August 7, 2025 |

NEWS FLASH

Latest News
15 कॉलेजों में निकली भर्ती, सफाईकर्मी-चौकीदार पद है खालीगर्ल्स हॉस्टल्स के लिए होमगार्ड की भर्ती निकली, कलेक्टर ने दिए निर्देशहिरण मांस पकाने की तैयारी में थे 6 लोग, खून के धब्बे मिलने पर वन विभाग ने दबोचाबस स्टैंड टेलीफोन एक्सचेंज मार्ग का नाम अब ‘महाराजा अग्रसेन मार्ग’बालोद के पास ट्रेन पटरी में मिली लाशरोजगार सहायक को किया गया पद से पृथकहर घर तिरंगा अभियान : बिहान की दीदियां देश सेवा में जुटीं, डेढ़ लाख तिरंगा बनाने का मिला ऑर्डरअवैध रेत भंडारण एवं परिवहन पर कड़ी कार्रवाईश्री रामलला दर्शन अयोध्या धाम योजना से बुजुर्गों को तीर्थयात्रा का मिल रहा सौभाग्यस्वतंत्रता का उत्सव, स्वच्छता के संग थीम के पर जनपद पंचायत डोंगरगांव में निकाली गई तिरंगा रैली
छत्तीसगढ़

खूंटाघाट व खारंग जलाशय से रबी फसल के लिए किसानों को नहीं मिलेगा पानी, बढ़ी चिंता

सिंचाई के साधन वाले खेतों में 12-12 घंटे चल रहें ट्यूबवेल, जल संकट का खतरा गहराया

Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

बिलासपुर। खारंग डिवीजन के खूंटाघाट बांध में इन दिनों 4० फीसदी पानी भरा हुआ है। खरीफ फसल को पानी देने के बाद बचा यह पानी ग्रीष्मकाल में सूख्ो तालाबों को भरने के लिए उपयोग किया जाएगा, ताकि लोगों को निस्तारी के लिए पानी मिल सके। लिहाजा रबी फसल में इस जलाशय से किसानों को सिचाई के लिए पानी नहीं मिल पाएगा।
जिले के किसान बड़ी उम्मीद में रबी फसल लगा चुके हैं, मगर उन्हें बांध में पानी नहीं होने के कारण सिंचाई का लाभ नहीं मिल पाएगा। धान का समर्थन मूल्य और बोनस मिलने से गदगद किसानों ने अब दो फसली के रुप में ग्रीष्मकालीन धान की रोपाई शुरु कर दी है। जिन किसानों के पास सिंचाई के साधन हैं वो दिन-रात पंप रहे हैं। लेकिन जिनके पास सिंचाई के साधन नहीं हैं और जो नहरों के सहारे ख्ोतों में ग्रीष्मकालीन धान, गेंहू के फसल ले रहे हैं, उन किसानों को पानी नहीं मिलने से काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
० घोंघा जलाशय में 21 प्रतिशत पानी
जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की मानें तो खूंटाघाट के साथ घोंघा जलाशय से भी इस बार किसानों को पानी नहीं मिल पाएगा। कोटा तहसील में बीते मानसून में बारिश कम हुई थी। इसके चलते घोंघा जलाशय में जलभराव काफी कम रहा।
इस जलाशय में वर्तमान में महज 21 फीसदी पानी है, इसलिए रबी फसल में इस जलाशय से सिचाई के लिए पानी नहीं दिया जा सकता। लिहाजा किसानों को रबी फसल के लिए टñूबवेल पर ही आश्रित रहना होगा।

Related Articles

Check Also
Close