
अमरावती में फेसबुक पर नूपुर शर्मा को सपोर्ट करने वाले उमेश कोल्हे की हत्या के मामले में सात आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। इनमें मुख्य आरोपी शेख इरफान शेख रहीम भी शामिल है। जांच में सामने आया है कि इरफान रायबर हेल्पलाइन नाम की एनजीओ चलाता है। सूत्रों के मुताबिक उसे नागपुर से गिरफ्तार किया गया है। वहीं गिरफ्तार छठे आरोपी डॉ. यूसुफ खान उर्फ बहादुर को 5 जुलाई तक पुलिस कस्टडी में भेजा गया है। इसे शनिवार को ही पकड़ा गया है। इस सिलसिले में वारदात वाले दिन 21 जून की रात साढ़े 10 बजे प्रभात चौक के पास महिला महाविद्यालय के पास का एक सीसीटीवी फुटेज भी जारी की गई है, जिसमें दो आरोपियों को उमेश कोल्हे के पीछे जाते हुए देखा गया। फिर वारदात के बाद वे भागते हुए भी दिखे।
गौरतलब है कि उदयपुर में जिस तरह से टेलर कन्हैयालाल की बर्बरता से हत्या हुई है, ठीक उसी तरह की वारदात 21 जून को उदयपुर से 740 किलोमीटर दूर महाराष्ट्र के अमरावती में भी हुई थी। यह दावा स्थानीय भाजपा नेताओं की ओर से किया जा रहा है कि अमरावती में उमेश कोल्हे नाम के दवा व्यापारी ने फेसबुक पर निलंबित भाजपा नेता नूपुर शर्मा के समर्थन में एक पोस्ट लिखी थी, जिसके स्क्रीनशॉट को कुछ अन्य संदिग्ध ग्रुप में वायरल कर दिया गया। इसके बाद उनकी हत्या कर दी गई थी।
सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने इस मामले की जांच शुरू की है। वहीं सांसद नवनीत राणा ने इस मुद्दे पर गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिख महाराष्ट्र पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
पुलिस ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेस में माना कि यह हत्या नूपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट लिखने की वजह से ही हुई है। अमरावती के डीसीपी उमेश साल्वी ने कहा, ‘उमेश कोल्हे की हत्या नूपुर शर्मा की पोस्ट वायरल होने के कारण हुई थी।’
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, एक आरोपी ने पूछताछ में बताया है कि उसे एक NGO संचालक ने उमेश को मारने के लिए कहा था। उमेश को मारने के लिए दो टीमें लगाई गई थीं। एक टीम को फोन करके उमेश के कॉलेज के पास पहुंचने की पुष्टि की गई और फिर उन पर हमला हुआ। स्थानीय पुलिस के मुताबिक, यहां बीच सड़क पर मेडिकल शॉप के संचालक उमेश प्रह्लाद कोल्हे (54) को गर्दन पर चाकू से वार कर तीन लोगों ने मौत के घाट उतार दिया। तीनों आरोपी घंटाघर हनुमान मंदिर की गली में नूतन कॉलेज के गेट के पास घात लगाकर बैठे थे और जैसे ही उमेश वहां पहुंचे आरोपियों ने उन पर हमला कर दिया।

बेटा न होता तो गर्दन काट सकते थे आरोपी
उमेश के बेटे संकेत ने बताया, ‘यह घटना जब हुई तो मैं पिता से 15 मीटर की दूरी पर अपनी पत्नी के साथ था। वे तीन लोग थे, अचानक बाइक से उतरे और पिताजी के गले के नीचे हमला कर दिया। वे उनकी गर्दन काटना चाहते थे, लेकिन मुझे आता देख वे भाग निकले।’
क्या यह उदयपुर जैसा कांड हो सकता है? इस पर बेटे ने कहा कि हम अभी किसी भी संभावना को नहीं बता सकते, क्योंकि जांच अभी जारी है। संकेत ने यह भी पुष्टि की है कि NIA के अधिकारी इस जांच के लिए अमरावती पहुंचे हैं।
बेटे संकेत का कहना है कि इस घटना के बाद उसने मदद की आवाज लगाई और लेकिन हमलावर फरार हो चुके थे। आसपास के कुछ लोगों की मदद से उमेश को पास के ही एक्सॉन अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान ही उनकी मौत हो गई। उदयपुर की घटना के बाद अब हमें अपनी सिक्योरिटी की चिंता भी है, लेकिन हमें अमरावती पुलिस पर पूरा भरोसा है।’
पिता ने नूपुर शर्मा के समर्थन में क्या कोई पोस्ट किया था, इस पर संकेत ने कहा कि मैंने उनका फोन कभी चेक नहीं किया।