March 14, 2025 |

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दोमुहानी व चिलहांटी में स्थित सिवेज ट्रीटमेंट प्लांट का कमिश्नर श्री पाण्डेय ने किया निरीक्षण

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बिलासपुर। दोमुहानी व चिलहांटी में स्थित सिवेज ट्रीटमेंट प्लांट का कमिश्नर श्री पाण्डेय ने निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने एसटीपी की तकनीकी जानकारी लेने के साथ कार्यप्रणाली को देखा। इसपर उन्होंने तय लक्ष्य के तहत एसटीपी से कार्य करने कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। निगम प्रशासन द्बारा शहर के सिवेज वाटर को ट्रीटमेंट करने दोमुहानी में 42 करोड़ की लागत से 54 एमएलटी कार्यक्षमता और चिलहांटी में 14 करोड़ की लागत से 17 एमएलडी कार्यक्षमता का सिवेज ट्रीटमेंट प्लांट है। प्लांट का निर्माण जियोमिलर कंपनी ने किया है और यह आगे तीन साल तक इसका मेंटनेंस भी करेगा। दोनों सिवेज ट्रीटमेंट प्लांट का कमिश्नर प्रभाकर पाण्डेय ने निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने ट्रीटमेंट प्लांट के हर एक स्टेप के बारे में प्रायोगित तौर पर जानकारी ली। इस दौरान बताया गया कि सिवेज का पानी पहला टैंक में आएगा में आएगा। यहां सिवेज के पानी में 5० एमएम तक के कचरा को अलग करने का कार्य होगा। इसके बाद यह पानी दूसरे टैंक में जाएगा, जहां अन्य बड़े कचरे की सफाई जैसे पन्नी, प्लास्टिक, कांच, धूल, कंकण, मिट्टी को मशीन आटोमेटिक अलग कर देगी। यह कचारा आटोमेटिक टैंक के बाहर खाली स्थान पर कन्वेयर बेल्ट से माध्यम से गिरेगा। इसी तरह सिवेज से खाद् बानने के लिए एक अन्य मशीन काम करेगी जो आटोमेटिक सिवेज को उस कंपाट में ले जाएगा और वहां सिवेज से खाद् के रूप में केक बनेगा। इसके बाद एक अन्य टैंक में पानी जाएगा, जहां अंतिम तौर पर लगे वाटर मोटर और राउटर के माध्यम से पानी की सफाई होगी। इसके बाद ट्रीटमेंट पानी टैंक से ओवरफ्लो होकर सिटैक के माध्यम से नदी में जाएगा। एसटीपी के पूरे कार्यप्रणाली व क्षमता की जानकारी लेने के बाद कमिश्नर श्री पाण्डेय ने कहा कि सिवेज के पानी को साफ का नदी में छोड़ने की यह योजना महत्वपूर्ण है। इससे एक ओर जहां नदी के पानी का प्रदुषण खत्म होगा। नदी का पानी स्वच्छ होगा तो दूसरे तरफ सिवेज का खाद् बनाने और इससे आय लेने जैसे काम होगा। इस दौरान उन्होंने तय लक्ष्य के तहत एसटीपी से कार्य लेने कार्ययोजना बनाने के निर्देश अधिकारियों को दिए। निरीक्षण के दौरान कार्यपालन अभियंता पीके पंचायती, सुरेश बरूआ सहित जिवोमिलर के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे

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