छत्तीसगढ़

प्रशासकीय प्रतिवेदनछपकर पहुंचने में विलंब , विधानसभा की कार्यवाही स्थगित

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में चौथे दिन बजट चर्चा के लिए प्रशासकीय प्रतिवेदन सदन में नहीं पहुंच पाया। इस कारण बुधवार को विधानसभा की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। आज दो विभागों की अनुदान मांगों पर चर्चा होनी थी। सदन से बाहर स्वास्थय मंत्री टीएस सिंहदेव ने इस चूक को स्वीकार करते हुए कहा, कहां गलती हुई देखेंगे, जो हुआ अच्छा नहीं हुआ।
बुधवार की कार्य सूची के में दो मंत्री टीएस सिंहदेव के पंचायत, स्वास्थ्य और वाणिज्यकर एवं गृह, लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू के विभागों पर चर्चा होनी थी। मंत्री टीएस सिंहदेव ने सदन में घोषणा कर दी कि तकनीकी चूकK के कारण प्रतिवेदन सभी को नहीं मिल पाया है, जिसका मुझे खेद है। आसंदी से आग्रह है कि चर्चा का समय आगे बढ़ा दिया जाए। विधानसभा अध्यक्ष डा. चरणदास महंत ने मंत्री के आग्रह पर कार्यवाही गुरुवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने सदन के बाहर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि समय पर प्रतिवेदन नहीं पहुंचने के कारण मंत्री ने खेद व्यक्त करते हुए कार्यवाही आगे करने की मांग की है। जिसके कारण आज की कार्यवाही स्थगित हुई। यह सरकार और अधिकारियों की बड़ी चूक है, समय की बर्बादी है। सदन को लेकर तंत्र का दृष्टिकोण समझ में आ रहा है, जो हुआ अच्छा नहीं हुआ। भविष्य में ऐसी घटना न हो।
जकांछ विधायक दल के नेता धर्मजीत सिंह ने कहा कि सरकार के मंत्री और विभाग की बड़ी चूक है। यह विधानसभा की अवमानना है। नई सरकार मितव्ययिता की बात करती है तो उसे इस प्रकार के कृत्यों से बचना भी होगा। वैधानिक कार्यों पर सरकार अपेक्षित रूप से ध्यान दे। अवैधानिक कार्यों पर अपना समय न जाया करें। इसी से प्रतीत होता है कि सरकार सदन के प्रति कितनी गंभीर है।
विधानसभा के इतिहास में यह पहली घटना
पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने कहा कि सन 90 से विधानसभा का सदस्य हूं। विधानसभा के इतिहास में यह पहली घटना है। यह गंभीर चूक है। यह सरकार की सोच बताती है। सरकार के अधिकारी किस दिशा में सोच रहे हैं। विभाग के बजट के लिए तारीख तय हो गया। विधायकों को प्रतिवेदन नहीं दिया गया। बगैर इसके चर्चा कैसे होगी। पहली बार यह चूक हुई है। सरकार की शुरुआत के लक्ष्य दिख रहे हैं। यह घटना सरकार की अपने काम के प्रति लापरवाही बता रही है। सदन में मंत्री ने गलती स्वीकार करते हुए माफी मांगी है। सरकार आवश्यक चीजों को छोड़कर गैर जरुरी कामों और एसआईटी गठन में लगी हुई है। उसका ये परिणाम है कि सदन में इस प्रकार की स्थिति निर्मित हुई और यह सरकार की कार्यशैली को भी दर्शाता है।
प्रतिवेदन छपकर पहुंचने में विलंब
टीएस सिंहदेव ने कहा कि प्रतिवेदन छपकर पहुंचने में विलंब हुआ। हम चर्चा के लिए तैयार थे, लेकिन विपक्ष के सदस्यों का कहना था कि हमें चर्चा के लिए थोड़ा और वक़्त चाहिए। 15 साल सत्ता में रहने के बाद भी विपक्ष के सदस्यों को तैयारी के लिए और समय चाहिए था। उन्होंने आगे कहा कि मेरी अजय चंद्राकर से व्यक्तिगत चर्चा हुई थी। उन्होंने कहा कि हमें और वक्त चाहिए। विपक्ष का कहना था कि हमने पूरा प्रतिवेदन नहीं पढ़ा है। इसे पढऩे के लिए और समय चाहिए। सत्ता चर्चा के लिए पूरी तरह तैयार थी मगर विपक्ष के आग्रह पर इसे 1 दिन के लिए आगे बढ़ाया गया। टीएस सिंहदेव ने सदन के बाहर इस चूक को स्वीकार करते हुए कहा कि कहां कैसे क्यों चूक हुई इसको देखेंगे, जो हुआ अच्छा नहीं हुआ, इसके लिए मैं स्वयं अपनी गलती स्वीकार करता हूं।

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