबिलाईगढ़ में नामांकन रद्द कराने को लेकर मारपीट, दोनों पक्षों पर FIR दर्जनौकरी लगाने के नाम पर लाखों की ठगीसीमांकन के बाद नकटा तालाब पर अवैध अतिक्रमण करने वालो पर की गई कार्यवाही
छत्तीसगढ़

विधायक दल की बैठक में तीन घंटे हार पर मंथन आज संगठन में तलाशेंगे वजह

Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

रायपुर। जब भाजपा के दिग्गजों को ही नहीं पता कैसे जीत गए, तो हम भी समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर क्या हुआ है। मुख्यमंत्री निवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक तीन घंटे तक चली। इसमें लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार पर मंथन किया गया। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बैठक में बीजेपी के कथित राष्ट्रवाद, आरएसएस और भाजपा के ध्रुवीकरण को हार की वजह माना गया। साथ ही बस्तर में नमक चना न बंटने को भी एक वजह बताई गई। बैठक के बाद स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने बताया कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष अपनी जिम्मेदारी संभालते रहे। जो उन्होंने पेशकश की है कि अध्यक्ष पद के जिम्मेदारी को छोडऩे की वे उस पर बने रहे। फिलहाल हार का कारण पता नहीं चल पाया है। सिंहदेव ने कहा कि घर के सामने से बीजेपी की कितनी गाडिय़ां जाती थी। बैंडबाजा बजता लेकिन इस बार कोई माहौल नहीं था। कहीं मिठाईयां नहीं बंट रही, अब की बार 300 पार कहने के बाद कंधों पर दुनिया उठा लेनी चाहिए थी, लेकिन कही कुछ नहीं है।
1952 से नहीं हारे वहां कैसे हार मिली?
काम तो छत्तीसगढ़ सरकार ने बहुत किया था। अन्य जगहों पर भी हम गए, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, झारखंड, ओडिशा, तेलंगाना में प्रचार में गए, कही ऐसा माहौल महसूस नहीं हो रहा था कि इस प्रकार के परिणाम आएंगे और मंथन करने की आवश्यकता है, लोग कह रहे हैं कि जो पोलिंग 1952 से नहीं हारी, वहां कैसे हार गए, यहां तक विधानसभा में हारे, न लोकसभा में हारे लेकिन इस बार कैसे हार गए। ओवर कॉफिडेंस के सवाल पर कहा कि ऐसा नहीं हो सकता, क्योंकि सभी पूरे मन से काम कर रहे थे, अगर ओवर कॉफिडेंस होता तो लोग घर बैठ जाते कि हम जीत ही जाएंगे, लोग काम हीं नहीं करते।
ईवीएम को निर्माता देशों ने छोड़ दिया : ईवीएम मशीन के निर्माता देशों ने भी इसे छोड़ दिया है, ईवीएम के सवाल पर कहा कि चुनाव के परिणाम के बाद इस पर चर्चा करना व्यर्थ है। ये लगेगा की हार गए तो ऐसा बोल रहे हैं। मेरी राय है कि ईवीएम इतना विवादित हो गया, जापान ने छोड़ दिया, अमेरिका ने छोड़ दिया, जर्मनी ने छोड़ दिया तो हम क्यों नहीं छोड़ते, हम क्यों चिपके हुए है ये मेरी निजी राय है, बहरहाल इस चुनाव के बाद ईवीएम पर चर्चा करना गलत है।
अफवाह का नहीं हुआ असर : चना की बात होती है तो आदिवासी इलाके में चना दिया जाता है। मैदानी इलाके में तो चना नहीं दिया जाता तो इसका पूरे प्रदेश में इसका असर कैसे हो गया? चना तो दुर्ग और रायपुर में भी नहीं दिया जाता, उसका असर यहां नहीं हुआ। हालांकि उन्होंने (भाजपा) आदिवासी इलाके में इसे मुद्दा बनाने का प्रयास किया था और हम लोगों को जवाब भी देना पड़ा, जहां चना दिया जाता वहां जैसे कांकेर में हम नजदीकी मुकाबले में हार गए। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया बोले कि पूरा देश चिंतन कर रहा है सरकार ने कोई काम नहीं किया फिर भी ऐसे नतीजे कैसे आ गए। इस पर सारा विपक्ष चिंतन कर रहा है।
हार की वजह समझ नहीं आई : दुर्ग संभाग में मिली हार पर कहा कि पुलवामा की बातें नहीं चली, गैस, घर देने, सेना के लोगों के नाम पर प्रयास किया गया। वो भी छूट गया। मेरे 35 साल के राजनीतिक सफर के बाद मुझे पहली बार हार की वजह समझ नहीं आया। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया, अरुण उरांव और भूपेश बघेल ने विधायकों की बैठक ली। इसमें सभी मंत्री और कांग्रेस के 68 में से 57 विधायक मौजूद रहे।

gramyatracg

Related Articles

Check Also
Close