August 7, 2025 |

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छत्तीसगढ़

आदिवासी किसानों को जेल भेजने के मामले में जांच शुरू

Gram Yatra Chhattisgarh
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रायपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर में कर्ज न चुका पाने की वजह से जेल भेजे गए किसानों के मामले की जांच शुरू हो गई है। इसके बाद सरकार की पहल पर बस्तर जिला प्रशासन ने दंडाधिकारी जांच बिठा दी है। डीजीपी के निर्देश पर पुलिस ने भी जांच शुरू कर दी है।
अब तक हुई जांच में पता चला है कि आदिवासी किसानों से दलालों और बैंक अफसरों ने धोखाधड़ी की है। मामले की पुष्टि हुई तो सरकार दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करेगी। जेल भेजे गए किसानों को जमानत दिलाने की कोशिश की जा रही है।
बस्तर कलेक्टर डॉ. अय्याज तंबोली ने कहा है कि किसानों को मुफ्त कानूनी सहायता दिलाई जा रही है। उन्होंने बताया कि अनुविभागीय अधिकारी (एसडीएम) जीआर मरकाम को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है।
ज्ञात हो कि बस्तर जिले के माड़पाल निवासी तुलाराम मौर्य और बस्तर निवासी सुखदास को खेती के लिए ऋण लेने पर जेल जाना पड़ा है। भारतीय स्टेट बैंक की कृषि विकास शाखा ने चेक बाउंस होने पर दोनों किसानों के विरूद्ध न्यायालय में परिवाद दायर किया था।
प्रथम श्रेणी मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने तुलाराम मौर्य और सुखदास को नेगोशियेबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट 1881 की धारा 138 के तहत न्यायिक अभिरक्षा में जगदलपुर जेल भेज दिया है। किसानों का आरोप है कि दलालों और बैंक अफसरों की मिलीभगत से उन्हें धोखा दिया गया है।
कलेक्टर ने बताया कि जांच अधिकारी मरकाम के समक्ष दिए बयान के मुताबिक प्रथम दृष्टया यह धोखाधड़ी का ही मामला लग रहा है। किसानों की शीघ्र जमानत के लिए जिला प्रशासन ने वकील नियुक्त किए हैं। धोखाधड़ी के मामले में बैंक, दलालोें और अन्य लोगों की भूमिका की गहराई से जांच की जा रही है।
तुलाराम मौर्य ने 16 नवंबर 2009 को भारतीय स्टेट बैंक की कृषि विकास शाखा से किसान क्रेडिट कार्ड का तीन लाख रुपये, ड्रिप के लिए दो लाख तीन हजार रुपये और फेंसिंग के लिए 60 हजार रुपये कर्ज लिया था। इसी तरह का मामला सुखदास का भी है।
डीजीपी डीएम अवस्थी ने बस्तर एसपी को धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर जांच करने को कहा है। उन्होंने कहा कि दोनों किसान अशिक्षित हैं और बेहद गरीब भी हैं। उन दोनों के पांच-पांच एकड़ खेत में ड्रिप एरीगेशन का प्रस्ताव बनाया गया और एक एकड़ में काम कर बाकी पैसा दबा लिया गया। यह धोखाधड़ी का मामला है। प्रशासन अपनी जांच कर रहा है लेकिन अगर ठगी हुई है तो पुलिस का मामला तो बनता ही है। अवस्थी ने कहा कि पुलिस प्रदेश में इस तरह किसानों से ठगी के जितने भी मामले हैं सभी की जांच करेगी।

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