February 6, 2025 |

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छत्तीसगढ़

मोदी को प्रधानमंत्री बनाना छत्तीसगढ़ के लिए घाटे का सौदा-भूपेश बघेल

मुख्यमंत्री ने मोदी से फिर मांगे सवालों के जवाब

Gram Yatra Chhattisgarh
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रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को चुनावी सभा को सम्बोधित करने के लिए छत्तीसगढ़ के पावर हब कोरबा आ रहे हैं। आज शाम तीन बजे वह जनता को सम्बोधित करेंगे लेकिन उससे पहले ही छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा है की प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ को कुछ देने के बजाय छीना ज्यादा है। उनका प्रधानमंत्री बनाना छग के लिए घाटे का सौदा है।
लोकसभा चुनाव 2019 के मद्देनजर मंगलवार को प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल प्रदेश कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में मीडिया से रूबरू हुए। उन्होंने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि मोदी जब से पीएम बने छत्तीसगढ़ से सारी चीजें छीनते ही आए हैं। रमन सिंह डर में कुछ नहीं बोल पाए। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस प्रवक्ता शैलेश नितिन त्रिवेदी, गिरीश देवांगन, पूर्व महापौर किरणमयी नायक सहित सभी नेता मौजूद रहे।
मोदी ने छत्तीसगढ़ के साथ सौतेला व्यवहार किया है, जिससे प्रदेश को भारी नुकसान हुआ। इसका खामियाजा प्रदेश के आदिवासी और किसानों को भुगतना पड़ा। सत्ता में आते है मोदी ने बोनस देने पर धान नहीं खरीदने का फैसला लिया। 3 साल तक रमन सिंह ने किसानों को बोनस नहीं दिया। यही बात अगरयूपीए सरकार में होती तो रमन सिंह दिल्ली तक तांडव मचा देते।
रमन सिंह ने प्रदेश के कोयला खदानों को भी बंद करवाए, जिससे प्रदेश को भारी राजस्व का नुकसान हुआ। अगर खदानों की रॉयल्टी मिलती तो छत्तीसगढ़ एक सम्पन्न राज्य होता।यूपीए के कार्यकाल के दौरान छत्तीसगढ़ से 110 ट्रेनें गुजरती थी, लेकिन मोदी शासनकाल में 25 से कम ट्रैन शुरू हुई। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं, कितना सौतेला व्यवहार हुआ है।
एक ओर जहां चावल मिलने से दलभात केंद्र बैंड हो गए वहीं,मिट्टी तेल बंद होने से सुदूर ग्रामीण अंचल के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। आदिवासी बाहुल्य प्रदेश छत्तीसगढ़ में वनाधिकार नियमों में बदलाव किए जाने से प्रदेश की जनता बेघर हो गई।
प्रदेश में 2005 से अब तक 17868 ही आवास ही बन पाए। मनरेगा में मजदूरी भुगतान यूपीए के कार्यकाल में समय पर होता था, लेकिन अब मजदूर भुगतान के लिए भुगत रहे हैं। सरकार ने हवाई चप्पल वालों को हवाई यात्रा का वादा किया, लेकिन वो कभी शुरू ही नहीं हो पाया। स्मार्ट सिटी के नाम पर रायपुर में सिर्फ स्काई वॉक ही बना पाए।

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