June 30, 2025 |

NEWS FLASH

Latest News
कोरबा की माटी का गौरव, जनसेवा के पुरोधा डॉ. बंशीलाल महतो की जयंती आज — संघर्ष, सेवा और सादगी के प्रतीक को कोरबा सहित पूरे प्रदेश ने किया नमन”उत्तरकाशी में बादल फटने से मची तबाही: नौ मजदूर लापता, राहत कार्य जारीपुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान भगदड़, तीन की मौतपीएम मोदी ने दिया ‘खाने में 10% तेल कम करो, मोटापा घटाओ’ का नाराबिलाईगढ़ विधायक पर आपत्तिजनक टिप्पणी का मामला गरमाया, कड़ी कार्रवाई की मांगपूर्व विधायक दिनेश चौधरी के नेतृत्व में मन की बात कार्यक्रम संपन्न, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को दी श्रद्धांजलिसरिया क्षेत्र में केजव्हीलयुक्त ट्रैक्टर पर हुई तीसरी बार कार्यवाहीनौकरी दिलाने के नाम पर युवती से 6 लाख की ठगी, आरोपी गिरफ्तारभगवान एक बार जीवन देता है, डॉक्टर बार-बार बचाता हैमुख्यमंत्री से निरंजन पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर डॉ. कैलाशनंद गिरी ने की भेंट
छत्तीसगढ़

पूर्व सीएम रमन सिंह के करीबी अमन सिंह ईओडब्ल्यू के जाँच की चपेट में

Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

रायपुर। कभी छत्तीसगढ़ के सुपर सीएम कहे जाने वाले पूर्व इंडियन रिवेन्यू सर्विसेज (आईआरएस) अधिकारी अमन सिंह अब ईओडब्ल्यू जांच की जद में आ गए हैं। राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री कार्यालय से मिले शिकायती पत्र के आधार पर यह जांच कराने का निर्णय लिया है।
सामान्य प्रशासन विभाग ने आईजी ईओडब्ल्यू को इस जांच के बाबत आदेश जारी कर दिया है। अमन सिंह राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के प्रमुख सचिव पद पर पदस्थ थे।
सामान्य प्रशासन विभाग से जारी आदेश में ईओडब्ल्यू से कहा गया है कि 16 जनवरी को प्रधानमंत्री कार्यालय से प्राप्त पत्र, जिसमें शिकायतकर्ता विजया मिश्रा ने अमन सिंह के खिलाफ आरोप लगाया हैं, की जांच सुनिश्चित की जाए।
पत्र में कहा गया है कि पीएमओ में हुई शिकायतों के संबंध में अब तक कोई जांच नहीं कराई गई थी, इसलिये राज्य शासन ने यह निर्णय लिया है कि शिकायत की जांच एसआइटी गठित कर राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो द्वारा की जाए। राज्य शासन ने ईओडब्ल्यू को निर्देशित किया है कि ब्यूरो द्वारा जांच कार्यवाही करते हुए राज्य शासन को अवगत कराया जाए।
यह है सिंह के खिलाफ शिकायत
गौरतलब है कि दिल्ली की द्वारका में रहने वाली विजया मिश्रा ने चार जनवरी 2019 को प्रधानमंत्री कार्यालय में इमेल के जरिए सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में मिश्रा ने कहा है कि आईआरएस से वीआरएस लेने के बाद सिंह ने संविदा नियुक्ति के दौरान यह तथ्य छिपाया था कि उनके खिलाफ किसी भी तरह की जांच पेंडिंग नहीं है।
जबकि छत्तीसगढ़ में डेपुटेशन से पहले 2001-2002 में कस्टम एंड सेंट्रल एक्साइज डिपार्टमेंट में बंगलुरू में डिप्टी कमिश्नर रहते हुए उनके खिलाफ भ्रष्टाचार से जुड़े एक मामले में जांच की गई थी। भ्रष्टाचार की शिकायत के बाद उन्हें सीबीआइ जांच से गुजरना पड़ा था। कस्टम एंड सेंट्रल एक्साइज के डीजी विजिलेंस ने सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों के तहत चार्जशीट जारी किया था।

Related Articles

Check Also
Close