नामांकन के समय पिता को याद कर भावुक हुए महंत
रायपुर। विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए आज नामांकन दाखिल करते समय डॉ. चरणदास महंत अपने पिता स्व. बिसाहूदास महंत को याद करके भावुक हो गए। नामांकन फार्म में जिस पेन से उन्होंने दस्तखत किया वह उनके पिता की ही थी।
पूराने समय की नीब वाली पेन। नामांकन दाखिल करने के बाद डॉ. महंत ने कहा- छत्तीसगढ़ सादगी, प्रेम और सौहार्द्र के लिए जाना जाता है। मेरी कोशिश रहेगी उसी पथ पर चलूं। आज नामांकन वाले दिन जिस जैकेट को यहां पहनकर आया हूं केले के छिलके की बनी है और इसे बनाने वाले छत्तीसगढ़ के ही लोग हैं।
मुझे कोई विधानसभा अध्यक्ष नहीं बनाया। ये मेरी अपनी इच्छा थी। मैंने कांग्रेस आलाकमान से यह कहते हुए अनुरोध किया था कि मध्यप्रदेश के समय में मंत्री रहा। सांसद चुनाव लड़कर केन्द्र की राजनीति की और वहां भी मंत्री रहा। अब विधानसभा अध्यक्ष जैसे गरिमामय पद पर रहकर छत्तीसगढ़ की सेवा करना चाहता हूं।
यह कांग्रेस आलाकमान का बड़प्पन है कि मुझे विधानसभा अध्यक्ष पद पर काम करने का अवसर दे रहे हैं। मेरी पूरी कोशिश रहेगी छत्तीसगढ़ की विधानसभा को ना सिर्फ राष्ट्रीय बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अलग पहचान मिले।
नमस्कार
मैंने भारत को समृद्धि एवं शक्तिशाली बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी के सदस्यता अभियान के तहत प्राथमिक सदस्यता ग्रहण कर ली है।
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