March 14, 2025 |

NEWS FLASH

Latest News
सीडी कांड में CBI ने लगाई रिवीजन याचिका, पूर्व सीएम की मुश्किलें बढ़ीं…राज्यपाल को मुख्यमंत्री ने दी होली की शुभकामनाएंतहसीलदार की कार्रवाई से परेशान किसान ने जहर पिया, हालत नाजुकबालको की उन्नति से जुड़ी स्व सहायता समूह की महिलाओं ने बनाया हर्बल गुलालमहिला समूहों का हुनर, आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ता कदमभालुओं के हमले में सफाई कर्मी घायल, राहगीरों ने पहुँचाया अस्पतालस्वरोजगार योजनांतर्गत सहायता से संचिता ने पैतृक व्यवसाय को दी नई दिशाअंधविश्वास एवं सामाजिक कुरीतियों का होगा प्रतीकात्मक होलिका-दहनसमूह की महिलाओं ने कलेक्ट्रेट मे लगाए हर्बल गुलाल क़ा स्टॉलस्वच्छता दीदियों को कचरा प्रबंधन के संबंध में दिया गया प्रशिक्षण
छत्तीसगढ़

फोन टैपिंग, बढ़ सकती है मुकेश गुप्ता की मुश्किलें

Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

रायपुर। नान-फोन टैपिंग प्रकरण पर निलंबित डीजी मुकेश गुप्ता की मुश्किलें बढ़ सकती है। कहा जा रहा है कि गृह विभाग की अनुमति के बिना बड़े पैमाने पर फोन टैपिंग की गई है। यही नहीं, जिन नंबरों को टेप करने की अनुमति ली गई थी, उसकी समयावधि खत्म होने के बाद भी लगातार जारी रही। यह गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है।
हालांकि इस पूरे मामले में ईओडब्ल्यू के आला अफसरों ने जांच का हवाला देकर कुछ भी कहने से मना कर दिया। मगर, गुप्ता के उस बयान के बाद राजनीतिक और प्रशासनिक हल्कों में हलचल मची है जिसमें उन्होंने कहा कि एसीएस (गृह) की लिखित अनुमति और तत्कालीन सीएस के अनुमोदन के बाद ही फोन टैपिंग की गई है। वे यह भी कह गए कि हजारों लोगों के फोन अभी भी टैप हो रहे हैं। पुलिस और प्रशासनिक हल्कों में उनकी इस टिप्पणी को गैर जिम्मेदाराना माना जा रहा है। जबकि खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खुले तौर पर यह कह चुके हैं कि उनके कार्यकाल में किसी भी व्यक्ति की फोन टैपिंग नहीं होगी। वे गैर कानूनी तरीके से फोन टैपिंग को लेकर काफी सख्त दिख रहे हैं।
फोन टैपिंग को लेकर कानून में यह स्पष्ट प्रावधान है कि केंद्र सरकार में केंद्रीय गृह सचिव और राज्य स्तर पर एसीएस (गृह) की अनुमति से ही फोन टैपिंग की जा सकती है। इससे परे आतंकवाद जैसे अपराधों पर रोक लगाने के लिए किसी के फोन के तत्काल टैपिंग की जरूरत हो सकती है। इसके लिए आईजी स्तर के पुलिस अफसरों को केवल 7 दिन के लिए फोन टैपिंग के अधिकार हैं। वह भी किसी सार्वजनिक आपात प्रकृति के लिए किसी अपराध से गठित होने से रोकने के लिए। यह सब तब संभव है जब एसीएस (गृह)से आदेश लेने के लिए पर्याप्त समय न हो। फोन टैपिंग के लिए राज्य स्तर पर एसीएस (गृह) का आदेश जरूरी है। इसमें भी अपराधिक प्रावधानों के उपयोग का जिक्र होना चाहिए।
निलंबित डीजी मुकेश गुप्ता ईओडब्ल्यू-एसीबी के साथ-साथ इंटेलिजेंस चीफ के पद पर रहते बड़ी संख्या में फोन टैप कराए। चर्चा है कि कुछ के लिए अनुमति ली गई थी, लेकिन ज्यादातर फोन नंबर के लिए अनुमति नहीं ली गई। जिनके लिए भी अनुमति ली गई थी, उसकी समय सीमा खत्म होने के बाद भी जारी रही। कहा जा रहा है कि ईओडब्ल्यू-एसीबी में मुकेश गुप्ता की पदस्थापना से पहले कभी भी किसी भी प्रकरण में फोन टैपिंग कर साक्ष्य के रूप में इस्तेमाल नहीं किया गया है। अब चूंकि फोन टैपिंग की गई है, तो उसकी अनुमति से लेकर तमाम प्रक्रिया का पालन होना चाहिए था। पर इसका कोई ध्यान नहीं रखा गया है। जबकि सुप्रीम कोर्ट तक फोन टैपिंग को लेकर सख्त रूख अपना चुका है। ईओडब्ल्यू और एसीबी के पास फोन टैपिंग के कई रिकॉर्ड भी नहीं है। और कारण भी स्पष्ट नहीं है। यह गंभीर प्रकृति का अपराध है। चर्चा है कि बड़ी संख्या में प्रभावशाली लोगों के फोन टैप किए गए हैं। अब जांच आगे बढऩे पर निलंबित डीजी मुकेश गुप्ता की मुश्किलें और बढ़ सकती है।

gramyatracg

Related Articles

Check Also
Close