छत्तीसगढ़

सौभाग्य योजना का लाभ अब छत्तीसगढ़ के लोगों को नहीं मिल पाएगा

रायपुर । सौभाग्य योजना के तहत अब प्रदेश में लोगों को बिजली कनेक्शन नहीं मिलेगा। केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ पावर कंपनी को इस योजना को बंद करने के निर्देश दिए हैं। इससे अब उन 20 हजार की आबादी की चिंता बढ़ गई है, जिन्हें आज तक बिजली की सुविधा नहीं मिल पाई है।
केंद्र सरकार ने सितंबर 2017 में सौभाग्य बिजली योजना की शुरुआत की थी। मार्च 2019 तक देश के सभी गांवों तक इसके माध्यम से बिजली (श्वद्यद्गष्ह्लह्म्द्बष्द्बह्ल4) पहुंचानी थी। गरीब उपभोक्ताओं को योजना के तहत बिजली सेवा से जोडऩे का लक्ष्य रखा गया था। प्रदेश के 6 लाख से अधिक लोगों को इसका लाभ देना था। लेकिन बिजली कंपनी समय-सीमा में योजना को अमलीजामा नहीं पहुंचा सका। योजना बंद होने से 20 हजार लोगों के लिए समस्या आ गई है।
इन जिलों को नहीं मिला योजना का लाभ
सौभाग्य योजना के तहत बिजली कंपनी बीजापुर, सुकमा, नारायणपुर जिले के अधिकतर उपभोक्ताओं तक बिजली नहीं पहुंचा पाई। इसका कारण बताया जा रहा है, माओवादी गतिविधियां और वन पहाड़ों से घिरा हुआ क्षेत्र। विभाग को सबसे अधिक माओवादियों की वजह से परेशानी हुई।
विभागीय जानकारी के अनुसार बिजली कंपनी वंचित उपभोक्ताओं को बिजली सुविधा से जोडऩे के लिए अब अलग से बजट मांगने की तैयारी कर रही है। बजट मिलने में लंबा समय लग सकता है। दरअसल केंद्र को योजना की पूरी रिपोर्ट और रूपरेखा तैयार कर देने और वहां से बजट की स्वीकृति में अधिक समय लग सकता है।
केेडा के माध्यम से पहुंचाएंगे बिजली
– अधिकारियों ने बताया कि करीब 20 से 25 हजार कनेक्शन बाकी है, वह माओवाद प्रभावित और जंगल क्षेत्र में है। वहां तक बिजली पहुंचाने में काफी समय लग रहा है। इस वजह से अब क्रेडा के माध्यम से इन उभोक्ताओं के घरों तक सौर ऊर्जा से बिजली पहुंचाई जाएगी।
करीब 20 हजार उपभोक्ता छूट गए हैं
डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के ईडी जेआर नेताम ने बताया कि सौभाग्य योजना के तहत 31 मार्च 2019 तक लक्ष्य पूरा करना था। अब योजना बंद हो गई है। प्रदेश में लगभग 20 हजार उपभोक्ताओं को लाभ नहीं मिला है। इसमें बीजापुर, सुकमा, नारायणपुर के प्रभावित इलाके के उपभोक्ता हैं। अब उन्हें क्रेडा के माध्यम से बिजली सुविधा दी जाएगी। केंद्र से मंजूरी के बाद ही काम शुरू होगा।

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