June 30, 2025 |

NEWS FLASH

Latest News
मुड़ापार, नवधा चौक क्षेत्र में नशेड़ियों पर पुलिस का शिकंजा, जन चौपाल में दी समझाइशमुख्यमंत्री ने किया मंत्रालय के नवीन सभागार का लोकार्पणलखमा के खिलाफ ईओडब्ल्यू ने चौथा पूरक चालान पेश कियाखूब पढ़ें और आगे बढ़ें, सरकार आपके साथ है: मुख्यमंत्री सायचोरी की जांच करने गई पुलिस टीम पर हमला: 3 जवान घायल, 4 आरोपी गिरफ्तारकोरबा में बंशीलाल महतो की जयंती पर सेवाभाव का सैलाब! कहीं वृक्षारोपण, कहीं फल वितरण — हर मोहल्ले-गांव में गूंजा डॉ. महतो का नामसंविदा पद पर भर्ती आवेदन 7 जुलाई तकछत्तीसगढ़ के पुरखा से युवा पीढ़ी ले सीख, छत्तीसगढ़ी साहित्य को मिलेगा मान : सावराज्यपाल ने मुख्य सचिव जैन को सेवानिवृत्ति पर दी शुभकामनाएंकुल्हाड़ी से एटीएम तोड़कर लूट का प्रयास करने वाला आरोपी गिरफ्तार
नेशनल

राम मंदिर के लिए कानून ला सकती है केंद्र सरकार : न्यायमूर्ति चेलमेश्वर

Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

मुंबई। उच्चतम न्यायालय के ने शुक्रवार को यहां कहा कि उच्चतम न्यायालय में मामला लंबित होने के बावजूद सरकार राम मंदिर निर्माण के लिए कानून बना सकती है। उन्होंने कहा कि विधायी प्रक्रिया द्वारा अदालती फैसलों में अवरोध पैदा करने के उदाहरण पहले भी रहे हैं।
न्यायमूर्ति चेलमेश्वर ने यह टिप्पणी ऐसे समय में की है जब अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने के लिए एक कानून बनाने की मांग संघ परिवार में बढ़ती जा रही है।
कांग्रेस पार्टी से जुड़े संगठन ऑल इंडिया प्रोफेशनल्स कांग्रेस (एआईपीसी) की ओर से आयोजित एक परिचर्चा सत्र में न्यायमूर्ति चेलमेश्वर ने यह टिप्पणी की।
इस साल की शुरुआत में न्यायमूर्ति चेलमेश्वर उच्चतम न्यायालय के उन चार वरिष्ठ न्यायाधीशों में शामिल थे जिन्होंने संवाददाता सम्मेलन कर तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के कामकाज के तौर-तरीके पर सवाल उठाए थे।
शुक्रवार को परिचर्चा सत्र में जब चेलमेश्वर से पूछा गया कि उच्चतम न्यायालय में मामला लंबित रहने के दौरान क्या संसद राम मंदिर के लिए कानून पारित कर सकती है, इस पर उन्होंने कहा कि ऐसा हो सकता है।
उन्होंने कहा कि यह एक पहलू है कि कानूनी तौर पर यह हो सकता है (या नहीं)। दूसरा यह है कि यह होगा (या नहीं)। मुझे कुछ ऐसे मामले पता हैं जो पहले हो चुके हैं, जिनमें विधायी प्रक्रिया ने उच्चतम न्यायालय के निर्णयों में अवरोध पैदा किया था।
चेलमेश्वर ने कावेरी जल विवाद पर उच्चतम न्यायालय का आदेश पलटने के लिए कर्नाटक विधानसभा द्वारा एक कानून पारित करने का उदाहरण दिया। उन्होंने राजस्थान, पंजाब एवं हरियाणा के बीच अंतर-राज्यीय जल विवाद से जुड़ी ऐसी ही एक घटना का भी जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि देश को इन चीजों को लेकर बहुत पहले ही खुला रुख अपनाना चाहिए था। यह (राम मंदिर पर कानून) संभव है, क्योंकि हमने इसे उस वक्त नहीं रोका।

Related Articles

Check Also
Close